scorecardresearch
Friday, 3 May, 2024
होमराजनीतिसोनभद्र के उभ्भा गांव के आदिवासी को प्रियंका गांधी ने बनाया जिलाध्यक्ष, नए चेहरों पर दांव

सोनभद्र के उभ्भा गांव के आदिवासी को प्रियंका गांधी ने बनाया जिलाध्यक्ष, नए चेहरों पर दांव

कांग्रेस ने यूपी अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की नियुक्ति के बाद उत्तर प्रदेश में जिला और शहर अध्यक्षों के नामों का मंगलवार को ऐलान कर दिया.

Text Size:

लखनऊ : टीम प्रियंका में सोनभद्र के उभ्भा गांव के आदिवासी नौजवान रामराज गोंड को भी जगह मिली है. उन्हें जिलाध्यक्ष बनाया गया है. बीते जुलाई महीने में इस गांव में हुई हिंसा में 10 आदिवासियों की मौत हो गई थी जिसके बाद कांग्रेस की यूपी प्रभारी प्रियंका गांधी पीड़ित परिवारों से मिलने पहुंची थीं. इसी दौरान उनकी मुलाकात गांव के 34 वर्षीय युवक रामराज गोंड से हुई जिसने पीड़ित परिवारों से उनकी मुलाकात कराई.

कांग्रेस के प्रवक्ता राजीव त्यागी ने कहा कि उत्तर प्रदेश में अनुभव एवं युवा जोश का समन्वय करके कांग्रेस को एक नई धार दी जाएगी. टीम प्रियंका उत्तर प्रदेश में सत्य के लिए भिड़ेगी, लड़ेगी और जीतेगी. उन्होंने कहा की उत्तर प्रदेश में कांग्रेस पार्टी सघन जनसंपर्क करके भारतीय जनता पार्टी की झूठी निरंकुश और जुमलेबाज सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए नित नए कार्यक्रम लेकर आएगी.


यह भी पढ़ेंः चुनाव हारने के बाद मजदूरी करने चला गया था ये नेता, प्रियंका गांधी ने बनाया कांग्रेस का यूपी चीफ


news on politics
जिला और शहरी प्रमुखों को लिस्ट.

टीम की औसत आयु 42 साल

बता दें कि कांग्रेस ने यूपी के अध्यक्ष अजय कुमार लल्लू की नियुक्ति के बाद उत्तर प्रदेश में जिला और शहर अध्यक्षों के नामों का मंगलवार को ऐलान कर दिया. कुल 51 अध्यक्षों की घोषणा हुई है, जिसमें 47 जिलाध्यक्ष व चार शहर अध्यक्ष हैं. पदाधिकारियों के चयन में सबसे ज्यादा तरजीह युवाओं को मिली है. इसके साथ ही जातीय समीकरण भी साधने की पूरी कोशिश की गई है.

कांग्रेस ने जिला और शहर अध्यक्षों की उम्र में संतुलन बनाया है. एक तरफ नौजवानों को कमान मिली है तो दूसरी तरफ अनुभवी कार्यकर्ताओं को भी सम्मान मिला है. जिला और शहर अध्यक्षों की औसत आयु 42 साल है.

इन नामों में एक ख़ास नाम है- सोनभद्र के नये जिलाध्यक्ष का. एक आदिवासी नौजवान रामराज गोंड का. रामराज ने बीए तक पढ़ाई की है. दिप्रिंट को उन्होंने बताया कि पढ़ाई के साथ वे आदिवासी समाज की लड़ाई लड़ते रहे हैं जिसकी कीमत भी उनको चुकानी पड़ी. उनके खिलाफ गुंडा एक्ट जैसा संगीन मुकदमा भी दर्ज किया गया था. फिलहाल वह ग्रामीणों के संघर्ष की लड़ाई लड़ रहे हैं.

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

news on politics
जिला और शहरी प्रमुखों को लिस्ट.

यह भी पढ़ेंः प्रियंका गांधी ने वादा निभाया, सोनभद्र हिंसा के पीड़ित परिवारों को दस-दस लाख का चेक भेजवाया


उभ्भा गांव के हैं रामराज

सोनभद्र का उभ्भा गांव पिछले दिनों काफी चर्चा में रहा. गौरतलब है कि जब कांग्रेस महासचिव प्रियंका गांधी सोनभद्र जा रही थीं तो उनको प्रशासन ने रोक दिया. सरकार ने उन्हें वाराणसी से चुनार के किला ले जाकर नज़रबंद कर दिया. सूत्र बताते हैं कि यहीं महासचिव प्रियंका गांधी की नज़र रामराज गोंड पर पड़ी थी. रामराज पीड़ित परिवारों के साथ प्रियंका गांधी से चुनार किले पर मिलने पहुंचे थे. सोनभद्र उत्तर प्रदेश का सबसे अधिक आदिवासी आबादी वाला जिला है. आदिवासियों में गोंड, कोल, बियार, खरवार प्रमुख जातियां हैं. रामराज गोंड आदिवासी हैं. इनके पिता बहादुर गोंड उभ्भा गांव के प्रधान रहे हैं. कांग्रेस से बहादुर गोंड का पुराना नाता है. वह बचपन से पार्टी से जुड़े रहे हैं.

वहीं कांग्रेस की पूर्व सांसद और प्रतापगढ़ ‘रानी’ रत्ना सिंह ने बीजेपी का दामन थाम लिया है, पिछले कई दिनों से चर्चा थी कि वह बीजेपी में शामिल होंगी. वह ‘राजा’

वहीं प्रतापगढ़ की पूर्व सांसद और कांग्रेस नेता राजकुमारी रत्ना सिंह अपने समर्थकों के साथ भाजपा में शामिल हो गईं हैं. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ की उपस्थिति में मंगलवार दोपहर रत्ना सिंह ने भाजपा की सदस्यता ग्रहण कर ली. वह पूर्व विदेश मंत्री स्वर्गीय राजा दिनेश सिंह की पुत्री हैं. राजा दिनेश सिंह प्रतापगढ़ से चार बार और उनकी पुत्री रत्ना सिंह तीन बार 1996, 1999 और 2009 में सांसद रह चुकी हैं.

share & View comments