नई दिल्ली: राजस्थान में अशोक गहलोत सरकार के खिलाफ बागी रुख अख्तियार करने वाले पूर्व उप मुख्यमंत्री सचिन पायलट की सोमवार को कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी से मुलाकात होने और मामले के ‘उचित समाधान’ के लिए तीन सदस्यीय समिति के गठन का फैसला होने के बाद प्रदेश में सियासी संकट अब खत्म होता नजर आ रहा है.
राहुल और प्रियंका गांधी से मीटिंग के बाद सचिन पायलट ने प्रियंका गांधी को समय निकालकर उनकी और उनके विधायकों की बात सुनने के लिए विशेषतौर पर धन्यवाद दिया और उन्होंने कहा, ‘मैं पिछले डेढ़ साल का अनुभव साझा करना चाहता था.’
सचिन ने कहा, ‘मैं तीन सदस्यीय समिति के गठन के लिए पार्टी और पार्टी के अध्यक्ष का धन्यवाद देना चाहता हूं.’
सचिन राजस्थान क्राइसिस के बाद पहली बार मीडिया के सामने आए और उन्होंने कहा यह भी कहा, ‘यह लड़ाई पद की नहीं आत्म सम्मान की थी.’ ‘हमने और हमारे विधायकों ने खुले में बहुत बेबाकी से अपनी बात रखी और हमें उम्मीद है कि हमारी समस्य़ा को सुना गया. मैंने कभी गलत भावना और गलत शब्दों का उपयोग नहीं किया. ‘
सचिन ने इस दौरान यह भी कहा कि जिन्होंने राजस्थान के लिए काम किया उनकी सरकार में हो भागीदारी.
पिछले कई हफ्तों से चल रही सियासी उठापठक के बीच पायलट ने राहुल गांधी और कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी वाद्रा से मुलाकात की तथा उनके समक्ष अपना पक्ष विस्तार से रखा.
इसके बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने तीन सदस्यीय समिति गठित करने का फैसला किया ताकि पायलट एवं उनके समर्थक विधायकों द्वारा उठाए गए मुद्दों का निदान हो सके और मामले का उचित समाधान किया जा सके.
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पार्टी के संगठन महासचिव केसी वेणुगोपाल ने एक बयान में कहा, ‘‘सचिन पायलट ने राहुल गांधी जी से मुलाकात की और उन्हें विस्तार से अपनी चिंताओं से अवगत कराया. दोनों के बीच स्पष्ट, खुली और निर्णायक बातचीत हुई.’’
उनके मुताबिक, पायलट ने कांग्रेस पार्टी और राजस्थान में कांग्रेस सरकार के हित में काम करने की प्रतिबद्धता जताई.
वेणुगोपाल ने कहा, ‘इस बैठक के बाद कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने फैसला किया है कि अखिल भारतीय कांग्रेस कमेटी पायलट एवं अन्य नाराज विधायकों की ओर से उठाए गए मुद्दों के निदान एवं उचित समाधान तक पहुंचने के लिए तीन सदस्यीय समिति का गठन करेगी.’
इससे पहले, राहुल गांधी और प्रियंका गांधी के साथ मुलाकात में पायलट की करीब दो घंटे तक चर्चा हुई.
पायलट के करीबी सूत्रों का कहना है कि राजस्थान कांग्रेस कमेटी के पूर्व अध्यक्ष ने पार्टी के दोनों शीर्ष नेताओं के समक्ष विस्तार से अपना पक्ष रखा और फिर दोनों ने उनकी चिंताओं के निदान का भरोसा दिलाया.
दूसरी तरफ, कांग्रेस के सूत्रों ने कहा कि पायलट पार्टी के शीर्ष नेतृत्व के साथ संपर्क में बने हुए थे और उनके एवं दूसरे बागी विधायकों की वापसी के लिए फार्मूले पर काम चल रहा है.
इस बीच, पायलट के समर्थक माने जाने वाले विधायक भंवर लाल शर्मा ने सोमवार शाम जयपुर पहुंचकर मुख्यमंत्री अशोक गहलोत से मुलाकात की.
पायलट की कांग्रेस के शीर्ष नेताओं से मुलाकात विधानसभा सत्र आरंभ होने से कुछ दिनों पहले हुई है.14 अगस्त से राजस्थान विधानसभा का सत्र आरंभ होगा.
मुख्यमंत्री गहलोत के खिलाफ खुलकर बगावत करने और विधायक दल की बैठकों में शामिल नहीं होने के बाद कांग्रेस आलाकमान ने पायलट को प्रदेश कांग्रेस कमेटी के अध्यक्ष और उप मुख्यमंत्री के पदों से हटा दिया था.
बागी रुख अपनाने के साथ ही पायलट कई बार स्पष्ट कर चुके हैं कि वह भाजपा में शामिल नहीं होंगे.
पायलट और उनके साथी 18 अन्य विधायकों की बगावत के कारण गहलोत सरकार मुश्किल में आ गई है. गहलोत और कांग्रेस अपनी सरकार बचाने के लिए पिछले कई हफ्तों से जुटे हुए हैं. पहले विधायकों को जयपुर के होटल में रखा गया था. बाद में उन्हें जैसलमेर के एक होटल में भेज दिया गया.
(भाषा के इनपुट्स के साथ)