नई दिल्ली: राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सर कार्यवाह भैय्याजी जोशी ने शुक्रवार को कहा, ‘एनआरसी पूरे देश में लागू होना चाहिए. किसी भी सरकार का कार्य (काम) है कि देश में घुसपैठियों की पहचान करे और नीति बना कर उसके आधार पर उचित कार्रवाई करे. अभी तक यह प्रयोग केवल असम में हुआ है इसे पूरे देश में लागू किया जाना चाहिए.’
उन्होंने यह भी कहा कि सरकार का काम है कि देश में रहने वाले लोगों को चिन्हित करे और जो भारत के नागरिक नहीं है, उसे देश से बाहर करे. यह किसी भी ‘वर्ग विशेष के खिलाफ’ नहीं है. उन्होंने यह भी कहा कि ‘एनआरसी जैसी प्रक्रिया अन्य देशों को भी लागू’ करना चाहिए.
राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ की तीन दिवसीय अखिल भारतीय कार्यकारिणी की बैठक के आखिरी दिन भुवनेश्वर में मीडिया से बातचीत में जोशी ने श्रीराम मंदिर के फैसले के सवाल के जवाब में कहा कि समझौते की प्रक्रिया शुरू की गई थी, लेकिन यह सफल नहीं हो सका. अब सुप्रीम कोर्ट का निर्णय आना है. जो भी कोर्ट का फैसला आएगा. उसे भी देखेंगे.
‘देश के साथ संघ परिवार को भी इस फैसले का इंतजार है.’
‘हमारा यह मानना रहा है कि अयोध्या में श्रीरामजन्मभूमि पर मंदिर निर्माण को लेकर सभी बाधाओं को समाप्त किया जाना चाहिए. हम आशा करते हैं कि निर्णय हिन्दुओं के पक्ष में आयेगा.’
बंगाल में हो रहीं हिंदुओं की हत्या पर सरकार उठाए कठोर कदम
जोशी ने बंगाल में हो रही हिंदुओं की हत्या के सवाल के जवाब में कहा, ‘किसी भी सरकार का दायित्व है कि उसके नागरिकों की समुचित सुरक्षा सुनिश्चित करे. यह दुर्भाग्यपूर्ण है कि पश्चिम बंगाल में वामपंथी शासनकाल में प्रारंभ विरोधी विचारधारा के प्रति प्रारंभ हिंसा का चक्र वर्तमान सरकार के बाद भी अबाध गति से चल रहा है.’
उन्होंने आगे कहा कि सरकार को वहां हो रही हत्याओं को रोकने के लिए सख्त कदम उठाना चाहिए. पहले जो बंगाल कभी शांतिप्रिय था आज वहां हत्याओं का दौर चल पड़ा है.
कामन सिविल कोर्ट देश के लिए जरुरी
जोशी ने कॉमन सिविल कोर्ट के जवाब में कहा, ‘समान आचार संहिता लागू करने की मांग काफी पुरानी है. संविधान निर्माण के समय ही इसका फैसला हो जाना चाहिए था. यह सभी के हित में है और किसी भी देश में उसके नागरिकों के लिए एक समान कानून होना ही चाहिए. देश के विकास के लिए यह बेहद जरुरी कदम है. कानूनों के अलग अलग होने से लोग इससे बचने की कोशिश करते है. इस कारण सरकार को इसे जल्द से जल्द लागू करना चाहिए.’
कश्मीर पर धारा 370 के सवाल पर उन्होंने कहा, ‘सुरक्षा कारणों से कश्मीरी पंडितों को अपने घरों से पलायन करना पड़ा था, हम चाहते हैं कि कश्मीर में सुरक्षा का पुन: वातावरण बने, ताकि कश्मीरी हिन्दू समाज की उनकी अपने घरों में वापसी हो सके.’