लखनऊ : कांग्रेस महासचिव और पार्टी की उत्तर प्रदेश प्रभारी प्रियंका गांधी वाड्रा ने रविवार को कहा कि राज्य के आगामी विधानसभा चुनाव में दूसरे दलों से गठबंधन को लेकर उनका ज़हन ‘बिल्कुल खुला’ है लेकिन ऐसा कोई भी समझौता पार्टी के हितों की कीमत पर नहीं होगा.
प्रियंका ने यहां संवाददाताओं से अनौपचारिक बातचीत में कहा कि उत्तर प्रदेश के आगामी विधानसभा चुनाव में अन्य पार्टियों से गठबंधन को लेकर उनका ज़हन बिल्कुल खुला हुआ है.
उन्होंने यह भी कहा कि अभी वह यह नहीं कह सकतीं कि कांग्रेस उत्तर प्रदेश की सभी 403 विधानसभा सीटों पर चुनाव लड़ेगी या फिर गठबंधन करेगी. हालांकि, कोई भी गठबंधन पार्टी के हितों की कीमत पर नहीं होगा.
कांग्रेस महासचिव ने कहा, ‘हमारा उद्देश्य भाजपा को हराना है और दूसरी राजनीतिक पार्टियों को भी खुले ज़हन से इस (गठबंधन की) दिशा में सोचना चाहिए.’ प्रियंका ने खुद के उत्तर प्रदेश के राजनीतिक फलक से अक्सर गैरहाजिर रहने के भाजपा के आरोपों के बारे में पूछे जाने पर कहा कि वह उत्तर प्रदेश में ‘राजनीतिक पर्यटक’ नहीं हैं. भाजपा यह मिथ्या प्रचार कर रही है कि वह और उनके भाई राहुल गांधी गंभीर नेता नहीं हैं.
उन्होंने माना कि पार्टी 30-32 वर्षों से उत्तर प्रदेश की सत्ता से बाहर है और यह कुछ ‘दुर्बल’ भी हो गई है. हालांकि, इसके कायाकल्प की पूरी कोशिशें की जा रही हैं और पार्टी में काफी नई ऊर्जा का संचार भी हुआ है.
प्रियंका ने बताया कि राज्य में कांग्रेस सेवादल में भी आमूलचूल बदलाव किए जाने की योजना है. कांग्रेस महासचिव ने कहा कि वह पिछले करीब डेढ़ साल से विधानसभा चुनाव की तैयारियों में जुटी हैं. कोविड-19 महामारी के दौरान सबसे ज्यादा काम हुआ है. अब सभी लोग यह देख सकते हैं कि जनता के मुद्दों को आखिर कौन सी पार्टी उठा रही है.
उन्होंने आरोप लगाया कि वर्ष 2017 के विधानसभा चुनाव में बड़े-बड़े दावे करके सत्ता में आने वाली भाजपा की असलियत अब जनता के सामने पूरी तरह जाहिर हो गई है और कांग्रेस आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा की इन्हीं नाकामियों को जनता के सामने रखेगी.
बाद में, प्रियंका ने प्रदेश कांग्रेस अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू, पार्टी के प्रांतीय सह प्रभारी धीरज गुर्जर और पार्टी के वरिष्ठ नेता नसीमुद्दीन सिद्दीकी समेत अनेक प्रमुख नेताओं से विचार-विमर्श भी किया.