नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने विश्व आर्थिक मंच के दावोस एजेंडा में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संबोधन कुछ समय के लिए रुकने के बाद फिर से आरंभ होने लेकर मंगलवार को उन पर कटाक्ष करते हुए कहा कि ‘इतना झूठ टेलीप्रॉम्पटर भी नहीं झेल पाया.’
दूसरी तरफ, भाजपा नेताओं ने कहा कि कार्यक्रम के आयोजकों की तरफ से ‘तकनीकी दिक्कत’ के चलते प्रधानमंत्री को अपना भाषण फिर से आरंभ करना पड़ा.
सरकार या विश्व आर्थिक मंच की तरफ से इस बारे में कोई प्रतिक्रिया नहीं आई है.
कांग्रेस के कई नेताओं और सोशल मीडिया यूजर्स का दावा है कि प्रधानमंत्री मोदी का अपना भाषण थोड़ी देर के लिए रोकने और फिर से आरंभ करने की वजह टेलीप्रॉम्पटर में दिक्कत थी, हालांकि भाजपा नेताओं ने कहा कि यह तकनीकी दिक्कत के कारण हुआ, जिसे दूसरी तरफ से लोग ठीक नहीं कर पा रहे थे और उन्होंने प्रधानमंत्री से फिर से भाषण आरंभ करने के लिए कहा.
राहुल गांधी ने प्रधानमंत्री पर परोक्ष रूप से निशाना साधते हुए ट्वीट किया, ‘इतना झूठ टेलीप्रॉम्पटर भी नहीं झेल पाया.’
इतना झूठ Teleprompter भी नहीं झेल पाया।
— Rahul Gandhi (@RahulGandhi) January 18, 2022
सोशल मीडिया पोस्ट की सत्यता का सत्यापन करने वाली वेबसाइट ‘ऑल्ट न्यूज’ के सह-संस्थापक प्रतीक सिन्हा कहा कि ऐसा नहीं लगता कि यह सब टेलीप्रॉम्पटर की वजह से हुआ.
उन्होंने कहा, ‘अगर प्रधानमंत्री के भाषण की विश्व आर्थिक मंच की तरफ की रिकॉर्डिंग को सुनें तो बैकग्राउंड में कोई कह रहा है कि सर आप उनसे एक बार पूछें कि सब जुड़ गए क्या.’
प्रधानमंत्री के यूट्यूब चैनल पर प्रसारित वीडियो में यह हिस्सा स्पष्ट रूप से सुनाई नहीं देता है.
उधर, कांग्रेस के मुख्य प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने ट्वीट किया, ‘टेलीप्रॉम्पटर से भाषण चल सकता है, शासन नहीं. कल ये पूरे देश की समझ में आ गया.’
टेलिप्राम्पटर से भाषण चल सकता है,
शासन नहीं ।
कल ये पूरे देश की समझ में आ गया। pic.twitter.com/p75m9zXwMj— Randeep Singh Surjewala (@rssurjewala) January 18, 2022
भाजपा नेता तेजिंदर पाल सिंह बग्गा ने प्रधानमंत्री की आलोचना करने वालों पर निशाना साधते हुए कहा, ‘जो लोग तकनीकी दिक्कत से उत्साहित हो रहे हैं, क्या उनको इसका आभास नहीं है कि यह समस्या विश्व आर्थिक मंच की तरफ से पैदा हुई? वो दिक्कत ठीक नहीं कर पा रहे थे, इसलिए उन्होंने प्रधानमंत्री से भाषण फिर आरंभ करने का आग्रह किया. यह इस बात से साबित होता है कि क्लॉस स्क्वाब (विश्व आर्थिक मंच के संस्थापक) ने कहा कि वह फिर से संक्षिप्त परिचय देंगे और फिर सत्र को आरंभ करेंगे.’
भाजपा के कई नेताओं ने भी इसी कारण का उल्लेख किया.
कई भाजपा नेताओं ने विश्व आर्थिक मंच के यूट्यूब चैनल का एक वीडियो भी साझा किया, जिसमें पूरे मामले को सिलसिलेवार ढंग से दर्शाया गया है.
इस वीडियो के अनुसार, प्रधानमंत्री का भाषण अंग्रेजी के दुभाषिए के बिना ही बीच में अचानक से शुरू हो जाता है. इसके बाद प्रधानमंत्री को सह-समन्वय द्वारा रोका जाता है. वह यह देखने के लिए कहते हैं कि सब जुड़ चुके हैं या नहीं. इसके बाद स्क्वाब आधिकारिक सत्र को आरंभ करते हैं और प्रधानमंत्री का भाषण आरंभ होता है.
भाषा हक हक दिलीप
दिलीप
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