नई दिल्लीः प्रधान मंत्री नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को कहा कि उनकी सरकार शहरी बुनियादी ढांचे में और सुधार लाने के लिए प्रतिबद्ध है और आवास के सपने को पूरा करने में कोई कसर नहीं छोड़ेगी.
Four years ago, today we started important initiatives PM Awas Yojana (U), AMRUT, Smart Cities with the aim of #TransformingUrbanLandscape in India.
These initiatives have not only helped usher in a new paradigm of urban development but have also transformed crores of lives.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2019
These initiatives have seen record investment, speed, use of technology & public participation. We are committed to further improving urban infrastructure. No stone will be left unturned to fulfil the dream of ‘Housing for All’, which will give wings to crores of aspirations.
— Narendra Modi (@narendramodi) June 25, 2019
ट्विटर पर मोदी ने कहा, ‘चार साल पहले, आज हमने भारत में #TransformingUrbanLandscape के उद्देश्य से पीएम आवास योजना (U), AMRUT, स्मार्ट सिटीज़ की महत्वपूर्ण पहल शुरू की है. इन पहलों ने न केवल शहरी विकास के नए प्रतिमान की शुरूआत की है बल्कि करोड़ों लोगों का जीवन बदल दिया है.’ एक अन्य ट्वीट में उन्होंने कहा, ‘इन पहलों में रिकॉर्ड निवेश, गति, प्रौद्योगिकी का उपयोग और सार्वजनिक भागीदारी देखी गई है. हम शहरी बुनियादी ढांचे में सुधार के लिए प्रतिबद्ध हैं. हाउसिंग फॉर ऑल के सपने को पूरा करने के लिए कोई कसर नहीं छोड़ी जाएगी, करोड़ों आकांक्षाओं को पंख देंगे.’
बता दें कि मोदी ने शहरी गरीबों को किफायती आवास उपलब्ध कराने के लिए प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) शुरू की थी.
कायाकल्प और शहरी परिवर्तन के लिए अटल मिशन (एएमआरयूटी) का उद्देश्य मूल नागरिक सुविधाएं जैसे कि पानी की आपूर्ति, सीवरेज, शहरी परिवहन, पार्क विशेष रूप से गरीबों और वंचितों के लिए जीवन की गुणवत्ता में सुधार करना है.
पीएमएवाई के तहत मात्र 39 फीसदी घर बने: रिपोर्ट
प्रधानमंत्री आवास योजना (पीएमएवाई) के तहत मंजूर सस्ते घरों में सिर्फ 39 फीसदी घर अब तक बन पाए हैं. इस बात की जानकारी रविवार को जारी एक रिपोर्ट से मिली. रिपोर्ट के अनुसार, पीएमएवाई के तहत सस्ते आवासीय परियोजना की रफ्तार सुस्त है. रियल एस्टेट परामर्श दात्री कंपनी एनारॉक ने अपनी रिपोर्ट में कहा, ‘पीएमएवाई के तहत सस्ती आवासीय परियोजना की प्रगति की रफ्तार सुस्त है. आवासीय और शहरी मामलों के मंत्रालय के अनुसार, पीएमएवाई के तहत मंजूर 79 लाख घरों में से अब तक सिर्फ 39 फीसदी घरों का निर्माण पूरा हो चुका है.’
रिपोर्ट के अनुसार, देश के सात बड़े शहरों में नई आवासीय इकाइयों की आपूर्ति में पिछले पांच सालों में 64 फीसदी की कमी आई है. वर्ष 2014 में जहां 5.45 लाख आवासीय इकाइयां थीं, वहीं 2018 में 1.95 लाख रह गई हैं.
घरों की बिक्री पिछले पांच साल में 28 फीसदी घट गई है. वर्ष 2014 में जहां 3.43 लाख घरों की बिक्री हुई, वहीं पिछले साल 2.48 लाख घर बिके.