चंडीगढ़: 2015 के ड्रग मामले में जलालाबाद पुलिस द्वारा गिरफ्तार किए जाने से बमुश्किल आठ घंटे पहले, गुरुवार को कांग्रेस के 57 वर्षीय फायरब्रांड नेता सुखपाल खैरा ने आम आदमी पार्टी (आप) के राज्यसभा सदस्य राघव चड्ढा द्वारा शादी में अपनी पत्नी और बॉलीवुड अभिनेत्री परिणीति चोपड़ा को चार कैरेट हीरे की अंगूठी दिए जाने के बारे में ट्वीट किया था. अपने ट्वीट में भोलाथ विधायक ने आप नेता से पूछा कि वह इस तरह की अंगूठी कैसे एफोर्ड कर पाए, जबकि उन्होंने अपने पिछले आयकर रिटर्न में प्रति वर्ष केवल 2.44 लाख रुपये कमाने का दावा किया है.
खैरा ने एक्स पर एक पोस्ट में कहा, “क्या @raghav_chadha यह साफ करने का साहस जुटा पाएंगे कि वह अपनी नवविवाहित पत्नी @ParineetiChopra को 4 कैरेट की इतनी महंगी हीरे की अंगूठी (अपनी घोषित आय से 10 गुना से अधिक) उपहार में देने में कैसे कामयाब रहे, जबकि 2020-21 आईटीआर के अनुसार उनकी आय केवल 2.44 लाख है? जबकि एक सेलिब्रिटी होने के बावजूद परिणीति ने उन्हें कम कीमत की अंगूठी उपहार में दी? सच क्या है? पंजाब BADLAV जानना चाहता है. ”
खैरा को 2017 के ड्रग्स मामले में गुरुवार सुबह उनके चंडीगढ़ स्थित आवास से गिरफ्तार किया गया था. अपनी गिरफ्तारी के दौरान अपने फेसबुक पेज पर लाइव होकर खैरा ने कहा कि पंजाब में भगवंत मान के नेतृत्व वाली आप सरकार के कुशासन के खिलाफ आवाज उठाने के लिए उन्हें निशाना बनाया जा रहा है.
गिरफ्तारी के बाद फाजिल्का की एक अदालत में पेश किए जाने के बाद खैरा ने मीडियाकर्मियों से कहा, ”यह आप की बदलाव की राजनीति नहीं है, बल्कि बदला लेने की राजनीति है.” उन्होंने अदालत के बाहर मीडियाकर्मियों से बात करते हुए कहा, “मान मेरे ख़ून के प्यासे हो गए हैं, उन्होंने आज अपनी प्यास बुझा ली है.”
गौरतलब है कि खैरा, जो 2015 से लेकर 2018 में “पार्टी विरोधी गतिविधियों” के लिए निलंबित किए जाने तक AAP का हिस्सा थे, ने पिछले साल सत्ता में आने के बाद से ही सत्तारूढ़ AAP पर दबाव बना रखा था.
मुख्यमंत्री भगवंत मान द्वारा इस महीने की शुरुआत में उन्हें “ऐरा, गैरा, नत्थू खैरा (मोटे तौर पर ‘टॉम, डिक और हैरी’ का अनुवाद)” कहकर उन पर कटाक्ष करने के बाद एक दूसरे पर हमले काफी बढ गए थे. ऐसा प्रतीत लगने लगा था कि अब यह केवल मुद्दा-आधारित आलोचना से हटकर व्यक्तिगत हमलों तक पहुंच गया था.
खैरा की गिरफ्तारी के बाद नेता के एक करीबी सहयोगी ने दिप्रिंट को बताया, ”आम आदमी पार्टी के नेता यही एकमात्र भाषा समझते हैं.”
AAP का कहना है कि उसके पास खैरा के खिलाफ “पर्याप्त सबूत” हैं. कांग्रेस विधायक की गिरफ्तारी के बाद एक संवाददाता सम्मेलन को संबोधित करते हुए आप के पंजाब प्रवक्ता मालविंदर सिंह कांग ने कहा कि एक विशेष जांच दल ड्रग्स मामले की जांच कर रहा है और खैरा की हिरासत “आवश्यक” है.
