नई दिल्ली: केरल के मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के नेतृत्व में केरल में लेफ्ट डेमोक्रेटिक फ्रंट ने 2021 में लगातार दूसरी बार विधानसभा चुनाव में जीत हासिल की, तब से उनका उत्तराधिकारी कौन होगा, यह सवाल बड़ा बना हुआ है.
जबकि उत्तराधिकारी की बहस कुछ समय के लिए रही है, मलयालम दैनिक मातृभूमि में एक सर्वेक्षण जो कि इस हफ्ते की शुरुआत में पब्लिश हुआ था, उसने इस चर्चा को और गरम कर दिया, जिसके मुताबिक अधिकांश मलयाली मानते हैं कि पीडब्ल्यूडी और पर्यटन मंत्री पी.ए. मोहम्मद रियास भविष्य में राज्य के मुख्यमंत्री होंगे.
रियास, पिनाराई कैबिनेट के कई अन्य मंत्रियों की तरह, 47 साल के युवा हैं, और एलडीएफ को दोबारा सत्ता में आने के बाद उन्होंने पीडब्ल्यूडी व पर्यटन मंत्री के रूप में कार्यभार संभाला.
लेकिन लेफ्ट के लिए जो शायद सर्वाधिक महत्त्वपूर्ण है, वह यह है कि रियास की शादी विजयन की बेटी वीना से हुई है. रियास जो एक आईटी पेशेवर थे उन्होंने जून 2020 में विजयन की लड़की से शादी की थी.
जब साजी चेरियन को पिछले साल जून में भारतीय संविधान के खिलाफ उनकी टिप्पणी पर इस्तीफा देने के लिए मजबूर किया गया था, तो उनका युवा मामलों का विभाग रियास को दिया गया था.
2 जनवरी को, मातृभूमि ने थिंक-टैंक मैक्सएड द्वारा किए गए एक सर्वेक्षण के परिणाम प्रकाशित किए. ‘मलयाली मानस’ या मलयाली दिमाग कहे जाने वाले सर्वेक्षण से पता चलता है कि 26.21 प्रतिशत उत्तरदाताओं ने रियास को भविष्य के मुख्यमंत्री के रूप में देखा. इसके बाद कांग्रेस विधायक शफी परम्बिल (17.7 प्रतिशत), विपक्ष के नेता वी.डी. सतीशन (6.73 प्रतिशत) और कांग्रेस सांसद शशि थरूर (3.04 प्रतिशत) का स्थान रहा.
हालांकि, पिनाराई कैबिनेट से केवल रियास ही सूची में शामिल थे. संभावित महिला मुख्यमंत्रियों के लिए एक अलग सर्वेक्षण में पूर्व स्वास्थ्य मंत्री के.के. शैलजा (67 प्रतिशत) और उनकी उत्तराधिकारी वीना जॉर्ज (13.3 प्रतिशत) का नाम सामने आया.
यहां तक कि रियास के विरोधी भी उनकी लोकप्रियता को स्वीकार करते हैं. उन्होंने खुद को एक परिपक्व प्रशासक के रूप में भी स्थापित किया है.
सुधरने के बाद एक चोर की न्याय की मांग पर बनी मूवी ‘नना थान केस कोडू’ पर बने पोस्टर को लेकर लेफ्ट कार्यकर्ताओं को मैनेज करना काफी सराहनीय रहा.
फिल्म की टैगलाइन ‘वज्हियिल कुझियुंडे, एनालुम वन्नेकेन’ (सिनेमाघरों की ओर जाने वाली सड़क पर गड्ढे हैं, लेकिन आपको फिर भी आना चाहिए) के खिलाफ विरोध बढ़ने पर फिल्म के नायक से मिले और यहां तक कि खुद स्क्रीनिंग के लिए गए.
