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Friday, 22 November, 2024
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पंजाब के CM भगवंत मान का बड़ा फैसला, घर-घर राशन की डिलीवरी होगी शुरू

आप सरकार ने विधानसभा चुनाव के दौरान 300 यूनिट प्रति महीने फ्री करने का ऐलान किया था. भगवंत मान ने सरकार बनने पंजाब की हर महिला को एक हजार रुपये देने का वादा भी किया था.

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नई दिल्ली: पंजाब में सत्ता संभालने के बाद भगवंत मान ने राज्य में घर-घर राशन पहुंचाने के लिए डोर स्टेप डिलीवरी का फैसला किया है. सोमवार को उन्होंने इसकी घोषणा की.

पंजाब के मुख्यमंत्री भगवंत मान ने कहा, आज़ादी के 75 साल बाद भी हमारे लोग कतारों में खड़े हैं. आज हम ये सिस्टम बदलने जा रहे हैं. अब हमारी बुजुर्ग माताओं को राशन के लिए घंटो लाइन में नहीं लगना पड़ेगा. किसी को अपनी दिहाड़ी नहीं छोड़नी पड़ेगी. आज मैंने फैसला लिया है कि आपकी सरकार आपके घर राशन पहुंचाएगी.

मान ने आगे कहा, ‘आम आदमी पार्टी ने पंजाब के लोगों के लिए राशन की डोर स्टेप डिलीवरी शुरू करने का फैसला किया है. हमारे अधिकारी आपको फोन कर पूछंगे की आप किस समय घर पर हैं. हमारे अधिकारी उस हिसाब से आपको आपके घर तक राशन पहुंचाएंगे. यह एक वैकल्पिक योजना है.

उन्होंने आगे कहा, ‘लोगों के पास इस योजना को चुनने का विकल्प होगा. राशन डिपो के पास रहने वाले इसे डिपो से प्राप्त कर सकते हैं. जो लोग डोरस्टेप डिलीवरी का विकल्प चुनते हैं, उन्हें संबंधित कर्मियों को यह बताना होगा कि वे अपने स्थान पर किस समय उपलब्ध हैं. उन्हें स्वच्छ और अच्छी गुणवत्ता वाला राशन पहुंचाया जाएगा.’

आप सरकार ने विधानसभा चुनाव के दौरान 300 यूनिट प्रति महीने फ्री करने का ऐलान किया था. भगवंत मान ने सरकार बनने पंजाब की हर महिला को एक हजार रुपये देने का वादा भी किया था. भगवंत मान ने राज्य में भ्रष्टाचार के मामलों की शिकायत के लिए एक हेल्पलाइन नंबर जारी किया है. हालांकि कुछ दिन पहले ही सीएम भगवंत मान ने फैसला लिया था कि पंजाब में पूर्व विधायकों को सिर्फ वन टर्म पेंशन दी जाएगी

भगवंत मान ने कहा कि आप सरकार ने लोगों के जीवन को आसान बनाने के लिए ये फैसला किया है, क्योंकि सरकारों को ऐसा करना चाहिए था. मुख्यमंत्री ने कहा कि बुनियादी जरूरतों पर काम करने के बाद जल्द ही इस योजना को शुरू किया जाएगा.

बता दें कि इससे पहले दिल्ली की आम आदमी पार्टी की सरकार ने ‘मुख्यमंत्री घर-घर राशन योजना’ का ऐलान किया था. हालांकि, केंद्र और दिल्ली सरकार के बीच मतभेदों के कारण इसे रोक दिया गया था. बाद में यह मामला कोर्ट पहुंच गया था.

दूसरी ओर भगवंत मान का आरोप है कि ‘केंद्र सरकार चंडीगढ़ प्रशासन में अन्य राज्यों और सेवाओं के अधिकारियों और कर्मियों को चरणबद्ध तरीके से थोप रही है. यह पंजाब पुनर्गठन अधिनियम 1966 के पत्र और भावना के खिलाफ है.’

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