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मान के साथ चल रही है ‘लड़ाई’
जिस मामले में खैरा को गिरफ्तार किया गया था, वह उस एफआईआर से जुड़ा है, जिसे फाजिल्का पुलिस ने 9 मार्च, 2015 को दर्ज किया था. यह मामला कथित तौर पर अधिकारियों द्वारा एक वाहन से 2 किलोग्राम हेरोइन और 24 कैरेट सोने के बिस्कुट जब्त करने के बाद दर्ज किया गया था.
पंजाब पुलिस का दावा है कि जांच के दौरान कांग्रेस विधायक का नाम सामने आया था.
गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब खैरा ने पंजाब की सत्तारूढ़ भगवंत मान सरकार के खिलाफ लगातार हमला बोल रहे हैं चाहें वो चड्ढा की भव्य शादी हो या फिर आप सरकार द्वारा अपने खर्चों को पूरा करने के लिए 50,000 करोड़ रुपये का कथित उधार या फिर बात करें भारत-कनाडा के बिगड़ते रिश्तों पर राष्ट्रीय संयोजक अरविंद केजरीवाल का बयान सभी को लेकर आलोचना कर रहे हैं.
Omg just watch the dazzling cavalcades of today’s brand of Aam Aadmi’s like @ArvindKejriwal @raghav_chadha @BhagwantMann & Co who once vowed not to take govt home car etc and vowed to end Vip culture but now not only have they broken their vows but are new Vvip’s of India!… pic.twitter.com/Jh3DuXAn2s
— Sukhpal Singh Khaira (@SukhpalKhaira) September 27, 2023
अपनी गिरफ्तारी से कुछ घंटे पहले, खैरा ने एक्स पर आप के शीर्ष नेताओं की “चमकदार” कार के काफिले का एक वीडियो पोस्ट किया और कहा कि वे भी अन्य लोगों की तरह ही भारत की “वीवीआईपी” संस्कृति का हिस्सा थे.
इससे पहले उस दिन खैरा ने अवैध खनन मामले में विधायक के बहनोई की गिरफ्तारी के बाद तरनतारन के वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक गुरमीत सिंह चौहान को धमकी देने के आरोप में आप के खडूर साहिब विधायक मनजिंदर सिंह लालपुरा के खिलाफ कार्रवाई की मांग की थी.
गौरतलब है कि खैरा ने पहले भी मान पर उनके प्रति ” नफरत” रखने का आरोप लगाया था. अगस्त में बाढ़ पीड़ितों के लिए मुआवजे की खैरा की मांग के जवाब में, मुख्यमंत्री ने कहा कि कांग्रेस विधायक का “एकमात्र काम” हर सुबह उनके खिलाफ बोलना है. उन्होंने कहा “…उनका खून जलता है और वह खुद ईर्ष्या से काले हो रहे हैं.”
लेकिन दोनों नेताओं के बीच मतभेद 2015 से हैं – वह साल जब खैरा कांग्रेस से नाराज होकर AAP में शामिल हो गए थे. वह 2017 के विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करने वाले 20 AAP विधायकों में से एक थे.
वकील एच.एस. फुल्का ने विपक्ष के नेता का पद छोड़ दिया, AAP ने 2018 में उनकी जगह खैरा को चुना. लेकिन 2019 में उन्हें भी पद से हटा दिया गया.
The case registered against the brother in law of @AamAadmiParty Khadur Sahib Mla Manjinder Singh for illegal mining exposes the false claims of @BhagwantMann that they’ve eradicated mining mafia and corruption in Punjab. The open threat by this Mla directly to Ssp Tarntaran thru… pic.twitter.com/2zaG6AYdWI
— Sukhpal Singh Khaira (@SukhpalKhaira) September 27, 2023
खैरा के करीबी सहयोगी ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया कि यह मान की ‘हर आप नेता, जो राज्य का मुख्यमंत्री बनने की क्षमता रखता था, को पार्टी से बाहर करने की व्यवस्थित रणनीति’ का हिस्सा था.
उन्होंने दिप्रिंट को बताया, “जब खैरा को विपक्ष के नेता की जिम्मेदारी दी गई, तो मान, जो पहली बार सांसद थे, उनसे बेहद सावधान हो गए. और जैसा कि 2014 से 2019 तक पंजाब में लगभग हर होनहार AAP नेता के साथ हुआ है, खैरा को भी केजरीवाल ने AAP से हटा दिया, ” मान यह सुनिश्चित करना चाहते थे कि AAP के पास उन्हें पार्टी के मुख्यमंत्री पद के उम्मीदवार के रूप में चुनने के अलावा कोई अन्य विकल्प नहीं बचे और वही हुआ.
