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Thursday, 25 April, 2024
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संसद में पीएम मोदी ने कहा- विपक्ष नंबर पर न दे ध्यान उसके हर शब्द कीमती

39 दिन चलेगा सत्र, 5 जुलाई को आएगा बजट. इस सत्र के पहले और दूसरे दिन सांसदों को शपथ दिलाई जाएगी.

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नई दिल्ली: मध्य प्रदेश से सांसद वीरेंद्र कुमार ने सोमवार को राष्ट्रपति भवन में प्रोटेम स्पीकर की शपथ ले ली है. पीएम  संसद पहुंचे हैं और 17वीं लोकसभा के पहले सत्र में शपथ लेने से पहले मीडिया को संबोधित किया. उन्होंने विपक्ष से सकारात्मक सहयोग और जनता के हित में के फैसलों को लेकर समर्थन की उम्मीद जताई.

पीएम ने कहा कि आज से नया सत्र शुरू हो रहा है. नई आशाओं और सपने के साथ इसकी शुरुआत हो रही है. आजादी के बाद इस लोकसभा चुनाव में बड़ी संख्या में महिला मतदाता शामिल हुईं और महिलाएं सांसद बनी हैं. उन्होंने कहा कि दशकों बाद पूर्ण बहुमत से एक सरकार दूसरी बार बनी है. लोगों ने हमें देशा सेवा का दोबारा मौका दिया है. मैं सभी दलों से निवेदन करूंगा कि जनता के हित के फैसलों का समर्थन करें.

प्रधनमंत्री ने कहा देश उम्मीद करते हैं कि हम सामान्य मानविकी के सपनों के लिए काम करेंगे. लोकतंत्र में विपक्ष का होना, सक्रिय होना, सामर्थवान होना बहुत जरूरी है. विपक्ष नंबर पर न ध्यान दे. उसके हर शब्द, हर भावना हमारे लिए  मूल्यवान होगी. सदन में पक्ष-विपक्ष से ज्यादा से स्पिरिट जरूरी है. पक्ष-विपक्ष के बजाय जनकल्याण के लिए सदन की गरिमा को उठाने का प्रयास करेंगे. पहले की तुलना में उम्मीद है कि हम परिणामकारी काम रहेंगे.

मेरी आप सबसे भी गुजारिश है. सदन में कई सदस्य बहुत उत्तम विचार रखते हैं. बहस को प्राणवान बनाते हैं. बहुत रचनात्मक होते हैं. उन्हें टीआरपी नहीं मिलती लेकिन उनसे लोकतंत्र को बल मिलता है. लेकिन पांच साल पूरी भावना के साथ सकारात्मक भूमिका निभाएंगे. आपका अभिनंदन करेंगे. 17वीं लोकसभा में भी हम पहले की तरह जोश-खरोश से काम करें.

संसद सत्र आज से: कई दिग्गज रहेंगे नदारद, 3 तलाक समेत कई विधेयक आएंगे

गौरतलब है कि 17वीं लोकसभा का पहला सत्र आज से शुरू हो रहा है. इस सत्र के पहले और दूसरे दिन सांसदों को शपथ दिलाई जाएगी. मध्य प्रदेश के टीकमगढ़ सीट से सांसद वीरेंद्र कुमार सबसे वरिष्ठ सांसद होने के नाते प्रोटेम स्पीकर होंगे. पहले दिन पीएम नरेंद्र मोदी, राजनाथ सिंह, अमित शाह, सोनिया गांधी, राहुल गांधी समेत कई दिग्गज नेता सांसद पद की शपथ लेंगे. सभी सांसदों की प्रक्रिया पूरी होने के बाद 19 जून को लोकसभा अध्यक्ष का चुनाव होगा. 20 जून को राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद दोनों सदनों की संयुक्त बैठक को संबोधित करेंगे. इसी दिन राज्यसभा का सत्र भी शुरू होगा. 26 जुलाई तक चलने वाला संसद में तीन तलाक समेत कई महत्वपूर्ण विधेयक पेश किए जाएंगे. वहीं 5 जुलाई को इस सरकार का पूर्ण बजट पेश किया जाएगा. पहली बार कोई महिला वित्त मंत्री (निर्मला सीतारमण) बजट पेश करेंगी. 17वीं लोकसभा में कई चर्चित चेहरे संसद के गलियारे में नहीं दिखेंगे.

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यह होगा पहले दिन

वरिष्ठ सांसद वीरेंद्र कुमार राष्ट्रपति भवन में सुबह 10 बजे प्रोटेम स्पीकर की शपथ लेंगे. फिर 17वीं लोकसभा की पहले सत्र की बैठक सुबह 11 बजे से शुरू होगी. इसमें दिवंगत सांसदों को श्रद्धांजलि दी जाएगी और मौन रखा जाएगा. इसके बाद लोकसभा की महासचिव भारत निर्वाचन आयोग द्वारा प्रस्तुत वर्ष 2019 के साधारण निर्वाचन में 17वीं लोकसभा के लिए निर्वाचित सदस्यों के नामों की सूची (हिन्दी तथा अंग्रेज़ी) सभा पटल पर रखेंगी. इसके बाद पीएम मोदी समेत सभी सांसद एक-एक करके क्रमानुसार सदस्यता की शपथ लेंगे या प्रतिज्ञान करेंगे. सबसे पहले पीएम सदस्यता लेंगे उसके बाद वरिष्ठ कैबिनेट मंत्री, सबसे बड़े विपक्षी दल के नेता, अल्फाबेट के अनुसार राज्यों के सांसद शपथ लेंगे.

