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Friday, 22 November, 2024
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एग्ज़िट पोल्स में घटे बहुमत के साथ UP में BJP के बने रहने का अनुमान, मणिपुर में भी बनी रहेगी सत्ता

जनमत सर्वेक्षण उत्तराखंड और गोवा को लेकर बंटे हैं, जिससे एक कांटे की टक्कर और त्रिशंकु विधान सभा का संकेत मिलता है. एग्ज़िट पोल्स में आप के लिए पंजाब में स्पष्ट बहुमत का अनुमान है.

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नई दिल्ली: बीजेपी के उत्तर प्रदेश और मणिपुर में सत्ता में बने रहने की संभावना है,जबकि आम आदमी पार्टी (आप) पंजाब में स्पष्ट बहुतमत हासिल करके चौंका सकती है- ये अनुमान 2022 विधान सभा चुनावी सीज़न के लिए, सोमवार को एग्ज़िट पोल्स में लगाए गए हैं.

लेकिन, उत्तराखंड और गोवा को लेकर जनमत सर्वेक्षण बंटे हुए हैं, जिससे एक कांटे की टक्कर का संकेत मिलता है.

यूपी के लिए एनडीटीवी के पोल ऑफ पोल्स के अनुसार, जो कुल मिलाकर चार एग्ज़िट पोल्स के नतीजों पर आधारित है, बीजेपी और उसके सहयोगियों को 403 में से 231 सीटें जीतने की संभावना है- जो 2017 की 325 सीटों से काफी कम हैं- जबकि समाजवादी पार्टी (एसपी) 151 सीटें जीत सकती है, जो पिछले चुनावों में 47 की उसकी संख्या में सुधार है.

एग्ज़िट पोल्स के नतीजे हालांकि पहले अकसर गलत भी हुए हैं, लेकिन यूपी के लिए सही भविष्यवाणी बीजेपी में एक नई जान फूंक सकती है, क्योंकि एसपी का उत्साही अभियान लगातार दूसरी जीत हासिल करने की, पार्टी की उम्मीदों के लिए ख़तरा बनता नज़र आ रहा था.

80 लोकसभा सीटों के साथ यूपी, बीजेपी के लिए इस मायने में महत्वपूर्ण है, कि वो अपनी ज़मीन तैयार करके, 2024 में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के लिए तीसरा कार्यकाल सुनिश्चित करने के अभियान में तेज़ी ला सकती है.

सोमवार को एग्ज़िट पोल्स के पूर्वानुमानों को देखते हुए, ऐसा लगता है कि किसानों के आंदोलन ने पश्चिम उत्तर प्रदेश में बीजेपी के प्रदर्शन को नुक़सान पहुंचाया है. इसके आंकड़ों में अनुमानित कमी को बेरोज़गारी, बढ़ती क़ीमतों, और आवारा पशुओं के ख़तरे जैसे मुद्दों से भी जोड़ा जा सकता है.

इस बीच, मुफ्त खाद्यान्न एवं आवास जैसी केंद्रीय कल्याण योजनाएं भी लोकप्रिय मानी जाती रही हैं, और मतदाताओं ने अयोध्या में राम मंदिर निर्माण, तथा काशी-विश्वनाथ कॉरिडोर परियोजना के लिए भी, बीजेपी के प्रति समर्थन का इज़हार किया है. ये तीनों बीजेपी के लिए प्रमुख चुनावी मुद्दे थे.

माफिया के खिलाफ बीजेपी सरकार की कार्रवाई को प्रदर्शित करने के लिए, मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ के ‘बुलडोज़र’ नारे की भी ज़मीनी स्तर पर गूंज सुनाई पड़ी.

एग्ज़िट पोल्स की भविष्यवाणियों से संकेत मिलता है, कि एसपी नेता अखिलेश यादव की चुनावी रणनीति ने, जिसमें उन्होंने यादवों और मुसलमानों के मूल आधार को विस्तार देने के लिए, अन्य पिछड़े वर्गों का प्रतिनिधित्व करने वाली छोटी पार्टियों के साथ हाथ मिलाया- जयंत चौधरी की राष्ट्रीय लोकदल, ओम प्रकाश राजभर की सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी, केशव देव मौर्य के महान दल, और कृष्णा पटेल के अपना दल (कमेरावाड़ी)- कुछ हद तक काम तो किया, लेकिन उतना नहीं कि एसपी बहुमत के आंकड़े के क़रीब पहुंच पाती.

AAP के लिए पंजाब में पहली जीत?

पंजाब में, कुल छह अग्ज़िट पोल्स के अनुमानों पर आधारित पोल ऑफ पोल्स में, 117-सदस्यीय विधान सभा में आप के लिए 67 सीटों का अनुमान लगाया गया है- जिससे संकेत मिलता है कि पहली बार, पार्टी के दिल्ली से बाहर अपनी सरकार बनाने की संभावना है.

