नई दिल्ली: कोरोनावायरस के खिलाफ लड़ाई में राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ और विश्व हिंदू परिषद् भी मैदान में उतर आए हैं. संघ के कार्यकर्ता लोगों को बीमारी के प्रति जागरुक कर रहे हैं साथ ही लोगों को सेनेटाइजर, मास्क और जरूरत की दवाईयां भी मुहैया करा रहे हैं. इधर, वीएचपी ने गरीब जरुरतमंदों के भोजन के लिए सहायता केंद्र खोल दिया है. वहीं एक बैंक में खाता भी खोला गया है जिसमें लोगों से स्वेच्छा से राशि दान देने की अपील भी की गई है.
संघ के स्वयं सेवक देश के अलग-अलग हिस्सों में जरुरतमंद लोगों तक राहत पहुंचाने में जुटे हुए हैं. इस दौरान वह भोजन से लेकर, सेनेटाइजर, मास्क, दवाईयां और अन्य राहत सामग्री वितरित कर रहे हैं. देश के अलग-अलग राज्यों में स्वयंसेवक बस्तियों में जाकर न केवल मास्क वितरित कर रहे साथ ही स्वच्छ जीवन शैली बनाए रखने के लिए भी प्रेरित कर रहे है. इसके अलावा कैसे लोग कोरोनावायरस संक्रमण की चपेट में आने से बचें इसके तौर -तरीके पर भी लोगों को जागरूक कर रहे हैं. वहीं संघ ने अपने करीब 70 हजार शाखा और उनके जुड़े सहयोगियों को भी इसमें प्राथमिकता से शामिल होने के लिए कहा है.
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राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सरकार्यवाह भैयाजी जोशी ने पिछले दिनों ही स्वयंसेवकों से कोरोना के खिलाफ लड़ाई में स्थानीय प्रशासन के साथ जुटने का आह्वान किया था. उन्होंने कहा था कि स्वयंसेवक छोटी-छोटी टीमें बनाकर समाज में स्वच्छता, स्वास्थ्य जागरुकता लाने का कार्य करें. साथ ही स्वयंसेवक जरुरतमंदों के खाद्य सामग्री के वितरण की भी व्यवस्था में जुटें. इस आह्वान के बाद से ही देश के अलग अलग राज्यों में आरएसएस के स्वयंसेवक सेवा कार्य में जुट गए है.
संघ के एक पदाधिकारी ने दिप्रिंट से कहा,’जब कभी भी कोई भी प्राकृतिक आपदा आती है तो हमारे स्वयंसेवक हमेशा लोगों की मदद के लिए तैयार रहते है. इसलिए हम यहां भी लोगों को मदद के लिए आगे आए हैं.
पदाधिकारी ने यह भी कहा, ‘लॉकडाउन की स्थिति में कमजोर, बेघरों और सड़क किनारे रह रहे लोगों को भोजन की परेशानी उत्पन्न हो सकती है. ऐसे में मानवता का तकाजा है कि गरीब और जरुरतमंद को दैनिक जीवन की वस्तुओं के साथ उन्हें जरुरत की वस्तुएं उन तक पहुंचाई जाएं. इससे लॉकडाउन की स्थिति में खाने के अभाव में कोई भी भूखा नहीं रह पाए. वहीं जरुरमंद लोगों को सेनेटाइजर, मास्क, दवाईयां भी उनकी सुरक्षा के लिए वितरित की जा रही है.’
प्रतिनिधि सभा स्थगित कर स्वयंसेवकों से प्रशासन की मदद की थी अपील
कोरोनावायरस के चलते राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ ने बेंगलुरु के चेन्ननहल्ली में 15 से 17 मार्च तक होने वाली अखिल भारतीय प्रतिनिधि सभा को भी स्थगित कर दिया था. यह फैसला संघ ने केंद्र सरकार की एडवायजरी जारी होने के बाद लिया था. कोरोना के प्रकोप से निपटने के लिए सामूहिक कार्यक्रम और किसी भी प्रकार के जलसे को रोके जाने के आदेश के बाद एहतियात के तौर पर संघ ने यह फैसला किया था. इस बैठक में शामिल होने आए सभी पदाधिकारी को यह निर्देश भी दिए गए थे कोरोनावायरस से निपटने के लिए जागरुकता का अभियान चलाया जाए. वहीं प्रशासन और सरकार की मदद भी की जाए.
बता दें कि 19 मार्च को रात 8 बजे पीएम नरेंद्र मोदी ने जब देश को संबोधित किया था. उस दौरान पीएम ने लोगों से ‘जनता कर्फ्यू’ का जिक्र किया था. तब भी संघ ने पीएम के फैसले का स्वागत करते हुए पूरा सहयोग देने का वादा किया था. तब संघ ने कहा था कि कोरोना वायरस से लड़ने के लिए किए जा रहे सभी प्रयासों का पूरा समर्थन करता है.
