नई दिल्ली: पीएम नरेंद्र मोदी ने मंगलवार को जलशक्ति मंत्रालय के नामामि गंगे कार्यक्रम के तहत छह परियोजनाओं का ऑनलाइन लोकार्पण किया. इस दौरान अपने संबोधन में विपक्षी दलों पर जमकर हमला बोला.
पीएम ने विपक्ष पर निशाना साधते हुए कहा, ‘अभी समाप्त हुए संसद सत्र में देश के किसानों, श्रमिकों और देश के स्वास्थ्य से जुड़े बड़े सुधार किए गए हैं. इन सुधारों से देश का श्रमिक सशक्त होगा, नौजवान सशक्त होगा, महिलाएं सशक्त होंगी, किसान सशक्त होगा. लेकिन आज देश देख रहा है कि कैसे कुछ लोग सिर्फ विरोध के लिए विरोध कर रहे हैं.’
पीएम मोदी ने आगे कहा, ‘अब से कुछ दिन पूर्व देश ने अपने किसानों को अनेक बंधनों से मुक्त किया है.अब देश का किसान कहीं पर भी, किसी को भी अपनी उपज बेच सकता है. आज जब केंद्र सरकार, किसानों को उनके अधिकार दे रही है, तो भी ये लोग विरोध पर उतर आए हैं.’
सीधा विपक्ष पर हमला करते हुए पीएम ने कहा, ‘ये लोग चाहते हैं कि देश का किसान खुले बाजार में अपनी उपज नहीं बेच पाएं. जिन सामानों की, उपकरणों की किसान पूजा करता है, उन्हें आग लगाकर ये लोग अब किसानों को अपमानित कर रहे हैं.’
पीएम ने यह भी कहा, ‘इस कालखंड में देश ने देखा है कि कैसे डिजिटल भारत अभियान ने, जनधन बैंक खातों नें, लोगों की कितनी मदद की है.जब यही काम हमारी सरकार ने शुरू किए थे, तो ये लोग इनका विरोध कर रहे थे. देश के गरीब का बैंक खाता खुल जाए, वो भी डिजिटल लेन-देन करें, इसका इन लोगों ने हमेशा विरोध किया.
किसानों की आजादी कुछ लोग बर्दाश्त नहीं कर पा रहे
पीएम ने कहा, ‘वर्षों तक ये लोग कहते रहे कि MSP लागू करेंगे, लेकिन किया नहीं. MSP लागू करने का काम स्वामीनाथन कमीशन की इच्छा के अनुसार हमारी ही सरकार ने किया.’
‘आज ये लोग एमएसपी पर भी भ्रम फैला रहे हैं.’
पीएम मोदी ने कहा, ‘देश में एमएसपी भी रहेगी और किसान को देश में कहीं भी फसल बेचने की आजादी भी रहेगी. लेकिन ये आजादी कुछ लोग बर्दाश्त नहीं कर पा रहे हैं. लेकिन आज जब केंद्र सरकार किसानों को उनके अधिकार दे रही है, तो भी ये लोग विरोध पर उतर आए हैं. ये लोग चाहते हैं कि किसान की गाड़ियां जब्त होती रहे, उनसे बिचौलिए मुनाफा कमाते रहे.’
पीएम मोदी ने इस दौरान सर्जिकल स्ट्राइक के दौरान विपक्षी दलों द्वारा कही बातों को भी दोहराया और कहा, 4 वर्ष पहले का यही तो वो समय था, जब देश के जांबांजों ने सर्जिकल स्ट्राइक करते हुए आतंक के अड्डों को तबाह कर दिया था.लेकिन ये लोग अपने जांबाजों से ही सर्जिकल स्ट्राइक के सबूत मांग रहे थे.सर्जिकल स्ट्राइक का भी विरोध करके, ये लोग देश के सामने अपनी मंशा, साफ कर चुके हैं.
‘ये लोग न किसान के साथ हैं, न नौजवानों के साथ और न वीर जवानों के साथ. हमारी सरकार ने वन रैंक वन पेंशन का लाभ सैनिकों को दिया तो उन्होंने इसका भी विरोध किया.’ पीएम ने कहा.
बदलती हुई तारीख के साथ विरोध करने वाले ये लोग अप्रासंगिक होते जा रहे हैं
भारत की पहल पर जब पूरी दुनिया अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मना रही थी, तो ये भारत में ही बैठे ये लोग उसका विरोध कर रहे थे.जब सरदार पटेल की सबसे ऊंची प्रतिमा का अनावरण हो रहा था, तब भी ये लोग इसका विरोध कर रहे थे.आज तक इनका कोई बड़ा नेता स्टैच्यू ऑफ यूनिटी नहीं गया है.
उन्होंने आगे कहा, ‘पिछले महीने ही अयोध्या में भव्य राम मंदिर के निर्माण के लिए भूमिपूजन किया गया है.ये लोग पहले सुप्रीम कोर्ट में राम मंदिर का विरोध कर रहे थे फिर भूमिपूजन का विरोध करने लगे. हर बदलती हुई तारीख के साथ विरोध के लिए विरोध करने वाले ये लोग अप्रासंगिक होते जा रहे हैं.
इस दौरान पीएम ने भारतीय सेना का भी जिक्र किया और विपक्ष पर हमला बोला और कहा, ‘वायुसेना कहती रही कि हमें आधुनिक लड़ाकू विमान चाहिए, लेकिन ये लोग उनकी बात को अनसुना करते रहे. हमारी सरकार ने सीधे फ्रांस सरकार से सीधे राफेल लड़ाकू विमान का समझौता कर लिया तो, इन्हें फिर दिक्कत हुई. भारतीय वायुसेना के पास राफेल विमान आये और उसकी ताकत बढ़े, ये उसका भी विरोध करते रहे.लेकिन मुझे खुशी है कि आज राफेल भारतीय वायुसेना की ताकत बढ़ रहा है, अंबाला से लेकर लेह तक उसकी गर्जना भारतीय जांबाजों का हौंसला बढ़ रही है.’
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कार्यक्रम में पीएम ने आगे कहा, ‘मां गंगा की निर्मलता को सुनिश्चित करने वाली छह बड़ी परियोजनाओं का लोकार्पण किया गया है. इसमें हरिद्वार, ऋषिकेश, बद्रीनाथ और मुनि की रेती में सीवेज ट्रीटमेंट प्लांट और म्यूजियम जैसे प्रोजेक्ट भी शामिल हैं, इनके लिए मैं उत्तराखंड के सभी लोगों को बहुत बहुत बधाई देता हूं.उत्तराखंड में उद्गम से लेकर पश्चिम बंगाल में गंगा सागर तक मां गंगा देश की करीब-करीब आधी आबादी के जीवन को समृद्ध करती हैं. इसलिए गंगा की निर्मलता आवश्यक है, गंगा जी की अविरलता आवश्यक है.बीते दशकों में गंगा जल की स्वच्छता को लेकर बड़े बड़े अभियान शुरू हुए थे.लेकिन उन अभियानों में न तो जन भागीदारी थी और न ही दूरदर्शिता.’
कृषी बिल से हम सहमत है। लेकिन बिपक्ष सरकार को गिराने के लिए किसानों को भडका रहे हैं
कुछ किसान भी बिपक्ष के भडकावे में आ रहे है। किसान खुद सोचे की इसमे हमारा ही फायदा है।