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Sunday, 22 December, 2024
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‘कांग्रेस मुझे विश्वासघाती कहती है, BJP मेरा परिवार’, ज्योतिरादित्य सिंधिया ने की CM शिवराज की तारीफ

17 नवंबर को होने वाले विधानसभा चुनाव के लिए BJP के लिए प्रचार करते हुए केंद्रीय मंत्री ज्योतिरादित्य सिंधिया ने नरेंद्र सिंह तोमर के साथ प्रतिद्वंद्विता की अफवाह को खारिज किया और कहा, कांग्रेस उन्हें विश्वासघाती कह सकती है, लेकिन भाजपा उनका परिवार है.

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भोपाल: पिछले दो दशकों में मध्य प्रदेश के विकास का एक “बड़ा हिस्सा केवल और केवल” मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान को जाता है. केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता ज्योतिरादित्य सिंधिया ने दिप्रिंट को दिए एक इंटरव्यू में ये बातें कहीं.

सिंधिया ने कहा, “इसमें कोई शक नहीं है कि इन 18 वर्षों में मध्य प्रदेश के विकास का अधिक श्रेय…अगर किसी को जाता है, तो वह केवल और केवल शिवराज सिंह चौहान जी हैं.”

यह पूछे जाने पर कि पार्टी तब चौहान को मुख्यमंत्री पद का उम्मीदवार घोषित करने से क्यों कतरा रही थी, सिंधिया ने भाजपा की सामूहिक नेतृत्व रणनीति का बचाव किया. उन्होंने कहा, “नेतृत्व क्या है? नेतृत्व सभी को एक साथ लाने, एक समान लक्ष्य की दिशा में काम करने के बारे में है, और अगर आप भाजपा की विधानसभा रणनीति को देखें, तो इसमें सभी लोग एक साथ काम कर रहे हैं.”

सीएम चौहान के कार्यकाल पर सिंधिया की टिप्पणी महत्व रखती है क्योंकि यह ऐसे समय में आई है जब अधिकांश भाजपा नेताओं ने राज्य में इस महीने के विधानसभा चुनावों में केंद्र के योगदान पर ध्यान केंद्रित किया है.

राज्य की 230 विधानसभा सीटों पर 17 नवंबर को मतदान होगा और वोटों की गिनती 3 दिसंबर को की जाएगी.

कांग्रेस छोड़ने और मध्य प्रदेश में कमलनाथ सरकार गिराने के तीन साल बाद, सिंधिया भाजपा के लिए प्रचार करने में व्यस्त हैं – राज्य के कोने-कोने का दौरा कर रहे हैं, खासकर ग्वालियर-चंबल क्षेत्र का दौरा कर रहे हैं जो उनके परिवार का गढ़ माना जाता है.

दिप्रिंट ने शुक्रवार को सिंधिया से मुलाकात की, जब वह शहडोल में एक रैली को संबोधित करने जा रहे थे, जहां उन्होंने आगामी विधानसभा चुनाव जीतने का भरोसा जताया. केंद्रीय मंत्री ने दिप्रिंट से राज्य के चुनाव, कांग्रेस, केंद्रीय मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के साथ उनकी कथित प्रतिद्वंद्विता, राज्य सरकार की उपलब्धियों और कई अन्य मुद्दों पर बात की.


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‘कांग्रेस दोषी है’

कांग्रेस पर राज्य को बर्बाद करने का आरोप लगाते हुए सिंधिया ने कहा, “कांग्रेस ने मध्य प्रदेश में 55 वर्षों तक शासन किया. 2003 तक नतीजा क्या रहा? मध्य प्रदेश हर सामाजिक सूचक, हर बुनियादी ढांचे सूचक के आंकड़ों में सबसे निचले पायदान पर था.”

उन्होंने कहा, “भाजपा सरकार ने मध्य प्रदेश को देश भर में सभी सामाजिक संकेतकों के मामले में गिरावट के दलदल से उठाकर सर्वश्रेष्ठ राज्यों में से एक बना दिया है. चाहे आप कृषि विकास को देखें, चाहे आप बुनियादी ढांचे के विकास को देखें, चाहे आप मातृ मृत्यु दर (एमएमआर), शिशु मृत्यु दर (आईएमआर) को देखें और हमारी योजनाएं और हमारी सरकार लोगों पर केंद्रित रही हैं, इसके विपरीत, कांग्रेस व्यक्तित्व और भ्रष्टाचार पर केंद्रित रही है.”

