नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वंय सेवक संघ की देशभर में अपनी जिला इकाइयों पर स्वयं सेवकों शाखा लगाने की अनुमति दे दी है. लेकिन संघ ने इसके लिए अपनी तरफ से एक गाइडलाइन भी जारी की है जिसमें बताया कोविड-19 से बचाव के साथ शाखा कैसे लगाई की जानकारी दी गई है.
आरएसएस के वरिष्ठ पदाधिकारी ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया, ‘संघ की शाखा लगाने के लिए हमने सभी जिला स्तर पर इकाइयों को कहा है कि वे स्थानीय जिला प्रशासन के निर्देशों का ध्यान रखते हुए शाखा लगाएं.’
पदाधिकारी ने यह भी कहा, ‘हमने निर्देशित किया है कि किसी भी जिले या शहर के कंटनमेंट जोन में शाखा का आयोजन नहीं किया जाए.’
उन्होंने कहा, ‘जिस भी क्षेत्र या मैदान में शाखा लग रही है वहां एक-एक घंटे के अंतराल में शाखा लगाई जाए ताकि भीड़ एकत्र नहीं हो सके. शाखा के दौरान चेहरे पर मास्क अनिवार्य होगा.’
सोशल डिस्टेंसिंग पर रहेगा ध्यान
शाखा के दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पूरी तरह से पालन किए जाने के निर्देश दिए हैं. उन्होंने यह भी बताया, ‘प्रार्थना और सूर्य नमस्कार के आयोजन में जो सोशल डिस्टेंसिंग होती है लेकिन किसी ऐसे खेल की मनाही है जिसमें सामाजिक दूरी का पालन ठीक तरीके से नहीं होता है.’
‘शाखा की जानकारी स्थानीय प्रशासन को भी दी जा रही है. वहीं शाखा में आए स्वयंसेवकों की जांच के लिए थर्मल स्क्रीनिंग, थर्मल गन के जरिए की जाएगी. वहीं पहले और बाद में हाथों को धोने की व्यवस्था भी की जाएगी.स्वच्छता सुनिश्चित हो इसका भी ध्यान रखा जाएं.’
‘आरोग्य सेतु एप के जरिए उस क्षेत्र में कितने कोरोना मरीज है ये अवश्य ध्यान में रखकर ही इसका आयोजन हो.वहीं कोविड 19 से कैसे बचाव हो इसका भी प्रचार प्रसार लोगों में किया जाएं.’
शाखा की जानकारी देते हुए आरएसएस के एक दूसरे वरिष्ठ पदाधिकारी ने कहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय द्वारा जारी किए गए नए दिशा निर्देशों के अनुसार जिसमें कहा गया है कि 21 सितंबर से एक जगह 100 लोग इकट्ठे हो सकते हैं. 29 अगस्त को जारी किए गए दिशा-निर्देशों में सामाजिक, शैक्षणिक, खेल, मनोरंजन, सांस्कृतिक, धार्मिक, राजनीतिक कार्यों और अन्य सभाओं में 50 से 100 लोगों को शामिल होने की अनुमति दी गई है.
संघ प्रमुख ने भी कहा था घरों से ही करें प्रार्थना
कोरोना काल के चलते देशभर में स्वयं सेवक ऑनलाइन शाखा लगा रहे थे. इसमें जूम एप के माध्यम के जरिए एक साथ दर्जनों स्वयंसेवक अपने घरों से मोबाइल या लैपटॉप के जरिए इससे जुड़े थे.
घरों में लगने वाली कुटुंब शाखा में स्वयं सेवक के घर में उनके परिजन भी शामिल हो रहे थे. इस दौरान वे संघ प्रार्थना कर सूर्य नमस्कार, योग, महापुरुषों पर बौद्धिक चर्चा आदि करते थे.
संघ प्रमुख मोहनराव भागवत ने भी अपने उद्बोधन में कहा था कि स्वयंसेवक अपने घरों पर ही संघ की प्रार्थना करें.