वीएचपी ने बनाया सहायता केंद्र, खाता खोल जुटा रहे हैं राशि
कोरोना के प्रकोप से लड़ने के लिए विश्व हिंदू परिषद् भी आगे आ गया है. इस मुसीबत की घड़ी में वीएचपी ने सभी दिहाड़ी मजदूर, रिक्शा चालक, कुलियों व उनके परिवारों के लिए खाने की व्यवस्था की है. कोई भी भूखा न सोए इसके लिए सहायता केंद्र खोला गया है. वहीं इंद्रप्रस्थ विश्व हिंदू परिषद् ने सभी वर्गों से अपील की है इस घड़ी में जरुरतमंद लोगों की मदद करें. इसके लिए उन्होंने खाता खोलकर लोगों से स्वेच्छा से राशि देने की अपील भी की है.
इंद्रप्रस्थ विश्व हिंदू परिषद् के प्रांत मंत्री वचन सिंह ने दिप्रिंट से कहा, ‘लोगों के द्वारा जो आर्थिक सहायता खाते में जमा हो रही है. हम उस राशि को जरुरतमंद लोगों में वितरित कर रहे हैं.
सिंह ने कहा, ‘अभी तक 20 हजार रुपए आ गए हैं. हम जरूरतमंदों को 200 रुपए प्रतिदिन नगद दे रहे हैं. अगर लोगों की मदद नहीं भी मिलती है तो हम संगठन के माध्यम से लोगों को आर्थिक मदद पहुंचाने का प्रयास करेंगे.’
विश्व हिंदू परिषद् कार्याध्यक्ष डॉ.आलोक कुमार के अनुसार, ‘कोरोनावायरस के बढ़ते संक्रमण के चलते देश के लगभग सभी राज्यों में लॉकडाउन हो गया है. इसके चलते गरीब और जरुरतमंद लोगों को असाधारण दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है. इसलिए यह आवश्यक है उनकी सहायता के लिए समाज की सभी संस्थाएं आगे आए. पहली चिंता उनके भोजन की करनी है. इसलिए हमने विश्व हिंदू परिषद् सारे कार्यकर्ताओं को आह्वान भी किया है.’
वह आगे कहते हैं, ‘इसके साथ ही हम उनके भोजन के लिए सभी मंदिरों, गुरुद्वारे, जैन स्थानक, पंचायत समिति, बौध विहार, व्यापार मंडर और आरडबल्यूए संस्थाओं से भी आह्वान किया है कि इस मुसीबत के समय गरीब परिवार के लिए पोैष्टिक भोजन की व्यवस्था करें. परिषद् के लोग इसमें मदद करेंगे.’
वीएचपी की एक शाखा ने गरीबों के भोजन के लिए जनता किचन की शुरुआत भी कर दी है. गुरुग्राम में जनता किचन संचालित किया जा रहा है, उसमें गुरुग्राम के एक रेस्टोरेंट ने अपना किचन खोल दिया है जबकि कुछ लोग आर्थिक मदद के लिए आगे आए हैं.
जनता किचन/Janta Kitchen
विकट दौर में गरीबों की सहायता के लिए समाज का हर वर्ग अपनी तरह से मदद कर रहा है.गुरुग्राम में Janta Kitchen संचालित किया जा रहा है. सैकड़ों लोगों के लिए खाना बनाने के लिए एक रेस्टोरेंट ने अपना Kitchen खोल दिया है,कुछ आर्थिक मदद दे रहे हैं@AdvaitaKala pic.twitter.com/zd2t5DaWIt
— VSK BHARAT (@editorvskbharat) March 24, 2020
वीएचपी के चंपत राय के अनुसार, ‘भारतवर्ष और सारा संसार प्राण घातक बीमारी से जूझ रहा है. ऐसे कठिन काल में मनुष्य के प्राण की रक्षा करना प्रत्येक घर में प्रसन्नता का वातावरण भरना यह बहुत बड़ी भगवान की सेवा, नर सेवा नारायण सेवा है. देश में रामनवमी का पर्व भी आने वाला है. सभी तीर्थ में हजारों सालों से लोग आते रहे है. आगे भी आते रहेंगे. यह महामारी से निपटना अतिआवश्यक है. इसलिए भावुकता से बचें.
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चंपत राय ने लोगों से गुजारिश की है कि सभी आगे आएं और मुश्किल वक्त में एकजुट हों. वह आगे कहते हैं, ‘कोरोना महामारी को रोकने के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे प्रयासों को दिल से स्वीकार करे. अपने साथ समाज, परिवार, पड़ोसियों और मित्रों की रक्षा करें.’
‘हमारी लापरवाही और उदासीनता के कारण किसी के घर में दुख नहीं हो, इसका प्रयास किया जाए. तभी निकले जब बहुत जरुरी हो अन्यथा अपने घर में भगवान की पूजा,ध्यान और जाप करें. वही भगवान से प्रार्थना भी करें कि सारा हिंदुस्तान सुखी रहे.’
आरएसएस और उससे जुड़ी शाखाएं इससे पहले भी मुसीबत के समय काफी सक्रिय रही हैं जैसे कश्मीर में आई भीषण के बाढ़ के समय और महाराष्ट्र में आई बाढ़ के दौरान भी.
स्वयम सेवक