scorecardresearch
Monday, 13 May, 2024
होमराजनीति'पार्टी का चिन्ह चोरी हो गया है, चोर को सबक सिखाना है' - उद्धव ठाकरे ने शिंदे गुट पर साधा निशाना

‘पार्टी का चिन्ह चोरी हो गया है, चोर को सबक सिखाना है’ – उद्धव ठाकरे ने शिंदे गुट पर साधा निशाना

प्रदर्शनकारियों ने चुनाव आयोग पर नरेंद्र मोदी सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया. शिंदे और मोदी की पार्टी भाजपा महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ सहयोगी हैं.

Text Size:

नई दिल्ली: महाराष्ट्र के पूर्व मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने शनिवार को चुनाव आयोग और एकनाथ शिंदे पर निशाना साधा. ठाकरे ने आयोग द्वारा अपने प्रतिद्वंद्वी और उत्तराधिकारी एकनाथ शिंदे को शिवसेना पार्टी का नाम और तीर-धनुष का चुनाव चिह्न देन के एक दिन बाद यह हमला बोला है.

उन्होंने कहा, ‘मैं कहना चाहता हूं कि उन्हें बालासाहेव ठाकरे का चेहरा चाहिए, उन्हें चुनाव चिन्ह चाहिए लेकिन शिवसेना का परिवार नहीं. पीएम नरेंद्र मोदी को महाराष्ट्र आने के लिए बाला साहेब ठाकरे के मास्क की जरूरत है. प्रदेश की जनता जानती है कि कौन सा चेहरा असली है और कौन सा नहीं.’

मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के नेतृत्व वाले समूह को ‘शिवसेना’ के नाम और उसका चुनाव चिन्ह ‘धनुष और तीर’ आवंटित करने पर शिवसेना (यूबीटी) के समर्थकों ने शनिवार को भारत निर्वाचन आयोग के खिलाफ विरोध प्रदर्शन किया. ठाकरे ने मातोश्री के बाहर शक्ति प्रदर्शन के रूप में जमा हुई भीड़ को संबोधित करते हुए यह बातें कही हैं.

उन्होंने इस दौरान कहा कि पार्टी का चिन्ह ‘चोरी’ हो गया है और ‘चोर’ को सबक सिखाने की जरूरत है.

ठाकरे ने कहा, ‘चोरों को पवित्र ‘धनुष और बाण’ दिया गया था, उसी तरह ‘मशाल’ भी ले सकते हैं. मैं उन्हें चुनौती देता हूं कि अगर वे मर्द हैं तो चोरी का ‘धनुष-बाण’ लेकर भी हमारे सामने आओ, हम ‘मशाल’ लेकर चुनाव लड़ेंगे.’ यह हमारी परीक्षा है, लड़ाई शुरू हो गई है.’

अच्छी पत्रकारिता मायने रखती है, संकटकाल में तो और भी अधिक

दिप्रिंट आपके लिए ले कर आता है कहानियां जो आपको पढ़नी चाहिए, वो भी वहां से जहां वे हो रही हैं

हम इसे तभी जारी रख सकते हैं अगर आप हमारी रिपोर्टिंग, लेखन और तस्वीरों के लिए हमारा सहयोग करें.

अभी सब्सक्राइब करें

प्रदर्शनकारियों ने चुनाव आयोग पर नरेंद्र मोदी सरकार के इशारे पर काम करने का आरोप लगाया. शिंदे और मोदी की पार्टी भाजपा महाराष्ट्र में सत्तारूढ़ सहयोगी हैं.

उद्धव ठाकरे गुट से जुड़े भास्कर आंबेकर ने कहा कि सभी सरकारें और संवैधानिक संस्थाएं भाजपा शासित केंद्र के दबाव में काम कर रही हैं और कानून एवं संविधान को रौंद कर फैसले किए जा रहे हैं.

उन्होंने दावा किया कि उनके समूह ने ‘24 लाख सदस्यों’ का प्रमाण दिया था, जबकि शिंदे के गुट ने ‘केवल चार लाख’ सदस्यों को दिखाया था.

आंबेकर ने कहा, ‘संगठन में बड़ी ताकत होने के बावजूद फैसला शिंदे गुट के पक्ष में आया. हम जनता की अदालत में जाएंगे और फैसला हमारे पक्ष में आएगा.’

ठाकरे को एक बड़ा झटका देते हुए चुनाव आयोग ने शुक्रवार को शिंदे गुट को असली शिवसेना के रूप में मान्यता दी और उसे पार्टी का ‘धनुष और तीर’ चुनाव चिन्ह आवंटित किया.

यह पहली बार है कि ठाकरे परिवार ने उस पार्टी का नियंत्रण खो दिया है जिसकी स्थापना 1966 में बाल ठाकरे ने मिट्टी के बेटों के लिए न्याय के सिद्धांतों पर की थी.


यह भी पढ़ेंः शहबाज़ शरीफ अमन की बात कर रहे हैं- पाकिस्तान को पाकिस्तान के जिम्मे छोड़, भारत रहे चुप


 

share & View comments