नई दिल्ली: राष्ट्रीय जनता दल (राजद) के नेता श्याम रजक ने लोक जनशक्ति पार्टी (लोजपा) के नेता चिराग पासवान से मुलाकात की और बिहार में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) नीत राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) के खिलाफ एकजुट हो कर गठबंधन बनाने की अपील की.
यह मुलाकात ऐसे समय में हुई है, जब दलित नेता भाजपा द्वारा तवज्जो नहीं दिए जाने के बाद अपने राजनीतिक विकल्पों की तलाश कर रहे हैं.
रजक ने बताया कि पासवान ने राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद से भी बात की है. कभी जनता दल (यूनाइटेड) (जदयू) नेता एवं बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार के करीबी रहे और अब राजद में शामिल रजक ने कहा कि उन्होंने चिराग पासवान के घर जाकर उनसे जो मुलाकात की, वह ‘निजी’ थी, लेकिन उन्होंने साथ ही कहा कि जब नेता मुलाकात करते हैं तो राजनीतिक बातचीत होती ही है.
राजद नेता ने कहा कि दलित और पिछड़ी जातियों के हित के लिए भाजपा विरोधी गठबंधन बनाने की जरूरत है.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने चिराग पासवान के चाचा पशुपति कुमार पारस को अपनी सरकार में कैबिनेट मंत्री के रूप में शामिल किया है. पारस ने दिवंगत दलित नेता रामविलास पासवान के बेटे के खिलाफ अपनी पार्टी के चार अन्य सांसदों के साथ हाथ मिलाया है. इसके बाद ऐसा प्रतीत होता है कि युवा लोजपा नेता के लिए राजनीतिक विकल्प सीमित हो गए हैं.
राजद नेता चिराग पासवान के समर्थन में बोलते रहे हैं और उनसे बिहार में विपक्षी गठबंधन से हाथ मिलाने का आग्रह करते रहे हैं. भले ही चिराग के पास कोई विधायक नहीं है, लेकिन भाजपा से औपचारिक रूप से नाता तोड़ने और प्रतिद्वंद्वी खेमे में शामिल होने के उनके फैसले से उसे मनोवैज्ञानिक प्रोत्साहन मिलेगा.
बहरहाल, चिराग पासवान ने यह स्पष्ट किया है कि उनकी वर्तमान प्राथमिकता अपनी पार्टी को मजबूत करना है और उन्होंने इस उद्देश्य के लिए राज्य में ‘आशीर्वाद यात्रा’ शुरू की है. जमुई से सांसद चिराग ने अपनी पार्टी पर संकट के दौरान उनकी मदद नहीं करने के लिए भाजपा के खिलाफ नाराजगी अक्सर व्यक्त की है, लेकिन वे भाजपा नेतृत्व पर हमला करने से परहेज करते रहे हैं. लोजपा के छह लोकसभा सदस्य हैं और उनमें से पांच ने पारस को सदन में अपना नेता चुना है.
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