खैरा और पार्टी के बीच अन्य मतभेद भी थे. जुलाई 2018 में, आप से निलंबित होने से कुछ महीने पहले, भोलाथ विधायक ने आप नेता और पंजाब के वर्तमान स्वास्थ्य मंत्री बलबीर सिंह – जो उस समय पार्टी के संयुक्त सचिव थे – पर उनके खिलाफ लगाए गए भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर हमला बोला था.
उन्होंने मानहानि मामले में शिरोमणि अकाली दल (SAD) नेता बिक्रम मजीठिया से अरविंद केजरीवाल की माफी के विरोध में 12 AAP विधायकों के एक समूह का भी नेतृत्व किया था.
जनवरी 2019 में, AAP से निलंबित होने के दो महीने बाद, खैरा ने मुट्ठी भर विधायकों के समर्थन से पंजाब एकता पार्टी बनाई.
लेकिन यह प्रयास अधिक समय तक नहीं चल सका. जून 2021 में, खैरा ने अपनी पार्टी का कांग्रेस में विलय कर दिया, तत्कालीन मुख्यमंत्री अमरिंदर सिंह, जो अक्सर खैरा की आलोचना का शिकार होते थे, ने पार्टी में उनका स्वागत किया.
खैरा का कांग्रेस के साथ ‘प्यार-नफ़रत-प्यार’ वाला रिश्ता
अकाली नेता सुखजिंदर सिंह खैरा के बेटे, सुखपाल खैरा ने 1994 में कपूरथला के रामगढ़ गांव में एक पंचायत सदस्य के रूप में अपना राजनीतिक करियर शुरू किया. वह 1997 में पंजाब युवा कांग्रेस में शामिल हुए और उसी वर्ष उन्हें संगठन का उपाध्यक्ष बनाया गया.
आज, वह पार्टी की किसान शाखा, किसान कांग्रेस के राष्ट्रीय अध्यक्ष हैं.
शिमला के बिशप कॉटन स्कूल से अपनी स्कूली शिक्षा पूरी करने के बाद, खैरा ने पंजाब विश्वविद्यालय, चंडीगढ़ से कानून की पढ़ाई की और अपने पिता के साथ राजनीति में आये. उनके पिता, जो दो अकाली सरकारों में मंत्री रह चुके थे, उनके सिख कट्टरपंथियों के साथ घनिष्ठ संबंध माने जाते थे.
एक बार कांग्रेस में रहने के बाद, खैरा राजनीतिक मंचों पर मुद्दों को स्पष्ट रूप से व्यक्त करने की अपनी क्षमता के कारण जबरदस्त तरीके से पॉपुलर हुए. और फिर 1999 में वह पंजाब प्रदेश कांग्रेस के सचिव बने.
खैरा ने अपना पहला विधानसभा चुनाव 1997 में कपूरथला के भोलाथ से लड़ा, लेकिन तत्कालीन शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक समिति की अध्यक्ष और अकाली नेता जागीर कौर से हार गए. उन्होंने पांच बार उनका सामना किया, केवल दो बार (2002 और 2012) सीट हारे.
जागीर कौर पर लगे ऑनर किलिंग के आरोपों का भी खैरा ने भरपूर फायदा उठाया और 2018 में बरी होने तक इस मामले को लगातार आगे बढ़ाया. यह जागीर कौर की खोज थी जिसने उन्हें पंजाब में कांग्रेस के प्रवक्ता का पद हासिल करते हुए शिअद के सबसे मुखर आलोचकों में से एक बना दिया.
वह सोशल मीडिया का उपयोग शुरू करने वाले और अपने समर्थकों तक सीधे पहुंचने वाले पहले कांग्रेस नेताओं में से एक रहे हैं. 2007 से 2017 के बीच अकाली शासन के 10 वर्षों के दौरान, खैरा ने न केवल पार्टी मंचों पर बल्कि फेसबुक के माध्यम से उन पर हमला करना जारी रखा, जिससे उन्हें बड़े पैमाने पर एनआरआई फॉलोअर्स मिले.
एक समय कैप्टन अमरिन्दर सिंह के करीबी विश्वासपात्र माने जाने वाले खैरा उस समय नाराज हो गए जब कैप्टन ने 2015 में पार्टी के राज्य प्रमुख का पद संभाला. इसमें उनके साथ तत्कालीन निवर्तमान राज्य पार्टी प्रमुख प्रताप सिंह बाजवा भी शामिल थे – जो कि एक जाने-माने अमरिन्दर विरोधी थे.
