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Saturday, 16 November, 2024
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पवार का फैसला बाल ठाकरे के इस्तीफे जैसा, संजय राउत बोले- इतिहास खुद को दोहरा रहा

राउत ने ट्वीट किया गंदी राजनीति और आरोपों से थक चुके शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे ने भी शिवसेना प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था. ऐसा लगता है कि इतिहास खुद को दोहरा रहा है.

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पुणे: शिवसेना(यूबीटी) नेता संजय राउत ने राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) के अध्यक्ष पद को छोड़ने संबंधी शरद पवार के फैसले पर कहा कि उनका निर्णय शिवसेना संस्थापक बाल ठाकरे के इस्तीफे के फैसले जैसा है.

उन्होंने पवार को ‘महाराष्ट्र की राजनीति की आत्मा’ करार दिया.

राउत ने ट्वीट किया, ‘‘ गंदी राजनीति और आरोपों से थक चुके शिवसेना सुप्रीमो बालासाहेब ठाकरे ने भी शिवसेना प्रमुख के पद से इस्तीफा दे दिया था. ऐसा लगता है कि इतिहास खुद को दोहरा रहा है… लेकिन शिवसैनिकों के प्रेम की वजह से उन्हें अपना फैसला वापस लेना पड़ा… बालासाहेब की तरह पवार साहेब भी राज्य की राजनीति की आत्मा हैं.’’

गौरतलब है कि राउत की पार्टी शिवसेना (यूबीटी) महा विकास आघाडी (एमवीए) की घटक है जिसमें राकांपा और कांग्रेस शामिल हैं.

पवार ने मंगलवार को सभी को चौंकाते हुए राकांपा के अध्यक्ष पद से इस्तीफा देने का फैसला किया जिसकी स्थापना उन्होंने वर्ष 1999 में की थी.

पवार ने यह घोषणा अपनी आत्मकथा के संशोधित संस्करण का लोकार्पण करने के लिए आयोजित कार्यक्रम में की। उनकी घोषणा के बाद पार्टी कार्यकर्ताओं और नेताओं ने प्रदर्शन शुरू कर दिया और वयोवृद्ध नेता से अपना फैसला वापस लेने का अनुरोध किया.

राकांपा नेता अनिल देशमुख उस कार्यक्रम में मौजूद थे जहां पवार ने अपने फैसले की घोषणा की। उन्होंने कहा कि राज्य और देश को ‘पवार साहेब’ की जरूरत है.

उन्होंने मराठी समाचार चैनल से कहा, ‘‘ सभी ने पवार साहेब से राकांपा प्रमुख के पद पर बने रहने का अनुरोध किया और उनसे फैसले पर पुनर्विचार करने की अपील की.’’


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