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Sunday, 22 December, 2024
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RSS ने UP की सफलता का ताज रखा योगी के सिर, बताया- नए युग के स्वामी विवेकानंद

योगी आदित्यनाथ पिछले 37 सालों में पहले ऐसे मुख्यमंत्री है जिन्होंने पांच वर्ष का कार्यकाल पूरा करने के बाद लगातार दूसरी बार फिर यह पद हासिल किया है. उन्होंने अपनी सीट पर एक लाख से अधिक वोटों से जीत हासिल की है.

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नई दिल्ली: 2022 के यूपी विधानसभा चुनावों में गुरुवार को भाजपा के स्पष्ट बहुमत हासिल करने—पार्टी 403 सीटों में से 255 पर जीती है—के कुछ ही घंटों बाद पार्टी के वैचारिक स्रोत राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने यूपी के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की सराहना की.

आरएसएस की कार्यकारिणी समिति के सदस्य राम माधव ने दिप्रिंट को बताया, ‘चुनाव नतीजों ने बहुत स्पष्ट संदेश दिया है कि अगले कुछ वर्षों में मोदी-योगी की जोड़ी को कहीं से कोई चुनौती नहीं मिलने जा रही. और एक मुख्यमंत्री के तौर पर कोई भी योगी की बराबरी नहीं कर सकता.’

उन्होंने कहा, ‘कोई तो कारण होना चाहिए जिसके लिए लोगों ने मतदान किया. विपक्ष ने उनके नाम रखे, भाजपा को ‘हिंदुत्व पार्टी’ कहा, क्योंकि कोई भी मुख्यमंत्री के तौर पर उनकी ईमानदारी पर सवाल नहीं उठा सकता था. वह निष्पक्ष और गैर-भेदभावपूर्ण रुख अपनाए रहे हैं.’

यूपी के मुख्यमंत्री ने इस चुनाव में व्यक्तिगत जीत भी हासिल की है—यह उनका पहला विधानसभा चुनाव था और उन्होंने अपनी सीट एक लाख से अधिक वोटों से जीती. वह गोरखपुर (शहरी) निर्वाचन क्षेत्र से मैदान में उतरे थे. इस जीत के साथ वह 37 सालों में पहले ऐसे मुख्यमंत्री बन गए हैं जिन्होंने पांच साल का कार्यकाल पूरा करने के बाद लगातार दूसरी बार यह पद हासिल किया है.

आरएसएस के स्थानीय पदाधिकारियों ने योगी आदित्यनाथ की सराहना करते हुए कहा कि उनके कामकाज ने 2022 के यूपी चुनावों में भाजपा की व्यापक जीत सुनिश्चित की है, खासकर तब जबकि चुनाव पूर्व मोदी सरकार की तरफ से लाए गए विवादास्पद कृषि कानूनों—जो अब निरस्त हो चुके हैं—पर जनता की नाराजगी और अन्य तमाम मुद्दों की वजह से पार्टी के प्रदर्शन को लेकर तरह-तरह की आशंकाएं जताई जा रही थीं.

गोरक्ष (गोरखपुर क्षेत्र) के प्रांत प्रचारक सुभाष जी—जो कि यहां 62 सीटों का प्रभार संभाल रहे थे—ने कहा, ‘मोदी जी ने पार्टी के सर्वोच्च नेता के तौर पर जीत में योगदान दिया है, क्योंकि उन्होंने राज्य भर में प्रचार किया था. लेकिन इससे भी बड़ी बात यह है कि पिछले पांच वर्षों में जमीनी स्तर पर योगी जी के कामकाज ने (पार्टी के पक्ष में) अहम भूमिका निभाई.’

उन्होंने कहा, ‘हम पिछले चार महीनों से जमीनी स्तर पर सक्रिय हैं, लोगों से बात कर रहे थे और स्थिति का विश्लेषण कर रहे थे. मुख्यमंत्री के खिलाफ कोई नाराजगी नहीं थी.’

‘संघ के मूल्यों’ को आगे बढ़ाया

यह बताते हुए कि मोदी ‘पार्टी का चेहरा’ थे जबकि अपने कामकाज के बूते जमीनी स्तर पर आदित्यनाथ कैसे पार्टी लिए ‘प्रमुख धावक’ बने, संघ के आरएसएस के एक वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा, ‘पी.टी. उषा जी जब जीतती हैं, तब पदक तो गले में पहनाते हैं, लेकिन दौड़ते तो उनके दो पैर ही हैं.’

अन्य पदाधिकारियों ने मुख्यमंत्री की सराहना करते हुए उन्हें ‘संघ परिवार के मूल्यों को आगे बढ़ाने वाला’ और ‘नए जमाने के स्वामी विवेकानंद’ तक बताया.

नाम जाहिर न करने की शर्त पर आरएसएस के एक दूसरे वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘अपने समर्पण भाव और लोगों की सेवा करने की इच्छा को देखते हुए योगी हमारे लिए नए जमाने के स्वामी विवेकानंद हैं. वह मोदी के संपूरक हैं. 2014 में मोदी सत्ता में आए और 2017 में योगी को मुख्यमंत्री बनाया गया. मोदी-योगी की यह जोड़ी देश को लेकर संघ के सपनों को पूरा करने वाली साबित होगी. उन्होंने खुद को राष्ट्रीय पहचान से जोड़ा है.’

उन्होंने आगे कहा, ‘योगी संघ ही नहीं, भारतीय संस्कृति और परंपरा में भी अपनाए जाने वाले मूल्यों की अभिव्यक्ति हैं.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें.)


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