जब वह 2015 में आप में शामिल हुए, तो खैरा ने अमरिंदर पर आरोप लगाया कि जब अकाली उनके खिलाफ “झूठे मामले” दर्ज कर रहे थे, तब वह उनके लिए खड़े नहीं हुए.
2021 में जब उनकी कांग्रेस में वापसी हुई, तब तक ऐसा लग रहा था कि कैप्टन अमरिन्दर के साथ उनका मनमुटाव ख़त्म हो गया है. लेकिन उन्होंने अन्य कांग्रेस नेताओं की आलोचना करना जारी रखा, भ्रष्टाचार के आरोपों पर तत्कालीन मंत्री राणा गुरजीत सिंह के खिलाफ अभियान शुरू करने वाले पंजाब के दोआबा क्षेत्र के मुट्ठी भर कांग्रेस विधायकों में से एक थे.
2022 में, AAP ने राज्य विधानसभा चुनाव में 117 में से 92 सीटें जीतकर कांग्रेस को 18 पर गिरा दिया. खैरा उन कुछ कांग्रेसियों में से थे जिन्होंने चुनाव जीता.
‘प्रतिशोध की राजनीति’ – प्रतिद्वंद्वी अकाली दल, भाजपा ने गिरफ्तारी की निंदा की
आप सरकार के सत्ता में आने के बाद से ही खैरा लगातार उसकी आलोचना कर रहे हैं, सरकारी भर्ती अभियान पर सवाल उठा रहे हैं, विज्ञापनों पर सरकारी खर्च की आलोचना कर रहे हैं और मई 2022 में पंजाबी गायक और कांग्रेस नेता सिद्धू मूसे वाला की हत्या की जांच की गति की आलोचना कर रहे हैं.
इस जुलाई में, खैरा ने “यौन दुर्व्यवहार” के आरोपों पर कैबिनेट मंत्री लाल चंद कटारुचक पर चौतरफा हमला किया.
खैरा के फेसबुक पेज पर एक वीडियो के मुताबिक, मान के सीएम बनने के बाद उनके खिलाफ तीन मामले दर्ज किए गए थे.
Shame on @ArvindKejriwal & @BhagwantMann for their double standards as on one hand they are running from pillar to post for opposition unity and INDIA alliance while on the other hand they’re sparing no opportunity to marginalize @INCPunjab by slapping maliciously false criminal… pic.twitter.com/ZIUXqWIxIz
— Sukhpal Singh Khaira (@SukhpalKhaira) July 28, 2023
इनमें 51 साल पहले उनके परिवार के संपत्ति निपटान रिकॉर्ड के आधार पर जुलाई में दर्ज किया गया एक मामला भी शामिल है. खैरा ने कटारुचक के खिलाफ कार्रवाई की मांग को लेकर इस मामले को प्रतिशोध के रूप में देखा.
इस साल अप्रैल में उन पर भोलाथ एसडीएम को धमकाने के आरोप में भी मामला दर्ज किया गया था.
लेकिन यह एकमात्र मौका नहीं है जब खैरा को 2015 के ड्रग मामले में गिरफ्तार किया गया था. नवंबर 2021 में प्रवर्तन निदेशालय ने इसी मामले से जुड़े मनी लॉन्ड्रिंग के आरोप में खैरा को गिरफ्तार किया था. खैरा ने तब दावा किया कि यह मामला किसानों के विरोध को उनके समर्थन का परिणाम था.
इस बीच, खैरा की गिरफ्तारी की न केवल कांग्रेस बल्कि प्रतिद्वंद्वी पार्टियों शिअद और भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) ने भी निंदा की है. शिअद महासचिव दलजीत सिंह चीमा ने एक वीडियो संदेश में कहा कि राज्य में प्रतिशोध की राजनीति खत्म होनी चाहिए.
भाजपा के तरूण चुघ ने भी इसी तरह की टिप्पणी की. पीटीआई को दिए एक बयान में, चुग ने कहा: “पंजाब में AAP सरकार, जो बदलाव (परिवर्तन) के नाम पर सत्ता में आई थी, सत्ता का दुरुपयोग कर रही है और प्रतिशोध की राजनीति कर रही है.”
(संपादन: पूजा मेहरोत्रा)
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