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Monday, 30 September, 2024
होमराजनीतिUP में सियासी जमीन तलाश रहे ओवैसी, बोले अखिलेश के शासन में पूर्वांचल आने से 12 बार रोका गया

UP में सियासी जमीन तलाश रहे ओवैसी, बोले अखिलेश के शासन में पूर्वांचल आने से 12 बार रोका गया

ओवैसी ने कहा बिहार के बाद अब पार्टी पश्चिम बंगाल चुनाव में उतरेगी. इसके बाद यूपी में जनसहभागीदारी मोर्चा के साथ मिलकर 2022 को चुनाव लड़ सकती है.

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लखनऊ. बिहार में अपनी पार्टी का खाता खोलने के बाद एआईएमआईएम (AIMIM) चीफ असदुद्दीन ओवैसी पश्चिम बंगाल और उत्तर प्रदेश में सियासी ज़मीन तलाशने में जुट गए हैं. इसी कड़ी में मंगलवार को असदुद्दीन ओवैसी  सुहेलदेव भारतीय समाजवादी पार्टी (सुभासपा) के अध्यक्ष ओम प्रकाश राजभर से मिलने वाराणसी पहुंचे.

इस दौरान ओवैसी ने समाजवादी पार्टी पर निशाना साधते हुए कहा कि अखिलेश यादव की सरकार के कार्यकाल में उन्हें 12 बार यूपी आने से रोका गया. वे अब दोस्ती निभाने आए हैं. ओवैसी ने कहा, ‘सुभासपा के ओमप्रकाश राजभर से उनकी दोस्ती है. वे लोग आगे साथ मिलकर चुनाव लड़ने पर विचार कर रहे हैं.’

बता दें वाराणसी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का संसदीय क्षेत्र है और पीएम दो बार से वहां से सांसद है. हालांकि ओवैसी इस दौरे के दौरान मऊ, जॉनपुर, आदमगढ सहित कई शहरों में जाएंगे.

ओवैसी के आरोप पर समाजवादी पार्टी के एमएलसी उदयवीर सिंह ने प्रतिक्रिया देने से इनकार किया और कहा, ‘जब ओवैसी को रोका गया तो इन्होंने प्रोटेस्ट क्यों नहीं किया. अब क्यों ये बता रहे हैं. इस मुद्दे पर इससे अधिक वह टिप्पणी हीं कर सकते.’


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विधानसभा चुनाव 2022 की तैयारी

मीडिया से बातचीत में ओवैसी ने कहा बिहार विधानसभा चुनाव में अच्छा प्रदर्शन करने के बाद अब पार्टी पश्चिम बंगाल चुनाव में उतरेगी. इसके बाद यूपी में जनसहभागीदारी मोर्चा के साथ मिलकर 2022 को चुनाव लड़ सकती है.

ओवैसी के मुताबिक, ‘हम पूर्वांचल में अपनी सक्रियता बढ़ा रहे हैं. हम एक-एक कर हर जनपद में जाकर अपनी पार्टी के अहम कार्यकर्ताओं व आम लोगों से मिलेंगे.’

इस दौरान ओम प्रकाश राजभर ने कहा कि भागीदारी मोर्चा लगातार बड़ा होता जा रहा है. जल्द ही अन्य कई दल भी इससे जुड़ेंगे.

बता दें कि ओवैसी वाराणसी के साथ आजमगढ़़ व मऊ के दौरे पर हैं. सियासी मायनों से ओवैसी का ये दौरा इसलिए भी चर्चा में है क्योंकि आजमगढ़ समाजवादी पार्टी का गढ़ माना जाता है जहां ओवैसी कार्यकर्ताओं से मुलाकात करेंगे.

सूत्रों के मुताबिक, भागीदारी संकल्प मोर्चा के बैनर के तले ओपी राजभर, ओवैसी, शिवपाल यादव, चंद्रशेखर आजाद व बाबू सिंह कुशवाहा, समेत कई छोटे दलों के नेताओं को एकजुट करके एक बड़ा गठबंधन बनाने की तैयारी है. ये गठबंधन बिहार के तीसरे मोर्चे की तर्ज पर हो सकता है जहां उपेंद्र कुशवाहा के नेतृत्व में ग्रैंड डेमोक्रेटिक सेकुलर फ्रंट बना था. जिसमें बसपा भी शामिल थी.

हालांकि, यूपी में भीम आर्मी भागीदारी संकल्प मोर्चा में शामिल होगी या नहीं इस पर अभी कोई सहमती नहीं बनी है लेकिन पिछले दिनों ओपी राजभर ने चंद्रशेखर से मुलाकात की थी जिससे इस तरह के कयास लगाए जा रहे हैं.

दिप्रिंट से बातचीत में ओपी राजभर के पुत्र व सुभासपा के राष्ट्रीय महासचिव अरुण राजभर ने कहा-‘हम एक बड़ा मोर्चा बनाने के प्रयास में हैं जिसमें पिछड़ों, दलितों व अल्पसंख्यकों के नेताओं को जोड़ा जाएगा.’

अरुण राजभर ने बताया, ‘अब तक 9 दल साथ आ चुके हैं. एक दर्जन से अधिक दल हमारे साथ एक मंच पर दिखेंगे. शिवपाल यादव व चंद्रशेखर आजाद से बातचीत अंतिम दौर में है, जल्द ही इसकी औपचारिक घोषणा होगी .’


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