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Sunday, 22 December, 2024
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कांग्रेस में ‘चियर्स’ की वजह! शराब पीने के नियम पर से जल्द रोक हटा सकती है पार्टी

कांग्रेस नेता राहुल गांधी लंबे समय से पार्टी का सदस्य बनने के लिए अनिवार्य नौ ‘नियमों’ में समय के हिसाब से बदलाव की वकालत करते आए हैं.

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रायपुर: दिप्रिंट को मिली जानकारी के अनुसार कांग्रेस सदस्यों को जल्द ही पार्टी की ओर से शराब पीने के लिए की हरी झंडी मिल सकती है.

रायपुर में 24-26 फरवरी को होने वाले अपने 85वें पूर्ण अधिवेशन में कांग्रेस द्वारा पार्टी के संविधान में सख्त नियमों में ढील दिए जाने की उम्मीद की जा रही है.

पुराने नियमों में से एक अनुच्छेद वी (बी) (सी) कांग्रेस पार्टी का सदस्य बनने के लिए ‘मादक पेय और नशीले पदार्थों से दूर रहने’ की बात कहता है. लेकिन पार्टी के नेताओं ने दावा किया कि अब नए नियमों में सिर्फ ‘साइकोट्रॉपिक पदार्थों, प्रतिबंधित दवाओं और नशीले पदार्थों से परहेज़’ की अनिवार्यता का ज़िक्र होगा. हालांकि, शराब को आमतौर पर एक नशा समझा जाता है, लेकिन जहां तक कांग्रेस के तर्क का संबंध है, उसे देखकर तो ऐसा नहीं लगता है.

दिप्रिंट को पता चला है कि वरिष्ठ कांग्रेस नेता अंबिका सोनी के नेतृत्व में और रणदीप सुरजेवाला द्वारा बुलाई गई संवैधानिक संशोधन समिति इस बदलाव के मसौदे को पेश करेगी.

अगर यह प्रयास सफल रहता है, तो कांग्रेस नेता राहुल गांधी की लंबे समय से चली आ रही इच्छा पूरा हो जाएगी. वह काफी समय से कांग्रेस पार्टी का सदस्य बनने के लिए अनिवार्य नौ ‘नियमों’ में समय के हिसाब से बदलाव की वकालत करते आए हैं.

कांग्रेस पार्टी का सदस्य बनने के लिए शराब से परहेज़ के सख्त नियम के अलावा दूसरी शर्त ये है कि सदस्यों को खादी बुनना आना चाहिए.

2007 में राहुल ने सुझाव दिया था कि इस तरह के नियमों को और अधिक लचीला बनाया जा सकता है, लेकिन उस समय कथित तौर पर इसका विरोध किया गया था.

इसके बाद अक्टूबर 2021 में एक बार फिर अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी (AICC) के पदाधिकारियों और राज्य प्रमुखों की पार्टी के सदस्यता अभियान से पहले दिल्ली की एक बैठक में राहुल ने कथित तौर पर पूछा कि यहां मौजूद कितने लोग पीते हैं.

वहां, उपस्थित लोगों में से कुछ ने स्वीकार किया कि उन्होंने शराब का सेवन किया है. उसके बाद इस चर्चा को रोक दिया गया. सदस्यता अभियान के दौरान पार्टी में शामिल किए गए सदस्यों को शराब न पीने की शपथ लेनी थी.

पार्टी के नियमों में संशोधन के बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव (संगठन) जयराम रमेश ने इस बात की पुष्टि करने से इनकार कर दिया कि ऐसा कुछ किया जाना है, लेकिन उन्होंने संकेत दिया कि इस नियम का सख्ती से पालन नहीं किया जाता है.

रमेश ने हल्के-फुल्के अंदाज़ में दिप्रिंट को बताया, ‘‘मेरी समझ यह है कि (संशोधित) क्लॉज 1920 से पहले से ही है.’’

सूत्रों ने बताया कि 24 फरवरी को होने वाली पार्टी की संचालन समिति या विषय समिति की बैठक में संशोधन पेश किया जा सकता है. इसके बाद, इसे एआईसीसी द्वारा पार्टी के संविधान में शामिल करने के लिए अनुमोदित किया जाना है.


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‘सीडब्ल्यूसी का विस्तार, आरक्षण’

सूत्रों ने कहा कि संविधान में एक और संशोधन का प्रस्ताव दिए जाने की संभावना है. इसमें पार्टी की सर्वोच्च निर्णय लेने वाली संस्था ‘कांग्रेस कार्य समिति’ का विस्तार करना शामिल है.

मौजूदा समय में CWC में कांग्रेस अध्यक्ष और 23 सदस्य होते हैं. इनमें से 12 सदस्य निर्वाचित होते हैं जबकि अन्य को मनोनीत किया जाता है.

संभावित नए संशोधन के तहत, 23 निर्वाचित और मनोनीत सदस्यों के अलावा कांग्रेस के पूर्व अध्यक्षों, पार्टी के पूर्व प्रधानमंत्रियों, कांग्रेस संसदीय दल, और लोकसभा और राज्यसभा में पार्टी के नेताओं को भी CWC में शामिल किया जाएगा.

सूत्रों ने कहा कि एससी/एसटी, ओबीसी, अल्पसंख्यकों, महिलाओं और 50 साल से कम उम्र के लोगों के लिए सीडब्ल्यूसी में 50 प्रतिशत सीटें आरक्षित करने का एक अतिरिक्त प्रस्ताव दिए जाने की भी उम्मीद है.

पिछले मई में अपने उदयपुर चिंतन शिविर (विचार-मंथन सत्र) में पार्टी ने सीडब्ल्यूसी के लिए ’50-अंडर-50′ फॉर्मूले का एक प्रस्ताव रखा था. उसके अनुसार कांग्रेस संगठन, सत्ता और टिकटों के लिहाज से 50 प्रतिशत स्थान 50 साल से कम उम्र के नेताओं को देने की बात थी. पूर्ण सत्र के दौरान फॉर्मूले में आंशिक बदलाव के प्रस्तावित किए जाने की संभावना है.

इसके अलावा, लद्दाख प्रादेशिक कांग्रेस कमेटी की औपचारिक रूप से पुष्टि की जाएगी, जिसे लद्दाख के अलग केंद्र शासित प्रदेश बनने के बाद 2020 में पार्टी की इकाई के रूप में गठित किया गया था.

(अनुवादः संघप्रिया | संपादनः फाल्गुनी शर्मा)

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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