फिर सदस्यों की नामावली में हस्ताक्षर करेंगे और सभा में अपना स्थान ग्रहण करेंगे. 18 और 19 को भी सांसदों के शपथ ग्रहण का सिलसिला चलता रहेगा. 19 को लोकसभा स्पीकर का चुनाव होगा.

यह अहम बिल ला सकती है सरकार

संसद का पहला सत्र मोदी सरकार 2.0 के लिए बहुत ही महत्वपूर्ण होगा. इसमें सरकार केंद्रीय शैक्षणिक सस्थान विधेयक (शिक्षक संवर्ग में आरक्षण विधेयक 2019), ट्रिपल तलाक (संशोधन विधेयक 2019), जम्मू कश्मीर आरक्षण (संशोधन विधेयक 2019) अंतर्राष्ट्रीय विधेयक 2019, विशिष्ट आर्थिक विधेयक क्षेत्र (संशोधन विधेयक 2019) सहित आधार व अन्य कानून संशोधन (विधेयक 2019) को सरकार सदन के सत्र में ला सकती है. इसके अलावा सरकार को इस सत्र में पिछली सरकार के समय के लागू 10 अध्यादेशों को रद्द कर उनकी जगह पर विधेयक पास कराना भी जरूरी होगा

लोकसभा में कांग्रेस का नेता अभी तय नहीं

संसद का बजट सत्र सोमवार से शुरू होने जा रहा है, लेकिन कांग्रेस पार्टी अभी तक अपने नेता का नाम तय नहीं कर पाई है. कई राजनीतिक दलों ने भी अपने नेता का चुनाव नहीं किया है. कांग्रेस पार्टी में पहले ऐसी चर्चा थी कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी लोकसभा में पार्टी की कमान संभालेंगे, लेकिन उनके पद छोड़ने पर अड़े रहने के कारण इस पर संशय पैदा हो गया है. वहीं 16वीं लोकसभा में पार्टी का नेतृत्व करने वाले मल्ल्किाअर्जुन खड़गे इस बार चुनाव हार गए हैं. अब पार्टी ऐसे सांसद की खोज कर रही है जो गांधी परिवार का विश्वस्त होने के साथ ही हिंदी और अंग्रेजी में पार्टी की बात रखने में सक्षम हो.

नदारद रखेंगे चर्चित चेहरे

संसद के इस सत्र में कई चेहरे नदारद रहेंगे. इनमें ऐसे कई नाम जिनकी आवाज सदन में पक्ष लेकर विपक्ष तक सालों तक साल तक गूंजती रही. भाजपा के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी, मुरली मनोहर जोशी, उमा भारती, सुषमा स्वराज और लोकसभा अध्यक्ष सुमित्रा महाजन भी लंबे समय बाद संसद में नहीं दिखेंगी.

इसके अलावा पिछली लोकसभा में कांग्रेस पार्टी के उपनेता रहे ज्योतिरादित्य सिंधिया भी इस लोकसभा में नजर नहीं आएंगे. वे इस बार गुना सीट से हार गए हैं. वहीं पूर्व पीएम एचडी देवगौड़ा भी इस बार का लोकसभा चुनाव हार गए हैं.

राज्यसभा में 28 साल तक असम का प्रतिनिधित्व करने वाले पूर्व पीएम मनमोहन सिंह का कार्यकाल भी कुछ दिन पहले समाप्त हो गया है. इन सभी के अलावा कई दलों के सांसद इस बार नहीं दिखाई देंगे. इनमें ज्यादातर कांग्रेस, समाजवादी पार्टी, तृणमूल कांग्रेस, एआईएडीएमके के नेता हैं.


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सर्वदलीय बैठक में विपक्ष सूखा और किसानों से जुड़ी समस्या पर चर्चा के लिए अड़ा

रविवार को पीएम नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में सर्वदलीय बैठक हुई. इसमें विपक्ष ने कड़े तेवर दिखाते हुए महिला आरक्षण, किसान संकट, बेरोजगारी जैसे मुद्दों पर चर्चा की मांग कर सरकार पर दबाव बनाने की कोशिश की. वहीं सरकार को जनता से जुड़े मुद्दे पर पूरा समर्थन देने की बात भी कही.

इसके अलावा पीएम मोदी ने एक राष्ट्र एक चुनाव और 2022 भारत की आजादी के 75वें साल और महात्मा गांधी की 150वीं जयंती वर्ष की तैयारियों पर भी चर्चा होगी. इन सभी मुददों पर चर्चा करने के लिए 19 जून को बैठक भी बुलाई है. मोदी ने उन सभी दलों के अध्यक्षों को 19 जून को होने वाली बैठक में बुलाया है जिनका लोकसभा या राज्यसभा में एक भी सदस्य है. 20 जून को दोनों सदनों के सदस्यों को डिनर पर भी आमंत्रित किया है.

लोकसभा चुनाव के बाद संसद के पहले सत्र पर सभी की निगाह होगी. सत्तापक्ष और विपक्ष को तय करना होगा कि नकारात्मक विरोध व शोर शराबे के बजाय देशहित में काम हो. संसद का काम देश को दिखाना है. कई महत्वपूर्ण विधेयक लंबित हैं. इस पर सार्थक चर्चा की जरूरत है न कि सरकार की राह रोकने की.

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