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Sunday, 22 December, 2024
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कोविड के कारण राजस्व में आई कमी फिर नहीं लगाया कोई नया टैक्स: सुशील मोदी

सुशील मोदी ने कहा कि सरकार ने देश की कर व्यवस्था में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं जिनमें विवाद से विश्वास योजना और ‘फेसलेस’ आकलन आदि शामिल हैं.

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नई दिल्ली: राज्यसभा में बुधवार को भाजपा ने अर्थव्यवस्था की बदहाली के विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि पिछले एक साल का समय दु:स्वप्न जैसा था और राजस्व में भारी कमी आने के बाद भी सरकार ने जनता पर कोई नया कर नहीं लगाया.

उच्च सदन में वित्त विधेयक, 2021 पर चर्चा में भाग लेते हुए बीजेपी सदस्य सुशील कुमार मोदी ने कहा कि पिछले एक साल का अनुभव सिहरन पैदा करने वाला और दु:स्वप्न जैसा है. इस दौरान अन्य परेशानियों के अलावा सरकार के राजस्व में भी भारी कमी आई लेकिन सरकार ने आम लोगों पर कोई नया कर नहीं लगाया और लोगों को राहत देने की पूरी कोशिश की.

उन्होंने कहा कि कोविड के कारण राजस्व में 23 प्रतिशत की कमी आई है और कॉर्पोरेट कर में 34 प्रतिशत, आयकर में 28 प्रतिशत और जीएसटी में 12 प्रतिशत तक की कमी आने का अनुमान है. ऐसे में नया कर लगाए जाने की बात हो रही थी लेकिन सरकार ने कोई नया कर नहीं लगाया.

उन्होंने कहा कि सरकार ने ‘एग्री इन्फ्रा सेस’ लगाया है लेकिन इसका असर जनता पर नहीं पड़ेगा और उत्पाद शुल्क में कमी कर यह उपकर लगाया गया है और इससे 30,000 करोड़ रुपए मिलेंगे जो राज्यों के जरिए कृषि के आधारभूत ढांचे के विकास के लिए खर्च किए जाएंगे.

देश में आयकर की दर ज्यादा होने के विपक्ष के दावे को खारिज करते हुए भाजपा सदस्य ने कहा कि विकसित और विकासशील देशों में यह दर 10 से 45 प्रतिशत के बीच है जबकि भारत में यह दर पांच से 30 प्रतिशत के बीच है. उन्होंने कहा कि 1960 और 70 के दशक में भारत में आयकर की अधिकतम दर 90 प्रतिशत तक थी.

उन्होंने कहा कि सरकार ने सितंबर 2019 में कॉरपोरेट कर में कमी की थी ताकि उसे दुनिया के विभिन्न देशों के समकक्ष किया जा सके. उन्होंने कहा कि इसका मकसद बाहरी निवेश को बढ़ावा देना है. लेकिन इस फैसले के कुछ ही महीने में महामारी आ गयी.

उन्होंने कहा कि सरकार ने देश की कर व्यवस्था में सुधार के लिए कई कदम उठाए हैं जिनमें विवाद से विश्वास योजना और ‘फेसलेस’ आकलन आदि शामिल हैं.

कर्मचारी भविष्य निधि में पांच लाख रुपए से अधिक की राशि जमा करने पर कर के प्रस्ताव का स्वागत करते हुए सुशील कुमार मोदी ने कहा कि इस योजना के तहत आठ प्रतिशत का ब्याज मिलता है. उन्होंने कहा कि विगत में ऐसे कई उदाहरण सामने आए हैं जिनमें लोगों ने करोड़ों रुपए इस निधि में जमा कराए हैं जबकि यह येाजना आम कर्मचारियों के लिए है.

उन्होंने जीएसटी का जिक्र करते हुए कहा कि 65 लाख नए लोगों ने अपना निबंधन कराया है वहीं नई व्यवस्था में चेकपोस्ट भी खत्म हो गए. उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने के बाद वाहनों की आवाजाही में भी कम समय लग रहा है. उन्होंने कहा कि कनाडा में जीएसटी लागू करने वाली सरकार चुनाव हार गयी थी लेकिन भारत में नयी कर व्यवस्था लागू करने वाली सरकार और अधिक बहुमत से सत्ता में वापस लौटी और विरोध करने वाले बुरी तरह से हार गए.

सुशील कुमार मोदी ने पेट्रोल व डीजल की कीमतों का जिक्र करते हुए कहा कि यह राशि सरकार के खजाने में आती है जिसका उपयोग घर-घर तक बिजली, नल से जल और शौचालयों के निर्माण आदि के लिए किया जाता है. उन्होंने कहा कि कर से आने वाली राशि का उपयोग देश के विकास में ही होता है.

उन्होंने पेट्रोलियम उत्पादों को जीएसटी के दायरे में लाए जाने की मांग को अव्यवहारिक बताते हुए कहा कि इससे राज्यों को करीब दो लाख करोड़ रुपए का नुकसान होगा और उसकी भरपाई कैसे होगी. उन्होंने कहा कि अभी की स्थिति में 100 रुपए में 60 रुपए कर के होते हैं. उन्होंने कहा कि इस 60 रुपए में केंद्र को 35 व राज्यों को 25 रुपए मिलते हैं. इसके अलावा केंद्र के 35 रुपए का 42 प्रतिशत भी राज्य को ही मिलता है.

भाजपा सदस्य ने कहा कि जीएसटी को ‘गब्बर सिंह टैक्स’ बताया गया और नई व्यवस्था की आलोचना की गई लेकिन जीएसटी की बैठकों में कभी भी कांग्रेस शासित राज्यों ने विरोध नहीं किया. उन्होंने कहा कि इसे लागू करना हिम्मत का काम था और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के नेतृत्व में सरकार ने इसे लागू किया.

जीएसटी में कर की दर एक रखने के सुझाव को खारिज करते हुए उन्होंने कहा कि हवाई चप्पल और कारों पर कर की दर एक कैसे हो सकती है.

सुशील कुमार मोदी ने कहा कि सरकार ने कोरोना के प्रबंधन के लिए कई प्रभावी कदम उठाए वहीं प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस दौरान दुनिया के विभिन्न देशों के प्रधानमंत्री और राष्ट्रपति के साथ 120 बैठकें कीं.


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