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Sunday, 23 June, 2024
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केरल के सीएम ने कैब को धर्मनिरपेक्ष पर हमला बताया तो राजद ने ‘वी द पीपल’ को ‘वी द हिंदू’ कहा

कैब लोकसभा में पास किए जाने के बाद आज राज्यसभा में पेश किया जाना है. आज तेजस्वी यादव पटना के गांधी मैदान के समीप जेपी गोलंबर के समीप कैब और एनआरसी मुद्दे पर धरना देंगे.

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पटना: लालू प्रसाद की पार्टी राष्ट्रीय जनता दल (राजद) ने केंद्र की नरेंद्र मोदी सरकार द्वारा संसद में लाए गए नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) की निंदा की. पार्टी ने जदयू के इसका समर्थन किए जाने पर अपने लिए ‘ताबूत में कील ठोकने’ का काम करने का आरोप लगाया. वहीं केरल के मुख्यमंत्री पिनरायी विजयन ने भी इसे देश के धर्मनिरपेक्ष और लोकतांत्रिक चरित्र पर एक ‘हमला’  बताया है.

विजयन ने कहा कि भारत का संविधान सभी भारतीयों को नागरिकता के अधिकार की गारंटी देता है, चाहे उनका धर्म, जाति, भाषा, संस्कृति, पेशा कुछ भी हो और इस अधिकार को कैब द्वारा निरर्थक बनाया जा रहा है.

उन्होंने कहा कि यह लोगों को सांप्रदायिक आधार पर बांटने की कवायद है. उन्होंने कहा, ‘लोकसभा द्वारा इस विधेयक को बेवजह जल्दबाजी और हठ में पारित किया गया.’

विजयन ने कहा, ‘बांग्लादेश, अफगानिस्तान और पाकिस्तान से आकर बसने वाले मुसलमानों को बाहर किया जा रहा है. धर्म के आधार पर भेदभाव और पक्षपातपूर्ण ढंग से अधिकार देना नैसर्गिक न्याय से वंचित करने जैसा है.’

वहीं दूसरी तरफ राजद की राष्ट्रीय परिषद की बैठक और खुले अधिवेशन में पार्टी नेताओं ने आरोप लगाया कि विधेयक ने संविधान की प्रस्तावना ‘वी द पीपुल’ को ‘वी द हिंदू’ के रूप में व्याख्या करनी चाही है और इसे संसद में पेश किया जाना भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक ‘काले दिन’ के रूप में माना गया है.

लालू के राजनीतिक उत्तराधिकारी माने जाने वाले उनके छोटे पुत्र तेजस्वी यादव ने कहा, ‘यहां मौजूद अन्य सभी दिग्गज नेताओं की तरह, नीतीश जी कभी मेरे पिता के सहयोगी थे. हमारे मतभेदों के बावजूद, मैंने उन्हें चाचा कहा इसलिए मैं विशेषतासूचक शब्द का इस्तेमाल नहीं करूंगा’.

भाजपा फासीवादी और सांप्रदायिक

नीतीश के मंत्रिमंडल में कभी उपमुख्यमंत्री रहे तेजस्वी ने कहा कि भाजपा अपनी फासीवादी और सांप्रदायिक नीतियों के लिए जानी जाती है जो लोकतंत्र की हत्या करना चाहती है. लेकिन नीतीश जी अधिक घृणा के पात्र हैं. उन्हें अपने अतीत के बारे में सोचना चाहिए कि वे किस विचारधारा से जुड़े रहे और उन्होंने अपनी सत्ता को संरक्षित करने के लिए किन-किन हदों को पार किया .

उन्होंने कहा कि उनकी पार्टी के पास बिहार में सबसे अधिक विधायक हैं, लेकिन लोकसभा में एक भी सदस्य नहीं है, फिर भी हम इस विधेयक का हर तरह से विरोध करेंगे.

राजद विधायकों का एक वर्ग नीतीश के संपर्क में होने की चर्चा और उन्हें केवल एक अवसर की तलाश है, के बारे में तेजस्वी ने कहा ‘मैं चाचा को चेतावनी देना चाहता हूं, हमें आपके शौक के बारे में जानकारी है. दूसरे लोगों के घरों को तोड़ने की कोशिश न करें. वरना, आपके अपने घर को आग लगा दी जाएगी.’

राजद के इस खुले अधिवेशन को दिग्गज समाजवादी नेता शरद यादव ने संबोधित करते हुए कहा ‘सोमवार भारतीय लोकतंत्र के इतिहास में एक काला दिन था जब विधेयक को लोकसभा में पेश किया गया और भारी बहुमत से पारित किया गया. यह विधेयक संविधान की भावना के खिलाफ है.

उन्होंने आरोप लगाया कि संविधान की प्रस्तावना में ‘वी द पीपुल’को ‘वी द हिंदू’ से बदलने का यह एक प्रयास है.

जदयू के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे शरद ने नीतीश पर प्रहार करते हुए कहा “भाजपा हमेशा संविधान पर हमले के लिए जानी जाती है. लेकिन जदयू ने जो किया है वह अपने ताबूत में कील ठोकने का काम किया है. मैं जानता था कि एनआरसी जैसे मुद्दों के खिलाफ बोल रही जदयू कैब के पक्ष में मतदान करेगी .

राजद के ट्विटर हैंडल पर कहा गया, ’11 दिसंबर को पटना के गांधी मैदान के समीप जेपी गोलंबर के समीप नागरिकता संशोधन विधेयक संविधान के खिलाफ और एनआरसी मुद्दे पर प्रतिपक्ष के नेता तेजस्वी प्रसाद यादव धरना देंगे’.

राजद के ट्वीट में लोगों से इस धरना में शामिल होने कर नीतीश और ‘दंगाई पार्टी’ को पर्दाफ़ाश करने की अपील की गयी है.

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