दिप्रिंट ने फोन और व्हाट्सएप पर मुख्यमंत्री पिनाराई विजयन के कार्यालय से संपर्क किया. प्रतिक्रिया मिलने पर इस लेख को अपडेट किया जाएगा.
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निजी जीवन विवादों से भरा हुआ है
कोझिकोड के पूर्व पुलिस कमिश्नर पीएम अब्दुलखदर के बेटे रियास को साफ-सुथरी राजनीतिक छवि वाले व्यक्ति के रूप में देखा जाता है. वह विशेष रूप से तकनीक-प्रेमी कदन्नल (ततैया) के बीच लोकप्रिय हैं जो कि वामपंथी युवा कैडरों को दिया जाने वाला उपनाम है, जो अक्सर एलडीएफ के किसी भी आलोचक को निशाना बनाने और बदनाम करने के लिए जाने जाते हैं.
2021 में केरल विधानसभा चुनाव से ठीक पहले, रियास पर सार्वजनिक संपत्ति को नुकसान पहुंचाने का आरोप लगाया गया था और डीवाईएफआई अध्यक्ष के रूप में उनके कार्यकाल के दौरान कोझिकोड में हुई एक घटना के लिए जेल की सजा सुनाई गई थी.
लेकिन उनकी पहली पत्नी समीहा सैथालवी द्वारा उनके ऊपर लगाए गए घरेलू हिंसा के आरोप ने उनकी छवि को काफी नुकसान पहुंचाया. सैथलवी ने 2015 में रियास पर मानसिक और शारीरिक शोषण का आरोप लगाया था.
हालांकि, इन विवादों के बावजूद, डीवाईएफआई के दिनों से दिल्ली में उनसे जुड़े लोग बताते हैं कि कैसे वह अपनी वर्तमान पत्नी वीना से मिलने के लिए अक्सर बेंगलुरु जाते थे.
मुखर्जी जिन्होंने डीवाईएफआई में रियास के साथ मिलकर काम किया था – पहले जब वह संगठन की केंद्रीय समिति के सदस्य बने और बाद में जब उन्होंने 2017 में अध्यक्ष का पद संभाला – उनके बारे में बताते हैं कि वह “बड़े दिल” वाले हैं.
“वह इनोवेटिव, कड़ी मेहनत करने वाले थे और मजदूरों से जुड़ने का उनके पास एक तरीका था. वह बहुत अच्छे वक्ता भी हैं. जब भी मैं केरल में उनके साथ बैठकों में शामिल हुआ, मैं भीड़ की प्रतिक्रियाओं से देख सकता था कि उन्होंने मलयालम में कितनी अच्छी तरह संवाद किया. वे कुछ हिंदी भी बोलते हैं, जो केरल के किसी व्यक्ति के लिए बड़ी बात हैं. हर बार जब मैं त्रिवेंद्रम (तिरुवनंतपुरम) जाता था तो वह मुझे अपने घर भोजन के लिए आमंत्रित करते थे. मैं उनके दोनों बेटों के भी बहुत करीब हो गया.
वीना के साथ रियास की शादी भी इंडियन यूनियन मुस्लिम लीग (आईयूएमएल) की आलोचना का शिकार हुई – कारण था कि दोनों के धर्म अलग अलग थे और दोनों की दूसरी शादी थी.
इसके बावजूद, केरल कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ इंडिया (मार्क्सवादी) ने आईयूएमएल को लुभाने की कोशिश जारी रखी – जो कि कांग्रेस के नेतृत्व वाली प्रतिद्वंद्वी यूनाइटेड डेमोक्रेटिक फ्रंट की पांच दशकों तक सहयोगी रही है, हालांकि बाद इसने लेफ्ट के साथ गठबंधन कर लिया.
दरअसल, ऐसी खबरें हैं कि राज्य में एक मुस्लिम पार्टी तक पहुंचने की कोशिश में लेफ्ट, रियास को पार्टी में शामिल करने पर विचार कर सकती है.
(संपादनः शिव पाण्डेय)
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