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Saturday, 4 May, 2024
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आरसीपी सिंह बीजेपी में होंगे शामिल, कहा – ‘नीतीश कुमार सात जन्म में भी पीएम नहीं बन पाएंगे’

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने दावा किया था कि सिंह को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल जाने को लेकर उनकी मंजूरी नहीं थी.

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नई दिल्ली: पूर्व केंद्रीय मंत्री आसीपी सिंह ने गुरुवार को घोषणा की कि वो भारतीय जनता पार्टी में शामिल होंगे. पिछले कई दिनों नालंदा के सिलाव में देखे जाने के बाद से इस तरह की अटकलें लगाई जाने लगी थीं कि वो बीजेपी में शामिल हो सकते हैं.

पत्रकारों से बात करते हुए आरसीपी सिंह ने कहा कि वो बीजेपी को ज्वाइन करेंगे. साथ ही उन्होंने बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार पर निशाना साधा और कहा कि वो कुर्सी के लिए किसी के भी साथ जा सकते हैं. आरसीपी सिंह ने नीतीश के प्रधानमंत्री बनने की महत्वकांक्षा के बारे में बात करते हुए कहा, ‘वो सात जन्म में भी पीएम नहीं बन सकते हैं.’

उन्होंन ने नीतीश कुमार के उस दावे को भी खारिज किया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि बगैर उनकी मंजूरी के आरसीपी सिंह को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल किया गया था. आरसीपी सिंह ने कहा कि राज्य के सीएम झूठ बोल रहे हैं और उन्हें मंत्री बनने की जानकारी थी.

उधर, नीतीश कुमार के इस दावे को केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने भी खारिज किया है.

अमित शाह ने क्या कहा

बीजेपी की बिहार इकाई के प्रमुख नेताओं के साथ मंगलवार को हुई एक बैठक में शाह ने कहा कि पिछले साल जुलाई महीने में केंद्रीय मंत्रिपरिषद में विस्तार से पहले जनता दल (यूनाईटेड) के प्रतिनिधित्व के सिलसिले में उनकी कुमार से बात हुई थी.

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सूत्रों के मुताबिक तत्कालीन जद(यू) अध्यक्ष सिंह चूंकि मंत्रिमंडल में शामिल होना चाहते थे, इसलिए कुमार ने शाह से कहा था कि उन्हें शामिल किया जा सकता है.

सूत्रों के अनुसार शाह ने बैठक के दौरान पार्टी नेताओं को बताया कि कुमार चाहते थे कि केंद्रीय मंत्रिमंडल में उनकी पार्टी के दो नेताओं को शामिल किया जाए लेकिन पार्टी के एक ही नेता को इसमें जगह दिए जाने की बात पर उन्होंने सिंह को शामिल किया जाने का समर्थन किया था.

राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन से अलग होने के बाद नीतीश कुमार ने दावा किया था कि सिंह को केंद्रीय मंत्रिमंडल में शामिल जाने को लेकर उनकी मंजूरी नहीं थी.

केंद्रीय मंत्रिपरिषद में अधिक सीटें मांगे जाने पर भाजपा ने उस वक्त जद(यू) से कहा था कि वह सिर्फ एक ही मंत्री पद दे सकती है क्योंकि शिव सेना को भी एक ही मंत्री पद दिया गया है.

वर्ष 2019 के लोकसभा चुनाव में शिव सेना ने जद (यू) से अधिक सीटें जीती थी.

वर्ष 2020 में शिवसेना ने भाजपा ने नाता तोड़ लिया था जबकि जद (यू) ने पिछले दिनों राजग से अलग होकर राष्ट्रीय जनता दल से हाथ मिला लिया था और बिहार में महागठबंधन की सरकार बनाई थी.

भाजपा के केंद्रीय नेतृत्व ने पार्टी की बिहार इकाई के नेताओं को महागठबंधन सरकार के खिलाफ आक्रामक रुख इख्तियार करने को कहा है और अगले लोकसभा चुनाव में राज्य की 40 में से कम से कम 35 सीटें जीतने का लक्ष्य दिया है.

भाषा के इनपुट से


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