केंद्रीय मंत्री ने कांग्रेस नेता कमलनाथ पर भी निशाना साधा और उन पर INDIA ब्लॉक के सहयोगी और समाजवादी पार्टी (सपा) के नेता अखिलेश यादव का अपमान करके अन्य पिछड़ा वर्ग (ओबीसी) समुदाय को “बदनाम” करने का आरोप लगाया.

सिंधिया ने कहा, “कांग्रेस ने (ओबीसी मुद्दे को) इतने बड़े पैमाने पर उठाया है जब कमलनाथ जी से अखिलेश यादव के बारे में पूछा गया, तो उन्होंने कहा, ‘अखिलेश बखिलेश जी की बात मत करो, यह कांग्रेस का ओबीसी समुदाय के प्रति सम्मान है.” अखिलेश मेरे लिए प्रतिद्वंद्वी विपक्षी दल के नेता हो सकते हैं, वह अभी भी पिछड़ी जाति का एक बहुत सम्मानित नाम हैं और अगर आप ओबीसी को इस तरह से अपमानित करेंगे तो समुदाय भी आप पर पलटवार करेगा. मैं बहुत आश्वस्त हूं.”

‘बीजेपी का फोकस महिलाओं पर’

जबकि अधिकांश भाजपा नेताओं ने राज्य में सत्ता-विरोधी कारक को कम महत्व दिया है, सिंधिया ने एक कदम आगे बढ़कर कहा कि “सत्ता-समर्थक” लहर थी. “मध्य प्रदेश में कोई सत्ता विरोधी लहर नहीं है. वास्तव में, मैं यहां तक कह सकता हूं कि यहां सत्ता समर्थक लहर है…”

राज्य में भाजपा सरकार की प्रशंसा करते हुए उन्होंने कहा कि यह पहली बार नहीं है कि भाजपा या सीएम चौहान ने महिलाओं पर ध्यान केंद्रित किया है.

राज्य सरकार की योजनाओं के बारे में विस्तार से बताते हुए सिंधिया ने कहा, “उनके कार्यकाल के दौरान आईएमआर को नीचे लाना एक सतत विषय रहा है. इसकी शुरुआत शिशुहत्या को रोकने के लिए लक्ष्मी योजना के साथ हुई, जिसके परिणामस्वरूप आईएमआर दर में कमी आई है…एक बार जब लड़कियां स्कूल जाना शुरू कर देती हैं और अच्छी परफॉर्मेंस देती हैं, तो उन्हें एक स्कूटी दी जाती है. तीसरा चरण (है) जब एक लड़की की शादी हो जाती है, वह एक नया जीवन शुरू करने के लिए अपना मायका छोड़ देती है. राज्य सरकार कन्यादान योजना के माध्यम से उस शादी में मौजूद रहती है और इसका एक तार्किक विस्तार चौथी योजना लाडली बहना योजना (वित्तीय सहायता के लिए) है.”

लाडली योजना की कांग्रेस की आलोचना पर पलटवार करते हुए, सिंधिया ने कहा कि अगर यह इतनी अच्छी नहीं होती तो “कमल नाथ (महिलाओं के लिए) 1,500 रुपये की योजना क्यों लेकर आते?”

कांग्रेस द्वारा लगातार उन्हें विश्वासघाती कहे जाने पर, सिंधिया ने पार्टी छोड़ने के अपने फैसले का बचाव करते हुए कहा कि उन्होंने केवल ‘भ्रष्टाचार के खिलाफ युद्ध’ का नेतृत्व किया था.

उन्होंने कहा, “अगर वे भ्रष्टाचार के खिलाफ युद्ध, वादों के साथ विश्वासघात के खिलाफ युद्ध को विश्वासघात कहते हैं तो यह कांग्रेस का दृष्टिकोण है…उन्हें ऐसा करने दीजिए, मैं यह उन्हें सौंपता हूं और उन्हें मुझे यह कहने में सहजता देता है.”