अनुमानों के मुताबिक़ कांग्रेस 25 सीटें जीत सकती है, जबकि अकाली दल के 18 और बीजेपी के 4 सीटें जीतने की संभावना है. केवल इंडिया न्यूज़ ने त्रिशंकु विधान सभा की भविष्यवाणी की है, और आप को 39-43, कांग्रेस को 23-26 तथा अकाली दल को 22-25 सीटें दी हैं.

अगर एग्ज़िट पोल सही निकल आते हैं, तो इसका राष्ट्रीय राजनीति पर बहुत भारी असर पड़ने वाला है, क्योंकि पार्टी संयोजक अरविंद केजरीवाल, देश भर में आप को एक संभावित तीसरे विकल्प के तौर पर उभारने की कोशिश कर रहे हैं.

पंजाब के लोगों का जनादेश मांगने के लिए, आप ने ख़ासकर स्वास्थ्य और शिक्षा में शासन के अपने दिल्ली मॉडल को प्रदर्शित किया.

नतीजों के पूर्वानुमान को देखते हुए, कांग्रेस और गांधी परिवार को एक बड़ा झटका लगने वाला है, जिसे उस राजनीतिक अस्थिरता से जोड़ा जा सकता है, जो पूर्व सीएम कैप्टन अमरिंदर सिंह, और प्रदेश पार्टी प्रमुख नवजोत सिंह सिद्धू के गतिरोध के बीच, कैप्टन को कुर्सी छोड़ने के लिए मजबूर करने के फैसले से पैदा हुई थी. एक दलित, चरणजीत सिंह चन्नी को अमरिंदर का उत्तराधिकारी चुना गया था.

उत्तराखंड के एग्ज़िट पोल पूर्वानुमान भी कांग्रेस के लिए कोई सांत्वना नहीं हैं, क्योंकि वो एक त्रिशंकु फैसला दे रहे हैं.

एनडीटीवी पोल ऑफ पोल्स में 70-सदस्यीय असेम्बली में बीजेपी के लिए 34, और कांग्रेस के लिए 32 सीटों का अनुमान लगाया गया है. 2017 में, बीजेपी ने 57 सीटें जीती थीं जबकि कांग्रेस केवल 11 सीटें जीत पाई थी.

बीजेपी ने अपनी सरकार बनाई और त्रिवेंद्र सिंह रावत सीएम बने. लेकिन उनकी एक ख़राब समीक्षा के कारण, बीजेपी को मजबूरन अपना सीएम फिर बदलना पड़ा. मार्च 2021 में रावत की जगह तीरथ सिंह रावत को लाया गया, जिनकी जगह छह महीने बाद मौजूदा सीएम पुष्कर सिंह धामी को ले आया गया.

मणिपुर में, सिर्फ बीजेपी का बोलबाला नज़र आता है. एनडीटीवी पोल ऑफ पोल्स ने बीजेपी के लिए 30 सीटों का अनुमान लगाया है, जबकि 60-सदस्यीय विधान सभा में, कांग्रेस और उसके सहयोगियों के 14 सीटें जीतने की संभावना है.

फिलहाल, राज्य में बीजेपी की अगुवाई में एनडीए सत्ता में है, जिसके पास 60 में से 36 सीटें हैं. 2017 में बीजेपी के सहयोगियों में नेशनल पीपुल्स पार्टी (एनपीपी) शामिल थी- जो इस बार अकेले चुनाव लड़ रही है.

2017 में, 28 सीटों के साथ कांग्रेस सबसे बड़ी पार्टी बनकर उभरी थी, लेकिन केवल 21 सीटों के साथ बीजेपी ने उसे पीछे छोड़ते हुए विधान सभा में अपना बहुमत जुटा लिया.

गोवा में, एनडीटीवी पोल ऑफ पोल्स में, कांग्रेस और बीजेपी के बीच कांटे की टक्कर की भविष्यवाणी की गई है, जिसमें दोनों के 16-16 सीटें जीतने की संभावना है. 40-सदस्यीय असेम्बली में बहुमत का आंकड़ा 21 है. फिलहाल बीजेपी के पास जो इस समय सत्ता में है, असेम्बली में 27 विधायक हैं, जबकि कांग्रेस के पास केवल दो हैं, जहां 2017 में उसके 17 विधायक थे.

तृणमूल कांग्रेस, जिसने एक आक्रामक अभियान के साथ सूबे में सेंध लगाने की कोशिश की, उसे 10 एग्ज़िट पोल्स की भविष्यवाणी के अनुसार, 3 सीटें मिल सकती हैं.

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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