नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारतीय जनता पार्टी के नेताओं को कड़े शब्दों में संदेश देते हुए कहा, ‘राजा की तरह मत बनो, ज़मीन से जुडे़ रहो.’
दिप्रिंट के मुताबिक बीजेपी के पदाधिकारियों को भी उन्होंने ‘घमंड’ न करने को कहा और साथ ही कहा कि वे सामान्य कार्यकर्ताओं की बातें सुनें.
यह बात पीएम मोदी ने रविवार को कही जब वे बीजेपी के राष्ट्रीय पदाधिकारियों, राज्यों के अध्यक्षों और महासचिवों से बात कर रहे थे. इस मीटिंग की अध्यक्षता बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने की.
जिन भी नेताओं से दिप्रिंट ने बात की उन्होंने कहा कि पीएम मोदी का संदेश पार्टी के उन नेताओं को जागृत करने के लिए है जो ढीले पड़ गए थे. बीजेपी के वरिष्ठ नेताओं के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने पार्टी के नेताओं से लोगों को किसान बिल के फायदों को बताने के बारे में भी कहा है.
पार्टी के ही एक वरिष्ठ नेता ने बताया, ‘पीएम मोदी ने पार्टी पदाधिकारियों से करीब 40 मिनट तक बात की लेकिन यह भाषण के बजाय व्यक्तिगत बातचीत की तरह था.’ पदाधिकारियों को संबोधित करते हुए उन्होंने कहा कि कार्यकर्ता जमीनी स्तर पर जुड़े रहें क्योंकि वे ही पार्टी के फाउंडेशन हैं.
एक पदाधिकारी ने दिप्रिंट को बताया कि ‘प्रधानमंत्री मोदी पार्टी नेताओं को मैसेज देना चाहते थे कि वे पार्टी कार्यकर्ताओं से अहंकारपूर्ण व्यवहार न करें और उनसे मिलते रहें क्योंकि इससे एक सकारात्मक मैसेज जाता है.’ आगे उन्होंने कहा, ‘वे अपने कार्यालयों में ही न बैठें बल्कि सड़कों पर निकलें.’
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‘अफवाहों को खत्म करने के लिए क्षेत्रों में करें काम’
प्रधानमंत्री मोदी ने पार्टी नेताओं से कहा कि वे पार्टी के मंत्र सबका साथ, सबका विकास और सबका विश्वास को फैलाएं और ज्यादा से ज्यादा वक्त अपने क्षेत्रों में बिताएं ताकि लोगों को अफवाहों और गलतफहमियों से बचाया जा सके.
एक अन्य नेता ने कहा, ‘पीएम ने कहा कि भाजपा का लक्ष्य सत्ता हासिल करना नहीं बल्कि लोगों और राष्ट्र के लिए काम करना है.’
राष्ट्रीय बीजेपी प्रवक्ता आरपी सिंह ने कहा, ‘यह काफी नियमित चीज़ है जो मोदी जी ने कहा कि पार्टी के नेता कार्यकर्ताओं से और कार्यकर्ता लोगों से जुड़े रहें. इसमें बहुत कुछ मतलब निकालने की जरूरत नहीं है.’
सूत्रों के मुताबिक, ‘पीएम मोदी ने पार्टी नेताओं से हल्की-फुल्के तौर पर बातें कीं जिसमें उन्होंने कहा कि वे नहीं चाहते कि ये बातें मीडिया में जाएं फिर भी उन्हें इस बात का विश्वास था कि थोड़ा बहुत बातें तो बाहर चली ही जाएंगी.’
इसी मीटिंग में जहां एक तरफ किसानों का विरोध जारी है वहीं दूसरी तरफ पार्टी ने रिजोल्यूशन पास करके प्रधानमंत्री को किसान बिल पारित करने और कृषि के क्षेत्र में सुधार करने के लिए धन्यवाद ज्ञापित किया.
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