scorecardresearch
Monday, 23 December, 2024
होमराजनीतिपंजाब सरकार ने फायर आर्म्स के सार्वजनिक प्रदर्शन और इसको बढ़ावा देने वाले गानों पर लगाई रोक

पंजाब सरकार ने फायर आर्म्स के सार्वजनिक प्रदर्शन और इसको बढ़ावा देने वाले गानों पर लगाई रोक

पंजाब में हाल ही में दो बड़ी घटनाएं हुई हैं. चार नवंबर को शिवसेना (टकसाली) के नेता सुधीर सूरी और 10 नवंबर को डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी प्रदीप सिंह की हत्या कर दी गई.

Text Size:

नई दिल्ली: पंजाब सरकार ने कानून-व्यवस्था के मुद्दे पर विपक्षी दलों की ओर से हो रही आलोचनाओं के बीच रविवार को नियमों को कड़ा करते हुए फायर आर्म्स के सार्वजनिक प्रदर्शन (सोशल मीडिया समेत), बंदूक संस्कृति और हिंसा को बढ़ावा देने वाले गीतों पर प्रतिबंध लगा दिया है.

इस संबंध में जारी एक आदेश के अनुसार, राज्य सरकार ने अगले तीन महीने में शस्त्रों के लाइसेंस की समीक्षा करने का निर्देश दिया है और इस अवधि में कोई नया लाइसेंस जारी नहीं करने समेत औचक जांच की जाएगी.

आदेश में कहा गया है कि सार्वजनिक सभाओं, धार्मिक स्थलों, शादी समारोहों और अन्य कार्यक्रमों में हथियार ले जाने और इनके प्रदर्शन पर पूरी तरह पाबंदी लगनी चाहिए.

इसमें कहा गया है कि किसी भी समुदाय के खिलाफ नफरत संबंधी बयानबाजी में लिप्त लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की जानी चाहिए.

राज्य में कथित रूप से बिगड़ती कानून व्यवस्था और कई सनसनीखेज हत्याकांड को लेकर भगवंत मान सरकार को विपक्षी दलों (शिरोमणि अकाली दल, भाजपा और कांग्रेस) की ओर से आलोचना का सामना करना पड़ रहा है.

पंजाब में हाल ही में दो बड़ी घटनाएं हुई हैं. चार नवंबर को शिवसेना (टकसाली) के नेता सुधीर सूरी और 10 नवंबर को डेरा सच्चा सौदा के अनुयायी प्रदीप सिंह की हत्या कर दी गई.

इसके पहले जालंधर में मार्च महीने के दौरान अंतरराष्ट्रीय कबड्डी खिलाड़ी संदीप नंगल अंबियन और मई में गायक सिद्धू मूसेवाला की हत्या को लेकर लोगों में आक्रोश देखने को मिला था. इसी तरह मोहाली स्थित पंजाब पुलिस के खुफिया मुख्यालय पर रॉकेट-ग्रेनेड से हमला किया गया था.

राज्य के गृह विभाग ने पुलिस प्रमुख, पुलिस आयुक्तों और वरिष्ठ पुलिस अधीक्षकों को पत्र लिखकर कहा कि मुख्यमंत्री ने राज्य में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए कदम उठाने के निर्देश जारी किए हैं.

रविवार को जारी आदेश के मुताबिक, शस्त्रों और हिंसा का महिमामंडन करने वाले गानों पर पूरी तरह से रोक लगनी चाहिए। आदेश में आगे कहा गया है कि तीन महीने के भीतर शस्त्र लाइसेंस की समीक्षा की जानी चाहिए और अगर किसी गलत व्यक्ति को शस्त्र लाइसेंस जारी किया गया है, तो उसे तत्काल रद्द किया जाना चाहिए.

आदेश में कहा गया है कि आने वाले दिनों में अलग-अलग जगहों पर औचक निरीक्षण किया जाए। ताजा आदेश पुलिस विभाग में बड़े फेरबदल के एक दिन बाद आया है.


यह भी पढ़ें: PM-CM की बैठकों के बाद पोलावरम बांध की फंडिंग का मुद्दा तो सुलझा लेकिन समय पर प्रोजेक्ट पूरा होने के आसार नहीं


share & View comments