वडोदरा: भाजपा के राष्ट्रीय महासचिव राम माधव ने शनिवार को आरोप लगाया कि दिल्ली स्थित जवाहर लाल नेहरू विश्वविद्यालय (जेएनयू) में हिंसा की घटना कुछ ‘आतंकवादी वामपंथी छात्रों’ की करतूत है जो दशकों से वहां हजारों छात्रों की पढ़ाई और शोध बाधित कर रहे हैं.
उन्होंने पांच जनवरी को जेएनयू में हुई हिंसा को ‘वामपंथी और उनके समर्थकों की साजिश करार दिया.
राम माधव ने आरोप लगाया, ‘दशकों से हजारों छात्रों को वामपंथी छात्रों के आतंक की वजह से जेएनयू में प्रताड़ना का सामना करना पड़ रहा है. जो हिंसा अभी दिखी है वह इसी का नतीजा है. कुछ आतंकवादी वामपंथी छात्र हमेशा उन हजारों छात्रों के अधिकारों को बाधित करते हैं, जो जेएनयू में पढ़ते हैं और शोध करते हैं.’
उल्लेखनीय है कि रॉड और डंडों से लैस नकाबपोश लोगों ने पांच जनवरी की रात छात्रों और शिक्षकों पर हमला किया और सार्वजनिक संपत्ति में तोड़फोड़ की. इस घटना में कई लोग घायल हुए थे.
वामपंथी छात्र संगठनों और आरएसएस से संबद्ध अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) हिंसा के लिए एक दूसरे को जिम्मेदार ठहरा रहे हैं.
जम्मू-कश्मीर के हालात के बारे में पूछे गए सवाल के जवाब में राम माधव ने दावा किया कि केंद्र शासित प्रदेश में स्थिति सामान्य हो रही है, काफी हद तक इंटरनेट सेवा बहाल कर दी गई हैं और हिरासत में लिए गए स्थानीय नेता रिहा किए जा रहे हैं.
उन्होंने दावा किया कि अब केवल 20 से 25 नेता ही हिरासत में हैं और उन्हें चरणबद्ध तरीके से रिहा किया जाएगा.
राम माधव ने कहा, ‘ जम्मू-कश्मीर में लोग सामान्य जीवन जी रहे हैं. वहां पर दो बड़ी पाबंदिया है. पहला, इंटरनेट पर रोक जिसे हटाने की तैयारी है. काफी हद तक मोबाइल सेवा बहाल कर दी गई है. वहीं हिरासत में लिए गए अधिकतर नेता बाहर हैं और मेरा विश्वास है कि सरकार बचे हुए 20-25 नेताओं को चरणबद्ध तरीके से रिहा कर देगी.’
उन्होंने कहा कि जम्मू-कश्मीर पर विशेष चर्चा करने की जरूरत नहीं हैं जैसा कि पहले वह देश के अन्य राज्यों की तरह नहीं था.
भाजपा नेता ने कहा कि विदेशी प्रतिनिधिमंडल को अशांत क्षेत्र में जाने की अनुमति देना दुनिया में जम्मू-कश्मीर के बारे में फैलाई गई भ्रांतियों को दूर करने के प्रयासों का हिस्सा है.
राम माधव ने कहा, ‘ सभी को स्थिति के अनुरूप जाने की अनुमति दी जाएगी.’ उन्होंने यह बात विपक्षी नेताओं को जम्मू-कश्मीर जाने की अनुमति नहीं दिए जाने के सवाल पर कही.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की सरकार की प्रशंसा करते हुए राम माधव ने दावा किया कि 90 फीसदी लोग जम्मू-कश्मीर में अनुच्छेद-370 के प्रावधानों को निरस्त करने, राम मंदिर और संशोधित नागरिकता कानून (सीएए) सहित केंद्र के फैसलों का समर्थन कर रहे हैं.
उन्होंने कहा कि सीएए भेदभावपूर्ण नहीं है जिसके खिलाफ पूरे देश में विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं.
राम माधव ने कहा, ‘नागरिकता अलग कानून नहीं है. सभी को कुछ अर्हताओं को पूरी कर नागरिकता हासिल करने का अधिकार है. यह संशोधन कुछ वर्गों को जल्द नागरिकता देने के लिए किया गया लेकिन लोगों को दुष्प्रचार के जरिये भ्रमित किया जा रहा है.’
‘कुछ लोग जो राजनीतिक रूप से मोदीजी का मुकाबला नहीं कर पा रहे हैं वे आतंकवाद और झूठ का इस्तेमाल कर देश में अव्यवस्था पैदा कर रहे हैं.’