सिंधिया ने कहा, “मेरे पास क्या है…मेरी अंतरात्मा और मेरा दिल साफ है कि चौहान सरकार के (वर्तमान) तीन वर्षों में वह न केवल कोविड महामारी से लड़ने में सक्षम हैं, बल्कि हमने मिलकर काम किया है…चाहे वह टीकों का मुद्दा हो, ऑक्सीजन प्राप्त करने, आपूर्ति करने का मुद्दा हो, मध्य प्रदेश के विभिन्न हिस्सों में ऑक्सीजन टैंकरों को ले जाने के लिए सी 130जे हरक्यूलिस विमान को उतारने का मामला हो… उन्हें भरने, ट्रेन से वापस लाने का मामला हो…या फिर यह मध्य प्रदेश के विकास का मामला हो हम एक साथ रहे.”

विधानसभा चुनावों में संसद सदस्यों (सांसदों) को मैदान में उतारने की भाजपा की रणनीति के बारे में बताते हुए, यह संकेत देते हुए कि वह सीएम पद की दौड़ में नहीं हैं, सिंधिया ने कहा कि पार्टी नेतृत्व ऐसे नेताओं को चाहता है जिनके पास अपने “गढ़” हैं और वे वहां जीतने की क्षमता सुनिश्चित करने के लिए उनकी रक्षा करते रहें.” बता दें कि बीजेपी ने मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव में तीन केंद्रीय मंत्रियों समेत सात मौजूदा सांसदों को मैदान में उतारा है.

उन्होंने कहा, “ऐसी कई सीटें हैं जो कांग्रेस के गढ़ हैं. आपको उन सीटों पर हमले की तैयारी करनी होगी और अगर आप हमारे द्वारा घोषित की गई पहली दो लिस्ट को देखें, तो हम लड़ाई को कांग्रेस के पास ले गए हैं, जिन सीटों पर उसे हमेशा लगता है कि वह सर्वोच्च है. यहीं पर हमने सांसदों और केंद्रीय मंत्रियों को मैदान में उतारा है.”

उन्होंने आगे कहा, “इसलिए, कांग्रेस आज अपनी ताकत वाले क्षेत्रों में कमज़ोर है और इससे हमें यह सुनिश्चित करने की प्रेरणा मिलती है कि हम न केवल उन सीटों पर जीत हासिल करें जिन पर हम हमेशा से कायम रहे हैं, बल्कि उन सीटों पर भी जीत हासिल करें जहां कांग्रेस मजबूत रही है.”


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‘बीजेपी में कोई एक नेता नहीं, सारे कार्यकर्ता’

सिंधिया ने कहा कि बीजेपी में कोई एक नेता नहीं है और उन्होंने कांग्रेस से कहा कि वह अपने घर की चिंता करे. उन्होंने कहा, “भाजपा में अंतर-प्रतिद्वंद्विता नाम की कोई चीज़ नहीं है. कोई एक नेता नहीं है, कोई चुनाव पलटने वाला नहीं है. हर कोई कार्यकर्ता है और हम सब मिलकर काम करते हैं.”

उन्होंने अपने और कैबिनेट सहयोगी नरेंद्र सिंह तोमर, जो राज्य से विधानसभा चुनाव लड़ रहे हैं, के बीच प्रतिद्वंद्विता की अफवाह को भी खारिज कर दिया.

केंद्रीय मंत्री ने कहा, “नरेंद्र सिंह और मेरे बीच बहुत पुराना रिश्ता है, जब वह विधायक थे और मैं सांसद था और उनका मेरे पिता, मेरी दादी के साथ रिश्ता रहा है. इसलिए, कांग्रेस को अपने घर की चिंता करने दीजिए.”

मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के लिए प्रचार करते हुए सिंधिया ने लोगों से मुलाकात की | प्रवीण जैन/दिप्रिंट
मध्य प्रदेश विधानसभा चुनाव से पहले भाजपा के लिए प्रचार करते हुए सिंधिया ने लोगों से मुलाकात की | प्रवीण जैन/दिप्रिंट

2022 में कांग्रेस ने लगभग 55 वर्षों के बाद ग्वालियर में स्थानीय निकाय चुनाव जीता और कई लोगों ने इस हार को कुप्रबंधन के साथ-साथ तोमर और सिंधिया के बीच प्रतिद्वंद्विता का परिणाम बताया था.

