काशी: देश के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने दो दिन के काशी दौरे पर हैं जहां मंगलवार उन्होंने 12 राज्यों के मुख्यमंत्रियों के साथ बैठक की. बैठक के बाद पीएम मोदी वाराणसी के उमरहा में बने सदगुरु सदाफलदेव के स्वर्वेद महामंदिर पहुंचे. इस मौके पर पीएम मोदी ने अपने संबोधन में लोगों से कहा है कि काशी की ऊर्जा अक्षुण्ण तो है ही, ये नित नया विस्तार भी लेती रहती है. कल काशी ने भव्य ‘विश्वनाथ धाम’ को महादेव के चरणों में अर्पित किया.
गीता जयंती के बारे में बात करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘आज गीता जयंती का पुण्य अवसर है.आज के ही दिन कुरुक्षेत्र की युद्ध की भूमि में जब सेनाएँ आमने सामने थीं, मानवता को योग, आध्यात्म और परमार्थ का परम ज्ञान मिला था.
इस अवसर पर भगवान कृष्ण के चरणों में नमन करते हुए आप सभी को, सभी देशवासियों को गीता जयंती की हार्दिक बधाई देता हूँ.’
अपने संबोधन में पीएम मोदी लोगों से कुछ संकल्प करने की अपनी की. उन्होंने कहा, ‘जैसे एक संकल्प हो सकता है- हमें बेटी को पढ़ाना है, उसका स्किल डवलपमेंट भी करना है. अपने परिवार के साथ साथ जो लोग समाज में ज़िम्मेदारी उठा सकते हैं, वो एक दो गरीब बेटियों के स्किल डवलपमेंट की भी ज़िम्मेदारी उठाएँ एक और संकल्प हो सकता है पानी बचाने को लेकर. हमें अपनी नदियों को, गंगा जी को, सभी जलस्रोतों को स्वच्छ रखना है.’
बनारस जैसे शहरों ने मुश्किल से मुश्किल समय में भी भारत की पहचान के, कला के, उद्यमिता के बीजों को सहेजकर रखा है।
जहां बीज होता है, वृक्ष वहीं से विस्तार लेना शुरू करता है।
और इसीलिए, आज जब हम बनारस के विकास की बात करते हैं, तो इससे पूरे भारत के विकास का रोडमैप भी बनता है: PM
— PMO India (@PMOIndia) December 14, 2021
पीएम मोदी ने कहा, ‘मैं आज आप सभी से कुछ संकल्प लेने का आग्रह करना चाहता हूं. ये संकल्प ऐसे होने चाहिए जिसमें सद्गुरु के संकल्पों की सिद्धि होऔर जिसमें देश के मनोरथ भी शामिल हों. ये ऐसे संकल्प हो सकते हैं जिन्हें अगले दो साल में गति दी जाए, मिलकर पूरा किया जाए.’
‘मैं जब काशी आता हूं या दिल्ली में भी रहता हूं तो प्रयास रहता है कि बनारस में हो रहे विकास कार्यों को गति देता रहूं. कल रात 12 बजे के बाद जैसे ही मुझे अवसर मिला, मैं फिर निकल पड़ा था अपनी काशी में जो काम चल रहे हैं, जो काम किया गया है, उनको देखने के लिए.’
बनारस की प्रशंसा करते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘बनारस जैसे शहरों ने मुश्किल से मुश्किल समय में भी भारत की पहचान के, कला के, उद्यमिता के बीजों को सहेजकर रखा है. जहां बीज होता है, वृक्ष वहीं से विस्तार लेना शुरू करता है और इसीलिए, आज जब हम बनारस के विकास की बात करते हैं, तो इससे पूरे भारत के विकास का रोडमैप भी बनता है.’
देश में संतों के महत्व को बताते हुए पीएम मोदी ने कहा, ‘हमारा देश इतना अद्भुत है कि, यहाँ जब भी समय विपरीत होता है, कोई न कोई संत-विभूति, समय की धारा को मोड़ने के लिए अवतरित हो जाती है. ये भारत ही है जिसकी आज़ादी के सबसे बड़े नायक को दुनिया महात्मा बुलाती है.’
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