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Wednesday, 18 December, 2024
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किसानों के समर्थन में आए राहुल गांधी, कहा -आगे गांवों से शहरों तक फैलेगा आंदोलन

राहुल ने कहा कि सरकार को किसानों से बात करनी चाहिए और उन्हें कोई समाधान देना चाहिए जैसा मैंने पहले भी कहा है कि इसका एक मात्र समाधान इन कृषि क़ानूनों को वापस लेना है.

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नई दिल्ली: कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने एक बार फिर कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की बात कही है. शुक्रवार को कहा कि आने वाले समय में किसान आंदोलन गांवों से शहरों तक फैल जाएगा और इसका समाधान यही है कि सरकार को तीनों कानूनों को वापस लेना चाहिए.

उन्होंने संवाददाताओं से कहा, ‘यह समझना जरूरी है कि ये तीनों कानून क्या हैं. पहले कानून से मंडिया खत्म हो जाएंगी. दूसरे कानून से बड़े कारोबारी अनाज की जमाखोरी कर लेंगे. तीसरे कानून से एमएसपी खत्म हो जाएगी .’ उन्होंने आरोप लगाया कि सरकार किसानों को धमकाने और डराने का प्रयास कर रही है.

नए कृषि क़ानूनों और किसान प्रदर्शन पर राहुल गांधी ने कहा, ‘मैं किसानों से कहना चाहता हूं हम सब आपके साथ हैं. एक इंच पीछे मत हटिए, ये आपका भविष्य है. ये जो 5-10 लोग आपका भविष्य चोरी करने की कोशिश कर रहे हैं, इन्हें मत चोरी करने दीजिए, हम आपकी पूरी मदद करेंगे.’

राहुल गांधी ने कहा, ‘ सरकार मध्य वर्ग को आने वाले समय में झटका देने जा रही है. आवश्यक वस्तुओं की कीमतें बढ़ जाएगी .’ कांग्रेस नेता ने कहा कि यह आंदोलन खत्म नहीं होने वाला और आने वाले समय में यह गांवों से शहरों तक फैल जाएगा.

उन्होंने कहा, ‘ हम समाधान चाहते हैं.सरकार को किसानों से बात करनी चाहिए और उन्हें कोई समाधान देना चाहिए जैसा मैंने पहले भी कहा है कि इसका एक मात्र समाधान इन कृषि क़ानूनों को वापस लेना है. ‘

कृषि कानूनों के खिलाफ संसद परिसर में धरना दिया

इससे पहले राहुल गांधी की अगुवाई में पार्टी सांसदों ने विवाद में तीन नये कृषि कानूनों को वापस लेने की मांग करते हुए शुक्रवार को संसद भवन परिसर में धरना दिया.

कांग्रेस सांसदों ने बजट सत्र के पहले दिन संसद परिसर में महात्मा गांधी की प्रतिमा के सामने धरना दिया. इस धरने में राहुल गांधी के अलावा लोकसभा में पार्टी के नेता अधीर रंजन चौधरी, मुख्य सचेतक कोडिकुनिल सुरेश और कई अन्य सांसद शामिल हुए.

कांग्रेस सांसदों ने ‘काला कानून वापस लो’ और ‘नरेंद्र मोदी, किसान विरोधी’ के नारे भी लगाए.

सुरेश ने कहा, ‘तीनों कानूनों के खिलाफ लाखों किसान दो महीने से सड़कों पर हैं, लेकिन सरकार उनकी सुन नहीं रही. हम इस सत्र में सरकार पर पूरा दबाव बनाएंगे कि इन किसान विरोधी कानूनों को वापस लिया जाए.’

कांग्रेस सहित विभिन्न विपक्षी दलों ने किसान आंदोलन के समर्थन में संसद के दोनों सदनों की संयुक्त बैठक में राष्ट्रपति के अभिभाषण का भी बहिष्कार किया.


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1 टिप्पणी

  1. Bhai pahle nafa aur nuksan to samja do ki kya loss aur profit hai is kisan kanun me fir support karna tab tak byr bye

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