सिंधिया ने कहा, “इस पर मेरी एक ही प्रतिक्रिया है: हर चुनाव में, आप उत्थान और पतन देखेंगे. चुनाव जीतने या हारने में कईं सहायक कारक होते हैं. निःसंदेह, जिम्मेदारी हमारी है. इसका सवाल ही नहीं उठता. और मैं किसी भी जिम्मेदारी से भागने वाला आखिरी व्यक्ति होऊंगा. अगर आप गुलदस्तों के लिए तैयार हैं, तो आपको ईंट-पत्थर का सामना करने के लिए भी तैयार रहना चाहिए. जवाबदेही जिम्मेदारी के एक हिस्से के रूप में आती है.”

हालांकि, उन्होंने कहा, “अगर कांग्रेस मुरैना नगर निगम और ग्वालियर नगर निगम पर इतनी जीत से खुश है, तो कृपया मुझे समझाएं कि 2018 में ग्वालियर-चंबल में, जब कांग्रेस ने 34 में से 26 सीटें जीती थीं, तो भाजपा ने केवल सात जीती थी. 2020 में जिन 28 सीटों पर उपचुनाव हुआ, उनमें से कांग्रेस के पास 27 सीटें थीं. ऐसा क्यों हुआ कि कांग्रेस उन 28 में से 19 सीटें हार गई?”

ओबीसी का समर्थन

राजनीतिक दलों के अनुमान के मुताबिक ओबीसी समुदाय, जो राज्य की आबादी का 50 प्रतिशत से अधिक है, ने मध्य प्रदेश में भाजपा की लगातार जीत में प्रमुख भूमिका निभाई है.

लेकिन पार्टी को यह सुनिश्चित करने में मुश्किलों का सामना करना पड़ रहा है कि समुदाय एक बार फिर उस पर अपना विश्वास जताए क्योंकि कांग्रेस ने अपने घोषणापत्र में जाति-आधारित सर्वेक्षण, सरकारी नौकरियों में ओबीसी को 27 प्रतिशत आरक्षण देने का वादा किया है और केंद्र से भी कहा है कि महिला आरक्षण बिल में ओबीसी को शामिल करें.

सिंधिया ने कहा, “कांग्रेस पार्टी का इतिहास…यह हमेशा एक ऐसी पार्टी रही है जिसने ओबीसी के हितों का विरोध किया है. उन्होंने ओबीसी आयोग की रिपोर्ट (मोरारजी देसाई के कार्यकाल के दौरान प्रस्तुत) का विरोध किया, उन्होंने मंडल आयोग का विरोध किया जो लाया गया था और वे हमेशा की तरह दबी ज़ुबान में बोल रहे हैं, इसमें कोई हैरानी की बात नहीं है, ऐसा वे हमेशा करते हैं.”

कमलनाथ पर कटाक्ष करते हुए, सिंधिया ने कहा, “जब चुनाव आते हैं, तो वे मंदिरों के टूरिस्ट बन जाते हैं, वे ओबीसी पर्यटक बन जाते हैं और जैसे ही चुनाव खत्म होते हैं, उनका हाल है:‘आप किस बारे में बात कर रहे थे?’ मुझे याद नहीं आ रहा…मैंने क्या कहा.”

दिप्रिंट से बात करते हुए, कमलनाथ ने कहा था कि बीजेपी राम मंदिर का श्रेय नहीं ले सकती और उन्होंने अपने गढ़ छिंदवाड़ा में बाबा बागेश्वर नाथ की मेज़बानी करने के अपने कदम का बचाव किया था.

सिंधिया ने खुद को ‘भाजपा कार्यकर्ता’ बताया और कहा, “मेरे लिए भाजपा हमेशा परिवार रही है, यह हमेशा घर रही है.”

उन्होंने कहा, “मत भूलिए, मेरी दादी राज माता विजया राजे सिंधिया जी इस पार्टी की संस्थापक सदस्य थीं. जब मैं बड़ा हो रहा था, मैं हमेशा भाजपा के लोगों से घिरा रहता था. मेरे पिता (माधव राव सिंधिया) ने जब 1971 में अपना करियर शुरू किया था, तब वे जनसंघ के सांसद थे. इसलिए मेरे लिए, भाजपा बहुत हद तक एक परिवार है, लेकिन कांग्रेस मुझे विश्वासघाती कहती रहती है.”

(संपादन : फाल्गुनी शर्मा)

(इस इंटरव्यू को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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