नई दिल्ली: बॉक्स ऑफिस पर कई सारे रिकॉर्ड बनाने और तोड़ने के बाद, शाहरुख खान स्टारर पठान ने मंगलवार को एक और उपलब्धि हासिल की, जब इसका उल्लेख तृणमूल कांग्रेस (टीएमसी) के सदस्य डेरेक ओ’ब्रायन के राज्यसभा भाषण में हुआ.
उन्होंने कहा, “वेल डन सिद्धार्थ आनंद (निर्देशक). वेल डन भारत के सबसे बड़े राजदूत. तुम लोगों ने अच्छा किया जो पठान को बनाया. जो हम नहीं कर सके, वह शाहरुख खान, डिंपल कपाड़िया और जॉन अब्राहम ने इस देश को दिखा दिया है.”
जब कुछ सदस्यों ने बताया कि ओ’ब्रायन फिल्म की मुख्य अभिनेत्री, दीपिका पादुकोण का उल्लेख करने से चूक गए, तो उन्होंने स्पष्ट किया कि वह दोनों अभिनेताओं से प्यार करते हैं.
ओ’ब्रायन ने कहा, “भारत के सबसे बड़े वैश्विक राजदूतों के साथ भिड़ने की कोशिश न करें. आपने उन्हें बॉलीवुड का बहिष्कार करने के लिए कहा, उन्होंने आपको एक सुंदर संदेश वाली एक फिल्म दिखाई.”
फिल्म के एक गाने बेशरम रंग में पादुकोण द्वारा पहनी गई भगवा बिकनी ने फिल्म के रिलीज़ होने से पहले ही एक विवाद पैदा कर दिया था, जिसमें कुछ लोगों ने फिल्म के बहिष्कार का आह्वान किया था. हालांकि, इसके रिलीज़ होने के बाद से, फिल्म के प्रति प्यार ने कई लोगों को भारत के सांस्कृतिक समन्वय के उदाहरण के रूप में इसकी प्रशंसा करने के लिए प्रेरित किया है.
विपक्ष के सभी सांसद मुस्कुरा रहे थे, जैसा कि ओ’ब्रायन ने कहा, पठान की सफलता ने सरकार को आईना दिखाया और वह किया जो कोई भी राजनीतिक दल नहीं कर सका.
ओ’ब्रायन ने कहा, “भारत के सबसे बड़े ग्लोबल एंबेसेडर के साथ खिलवाड़ न करें. आपने उन्हें बॉलीवुड का बहिष्कार करने के लिए कहा, उन्होंने आपको एक सुंदर संदेश वाली एक फिल्म दिखाई.”
शाहरुख के टीएमसी सुप्रीमो और पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के साथ बहुत मधुर संबंध हैं और यहां तक कि उन्होंने शाहरुख को राज्य का ब्रांड एंबेसडर भी बनाया है.
टीएमसी के राज्यसभा सांसद ने भ्रष्टाचार का मुद्दा भी उठाया और मोदी सरकार से कहा कि अगर वह महिलाओं के लिए वास्तविक सशक्तीकरण चाहते हैं तो संसद और राज्य विधानसभाओं में आरक्षण के लिए महिला आरक्षण विधेयक लाएं.
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‘गरीब, मध्यम वर्ग का पैसा खतरे में’
केंद्र में नरेंद्र मोदी के नेतृत्व वाली सरकार के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी), केंद्रीय जांच ब्यूरो (सीबीआई) और सेबी जैसी एजेंसियों को कमज़ोर करने का आरोप लगाते हुए, ओ’ब्रायन ने दावा किया कि विपक्षी नेताओं के खिलाफ प्रिवेंशन ऑफ मनी लॉन्ड्रिंग एक्ट के प्रावधानों का इस्तेमाल किया जा रहा था.
ओ’ब्रायन ने कहा, “5422 मनी-लॉन्ड्रिंग के मामले दर्ज किए गए हैं, जिनमें से 98 प्रतिशत पिछले नौ वर्षों में किए गए हैं.” हालांकि, उक्त अवधि में केवल 25 लोगों को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) द्वारा टारगेट किया गया था.
उन्होंने कहा, “आप विपक्ष और विरोधियों के लिए एक नियम और अपने दोस्तों व साथियों के लिए दूसरा नियम नहीं रख सकते हैं.”
टीएमसी सांसद ने निवेशकों के हितों की रक्षा नहीं करने को लेकर भी सरकार पर हमला बोला.
अडाणी का मुद्दा उठाते हुए उन्होंने आरोप लगाया, “गरीबों और मध्यम वर्ग का बहुत सारा पैसा जोखिम में है. किसकी भूमिका जांच करने की है – सरकार और नियामक एजेंसी की, लेकिन सरकार व्यवस्थित रूप से संस्थानों को कमज़ोर करती है, चाहे वह संसद हो या आरबीआई या सेबी.”
टीएमसी नेता ने कहा, “सेबी की एक प्रस्तावना भी है और यह निवेशकों के हितों की रक्षा करने और प्रतिभूति बाज़ार को विनियमित करने के लिए अनिवार्य है. सेबी क्यों सो रही थी?”
अमेरिका स्थित हिंडेनबर्ग रिसर्च द्वारा गौतम अडाणी के नेतृत्व वाली फर्मों के खिलाफ स्टॉक हेरफेर और अकाउंटिंग फ्रॉड से संबंधित आरोपों के बाद अडानी समूह के शेयरों को नुकसान हुआ.
हालांकि, अडाणी समूह ने आरोपों का खंडन किया है.
प्रधानमंत्री पर निशाना साधते हुए ओ’ब्रायन ने कहा, “कैसे एक व्यक्ति जो (गुजरात का) मुख्यमंत्री था और अब प्रधानमंत्री है, राज्य के वित्त को निचोड़ने और को-ऑपरेटिव फेडरलिज़म के खिलाफ काम कर सकता है. डबल-इंजन सरकार के बारे में बात करना (केंद्र और राज्य स्तर पर अपनी पार्टी की सरकार के लिए भाजपा द्वारा अक्सर इस्तेमाल किया जाने वाला मुहावरा) संविधान विरोधी है.”
(संपादनः फाल्गुनी शर्मा)
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