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Sunday, 17 November, 2024
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संसद में Modi के भाषण की BJP ने तारीफ की, विपक्ष ने कोसा- कहा, उम्मीद कि अब नेहरू की आलोचना नहीं होगी

कांग्रेस नेता शशि थरूर ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान लोगों को दिए गए सूचना के अधिकार कानून, खाद्य सुरक्षा, मनरेगा का कोई जिक्र नहीं किया."

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नई दिल्ली : भारतीय जनता पार्टी के नेताओं ने संसद के पुराने भवन में कार्यवाही के आखिरी दिन प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा दिए गए भाषण का स्वागत एवं सराहना की. हालांकि, विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि प्रधानमंत्री ने सदन में चुनिंदा ढंग से बातें की हैं. कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा उम्मीद है कि अब नेहरू की आलोचना नहीं की जाएगी.

केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता मीनाक्षी लेखी ने कहा कि प्रधानमंत्री मोदी ने पूर्व प्रधानमंत्रियों के योगदानों का उल्लेख किया और भविष्य की पीढ़ी के बारे में भी बात की.

लेखी ने संसद के बाहर संवाददाताओं से कहा, ‘‘हमें नई पीढ़ी की जरूरतों को पूरा करना है. पुरानी संसद से नई संसद में बदलाव उसी प्रक्रिया का हिस्सा है.’’

केंद्रीय मंत्री दर्शना जरदोश ने भी प्रधानमंत्री के भाषण की सराहना की.

उन्होंने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने अपने संबोधन के दौरान महिलाओं और संसद में उनके बढ़ते योगदान के बारे में बात की.’’

भाजपा सांसद राज्यवर्धन सिंह राठौड़ ने प्रधानमंत्री के भाषण की तारीफ की और आरोप लगाया कि विपक्ष भ्रमित है.

उन्होंने कहा, ‘‘मोदी जी ने पुरानी संसद के ऐतिहासिक पहलुओं के बारे में बात की. गरीबों, महिलाओं और ग्रामीण आबादी को सशक्त बनाने की सभी योजनाएं संसद में पारित की गईं. जहां तक ​​एजेंडे का सवाल है, तो हम इसे लेकर बहुत स्पष्ट हैं, जबकि विपक्ष में भ्रम की स्थिति बनी हुई है.’’

इस बीच, विपक्षी नेताओं ने कहा कि प्रधानमंत्री ने चुनिंदा तरीके से बात की और कई महत्वपूर्ण मुद्दों का जिक्र नहीं किया.

थरूर ने कहा, ‘‘प्रधानमंत्री मोदी ने मनमोहन सिंह के नेतृत्व वाली सरकार के दौरान लोगों को दिए गए सूचना के अधिकार कानून, खाद्य सुरक्षा, मनरेगा का कोई जिक्र नहीं किया.”

बहुजन समाज पार्टी के सांसद दानिश अली ने प्रधानमंत्री मोदी पर तंज कसते हुए कहा, ‘‘नौ साल में पहली बार प्रधानमंत्री ने नेहरू जी के बारे में कुछ अच्छा कहा. लोकतंत्र की नींव पहले प्रधानमंत्री पंडित नेहरू ने रखी थी.’’

आम आदमी पार्टी के सांसद संजय सिंह ने विशेष सत्र की शुरुआत से ठीक पहले की गई एक टिप्पणी को लेकर प्रधानमंत्री पर हमला किया, जिसमें उन्होंने विपक्ष से रोना-धोना नहीं करने का आह्वान किया था.

सिंह ने कहा, ‘‘हम सभी चाहते हैं कि सत्र ऐतिहासिक हो, लेकिन नए संसद भवन में प्रधानमंत्री को एक नई शुरुआत करनी चाहिए. अगर वह विपक्ष पर निशाना साधते रहेंगे, तो यह अच्छी बात नहीं है. उन्होंने कहा कि रोने की जरूरत नहीं है.’’

सिंह ने कटाक्ष किया कि भारत के इतिहास में नरेन्द्र मोदी जी को सबसे ज्यादा रोने वाले प्रधानमंत्री के रूप में जाना जाता है.

कांग्रेस नेता राजीव शुक्ला ने कहा, ‘‘यह अच्छी बात है कि उन्होंने (मोदी) जवाहरलाल नेहरू का नाम लिया और उनकी प्रशंसा की, क्योंकि उनके योगदान को कभी नहीं भुलाया जा सकता है. मुझे उम्मीद है कि भाजपा नेता अब नेहरू की आलोचना करना बंद कर देंगे.’’

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को पूर्व प्रधानमंत्रियों जवाहरलाल नेहरू, लाल बहादुर शास्त्री, पीवी नरसिम्हा राव, अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह समेत अनेक नेताओं के देश के निर्माण में योगदान की प्रशंसा करते हुए कहा कि पिछले 75 वर्ष में भारतीय लोकतंत्र की सबसे बड़ी उपलब्ध यह रही कि सामान्य जन का संसद पर विश्वास बढ़ता गया.

उन्होंने संसद में पिछले 75 वर्षों में अर्जित अनेक उपलब्धियों का उल्लेख करते हुए मनमोहन सिंह सरकार के कार्यकाल में हुए ‘नोट के बदले वोट’ घोटाले का भी जिक्र किया.


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