नई दिल्ली: एक विपक्षी सांसद द्वारा सदन के परिसर में राज्यसभा के पदेन सभापति व उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ की नकल उतारकर कथित रूप से “अपमान” करने के विरोध में बीजेपी देशव्यापी आंदोलन करेगी.
यह नकल तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) सांसद कल्याण बनर्जी द्वारा मंगलवार दोपहर सदन के बाहर की गई. यह उस वक्त हुआ जब विपक्षी सांसद लोक सभा की सुरक्षा चूक मामले को लेकर पीएम मोदी और अमित शाह से जवाब देने के लिए सदन का कार्यवाही में बाधा पहुंचाने के मामले में निलंबित किए जाने पर एक “नकली संसद” बनाकर विरोध प्रदर्शन कर रहे थे.
कांग्रेस नेता राहुल गांधी को धनखड़ की नकल करते हुए बनर्जी का वीडियो बनाते देखा गया, हालांकि उन्होंने उनका नाम नहीं लिया.
भाजपा किसान मोर्चा के प्रमुख राजकुमार चाहर ने कहा कि गुरुवार से देश भर में विरोध प्रदर्शन होंगे.
चाहर ने कहा कि बनर्जी द्वारा “उपराष्ट्रपति, उच्च सदन के सभापति, एक जाट और एक किसान परिवार से संबंधित” धनखड़ की नकल करना और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी द्वारा “फिल्म बनाना और मज़े लेना” “शर्मनाक” था. उन्होंने कहा, “यह पहली बार नहीं है कि राहुल गांधी ने ओबीसी (अन्य पिछड़ा वर्ग) परिवार का अपमान किया है.”
उन्होंने कहा कि भारतीय गांधी को कभी माफ नहीं करेंगे और किसान मोर्चा, किसान समाज और जाट महासभा के साथ मिलकर “घमंडिया (भारत) गठबंधन” और कांग्रेस नेता के पुतले जलाएंगे.
चाहर ने कहा कि जाट महासभा के सदस्य भी राज्य भाजपा कार्यालयों और विभिन्न जिलों में होने वाले विरोध प्रदर्शन में भाग लेंगे. उन्होंने दिप्रिंट से कहा, “हमारी मांग है कि राहुल गांधी व्यक्तिगत रूप से धनखड़ से माफी मांगें, जो एक संवैधानिक पद पर हैं और किसान के बेटे हैं. उन्हें उनके पैर छूकर माफ़ी मांगनी चाहिए,”
राहुल गांधी ने बुधवार को आरोपों का खंडन किया और कहा कि उन्होंने रिकॉर्ड की गई क्लिप को साझा करके नकल को बढ़ावा नहीं दिया है. “मैंने जो रिकॉर्ड किया वह अभी भी मेरे फोन पर है,” उन्होंने मीडिया को केवल नकल करने की खबर को कवर करने के लिए फटकार लगाते हुए कहा कि काफी महत्वपूर्ण मुद्दे रिपोर्ट नहीं किए गए.
कांग्रेस नेता ने कहा, “150 सांसदों को संसद से बाहर निकाल दिया गया और मीडिया में कोई चर्चा नहीं हुई. अडानी पर कोई चर्चा नहीं है, फ्रांस ने कहा है कि राफेल सौदे पर जांच की अनुमति नहीं दी जा रही है. उस पर या बेरोजगारी पर कोई चर्चा नहीं है.”
उन्होंने पत्रकारों से आग्रह किया कि वे कुछ खबरें, ‘कम से कम थोड़ी सी सही,’ दिखायें.
उन्होंने कहा, “यह आपकी ज़िम्मेदारी है. यदि आप पूरी तरह से एक ही लाइन का पालन करते हैं, तो हम क्या कर सकते हैं.”
इससे पहले दिन में, राज्यसभा में राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (एनडीए) के सांसद धनखड़ के साथ एकजुटता दिखाने के लिए लगभग एक घंटे तक खड़े रहे.
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू दोनों ने तृणमूल सांसद के कार्यों की आलोचना की. मोदी ने “पवित्र संसद परिसर” में मुट्ठी भर विपक्षी सांसदों की “घृणित नाटकीयता” पर अपना दर्द व्यक्त करने के लिए धनखड़ को फोन किया.
बातचीत के बारे में विवरण साझा करते हुए, धनखड़ ने कहा: “उन्होंने (मोदी) मुझे बताया कि वह 20 वर्षों से इस तरह के अपमान का सामना कर रहे हैं, लेकिन यह भारत के उपराष्ट्रपति जैसे संवैधानिक पद के साथ भी होना और वह भी संसद में, काफी दुर्भाग्यपूर्ण है.”
जिस तरह से धनखड़ को “संसद परिसर में अपमानित” किया गया, उस पर राष्ट्रपति मुर्मू ने भी अपनी “निराशा” व्यक्त की.
पोस्ट में कहा गया, “निर्वाचित प्रतिनिधियों को खुद की अभिव्यक्ति के लिए स्वतंत्र होना चाहिए, लेकिन उनकी अभिव्यक्ति गरिमा और शिष्टाचार के मानदंडों के भीतर होनी चाहिए. यह संसदीय परंपरा रही है जिस पर हमें गर्व है और भारत के लोग उनसे इसे बरकरार रखने की उम्मीद करते हैं.”
हालांकि, तृणमूल प्रमुख ममता बनर्जी ने सत्तारूढ़ दल के बढ़ते आक्रोश को कम करने की कोशिश करते हुए कहा कि विपक्ष हर किसी का सम्मान करता है.
उनके सांसद कल्याण बनर्जी ने इस प्रकरण पर खेद व्यक्त नहीं किया और बुधवार को मीडिया से कहा कि “नकल या मिमिक्री करना एक प्रकार की कला है” और मोदी ने भी लोकसभा में ऐसा किया था. उन्होंने कहा कि उनका इरादा किसी को ठेस पहुंचाने का नहीं था लेकिन उपराष्ट्रपति को इसे व्यक्तिगत तौर पर नहीं लेना चाहिए था.
कांग्रेस सांसद अधीर रंजन चौधरी ने भी उन्हीं की बात को दोहराते हुए कहा: “मिमिक्री एक कला है… किसी ने नहीं कहा कि यह मिमिक्री धनखड़ जी की थी… क्या इतने ऊंचे पद पर बैठे व्यक्ति को जाति के बारे में बात करना शोभा देता है?”
चौधरी घटना के बाद राज्यसभा में धनखड़ के गुस्से पर प्रतिक्रिया दे रहे थे, जब उन्होंने कहा कि उनकी पारिवारिक पृष्ठभूमि और जाति पर हमला किया गया है.
(संपादनः शिव पाण्डेय)
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