नई दिल्ली: पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने मंगलवार को विधानसभा में विश्वास प्रस्ताव पेश किया है. इससे पहले स्पीकर कुलतार सिंह संधवान ने भी इसकी पुष्टि की थी.
पंजाब के राज्यपाल बनवारीलाल पुरोहित ने रविवार को राज्य विधानसभा का सत्र आयोजित करने को लेकर राजभवन और आप सरकार के बीच कई दिनों तक चली खींचतान के बाद 27 सितंबर को सदन बुलाने की मंजूरी दी थी.
खबरों के मुताबिक 3 अक्टूबर को विश्वास प्रस्ताव पर मतदान होगा.
स्पीकर की घोषणा के बाद बीजेपी के दो विधायक अश्विनी शर्मा और जंगी लाल महाजन ने सदन से वाकआउट किया.
संधवान ने यह भी कहा कि सदन की बिजनेस एडवायजरी कमिटी ने सत्र की अवधि तीन अक्टूबर तक बढ़ाने का फैसला किया है, जबकि पहले यह एक दिन का था.
विधानसभा परिसर में मंत्री अमन अरोड़ा ने आरोप लगाया कि आप सरकार को 117 सदस्यीय सदन में 92 विधायकों की बहुमत हासिल है, लेकिन केंद्र में बीजेपी की सरकार राज्य सरकार को गिराने की कोशिश कर रही है.
पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, ‘बीजेपी और कांग्रेस के गठजोड़ की पोल खुल गई है. वे एक दिन का सत्र बुलाने के भी खिलाफ हैं. हैरानी की बात है कि कांग्रेस भी विधानसभा में हमें बोलने नहीं दे रही. कहीं न कहीं दाल में कुछ काला है या दाल ही काली है. बाजवा साहब ने भी बयान दिया कि ये सत्र चलना नहीं चाहिए.’
पंजाब कांग्रेस प्रमुख प्रताप सिंह बाजवा ने कहा कि अगर आप सरकार विश्वास प्रस्ताव लाना चाहता है तो उन्हें सदन को भंग करना चाहिए और नए सिरे से चुनाव कराना चाहिए. बाजवा ने कहा, ‘उन्होंने तीन मुद्दों यानी जीएसटी, बिजली, पराली जलाने पर सत्र बुलाया लेकिन उन्होंने इसके बारे में बात नहीं की. उन्होंने सदन, राज्यपाल और पंजाब के लोगों को गुमराह किया है. अगर वे विश्वास प्रस्ताव लाना चाहते हैं, तो उन्हें सदन को भंग करना चाहिए और नए सिरे से चुनाव कराना चाहिए.’
19 सितंबर को, सीएम मान ने 22 सितंबर को विश्वास मत हासिल करने के लिए राज्य विधानसभा के विशेष सत्र का आह्वान किया था, जिसके कुछ दिनों बाद आप ने बीजेपी पर अपनी सरकार को गिराने की कोशिश करने और विधायकों को ‘खरीदने’ करने का आरोप लगाया था.
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