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प्रियंका की इस टिप्पणी को लेकर सोशल मीडिया पर सवाल उठने शुरू हो गए हैं. पार्टी के अंदरखेमे में भी इसको लेकर आपत्ति है. नाम न छापने की शर्त पर यूपी संगठन के एक नेता ने कहा कि पूरे संगठन में बदलाव की जरूरत है. कार्यकर्ताओं की मेहनत पर सवाल नहीं उठाने चाहिए. दोबारा से पूरे संगठन को मजबूत करने पर फोकस करना चाहिए.
Sorry! But did you @priyankagandhi give your best? Shouldn’t the top leadership be taking responsibility rather than blaming the workers. https://t.co/HmxSMBBgE0
— Marya Shakil (@maryashakil) June 13, 2019
2014 से 2019 तक जो बड़े नेता आपस मे लड़ते रहे,पार्टी को नुकसान करते रहे..और लीडर उसे न सिर्फ ठीक करने में विफल रहे बल्कि बीच राह में छोड़ने लगे उन्होंने क्या दिया?वर्कर बेचारे ईमानदार-कर्मठ नेतृत्व चाहता है। सही बात,गलत व्यक्ति को कही जा रही है। 12 करोड़ वोट इसी वर्कर ने दिलवाया https://t.co/XUnYSMHACr
— Narendra nath mishra (@iamnarendranath) June 13, 2019
जानें क्या हुआ बैठक में
रायबरेली में प्रियंका ने पूर्वी यूपी के उम्मीदवारों, वरिष्ठ नेताओं, जिला-शहर अध्यक्षों और कोआर्डिनेटरों सबके साथ अलग-अलग बैठक की. उन्होंने कहा कि नतीजे अप्रत्याशित रहे. खुलकर राय दीजिए कि ऐसा क्यों हुआ. मेरे स्तर पर क्या चूक हुई? कहां और क्या कमी रह गई? जनता हमसे क्या चाह रही थी. जो हम समझ नहीं पाएं. खाली हार पर चर्चा करने का वक्त नहीं है. हार को भूल कर अब आगे बढ़ने का समय है.
इस दौरान अधिकांश ने हार का ठीकरा संगठन पर फोड़ा कि संगठन का अपेक्षित सहयोग नहीं मिल पाया. दूसरे दल से आये लोगों का कहना था कि जिलों में संगठन नाम की चीज नहीं है. कागज पर कमेटियां बनी हुई है. प्रियंका ने बड़े पैमाने पर बदलाव का संकेत दिया. लोगों ने उनसे सारी कमेटियां भंग कर नए सिरे से गठन करने की राय दी. जिस पर उन्होंने कहा कि सारी कमेटियां भंग है और वह पुनर्गठन सबकी राय आने के बाद करेंगी.