scorecardresearch
Friday, 22 November, 2024
होमराजनीतिबाराबंकी में ओवैसी को सभा की अनुमति नहीं, केवल 3 घंटे पार्टी कार्यकर्ताओं से मिल सकेंगे

बाराबंकी में ओवैसी को सभा की अनुमति नहीं, केवल 3 घंटे पार्टी कार्यकर्ताओं से मिल सकेंगे

उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ओवैसी प्रदेश की तीन दिन की यात्रा पर हैं. बाराबंकी में आज होने वाली जनसभा को जिला प्रशासन ने अनुमति देने से इनकार कर दिया है.

Text Size:

बाराबंकी (उप्र): ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी तीन दिनों के उत्तर प्रदेश दौरे पर हैं. आगामी वर्ष होने वाले चुनाव को देखते हुए यूपी में अपनी जमीन मजबूत कर रहे ओवैसी बृहस्पतिवार को बाराबंकी में जनसभा को संबोधित करने वाले थे लेकिन सुरक्षा और कोविड-19 प्रोटोकॉल को देखते हुए जिला प्रशासन ने अनुमति देने से इंकार कर दिया है. ओवैसी अब केवल पार्टी के कार्यकर्ताओं से अपने पदाधिकारी के घर पर मिल सकेंगे.

उपजिलाधिकारी पंकज सिंह ने बताया कि एआईएमआईएम प्रमुख असुद्दीन ओवैसी की बृहस्पतिवार को सुबह 11 बजे बाराबंकी कटरा मोहल्ला इमामबाड़ा में जनसभा प्रस्तावित थी, लेकिन जिला प्रशासन ने इस जनसभा की अनुमति नहीं दी है.

एआईएमआईएम के जिला प्रभारी सज्जाद हुसैन ने बताया कि जिले के कटरा इमामबाड़ा में सभा की अनुमति मांगी गई थी, लेकिन जिला प्रशासन ने सुरक्षा की दृष्टि से उसको निरस्त कर दिया है. उन्होंने कहा कि अब कार्यक्रम की अनुमति सुबह 11 बजे से अपराह्न दो बजे तक जिलाध्यक्ष चौधरी फजरूर रहमान के आवास कटरा बारादरी बाराबंकी में होगी. इस दौरान ओवैसी केवल पार्टी के स्थानीय नेताओं और कार्यकर्ताओं से ही मिल सकेंगे.

हुसैन ने बताया कि इस कार्यक्रम में मात्र 50 लोगों को ही शामिल होने की अनुमति दी गई है, जिसमें कोविड प्रोटोकॉल का पूर्ण रूप से पालन किया जाएगा.

गौरतलब है कि उत्तर प्रदेश में अगले वर्ष होने वाले विधानसभा चुनाव के मद्देनजर ओवैसी प्रदेश की तीन दिन की यात्रा पर मंगलवार को लखनऊ पहुंचे थे. मंगलवार को उन्होंने लखनऊ में पत्रकार वार्ता के बाद अयोध्या के रूदौली कस्बे में जनसभा आयोजित कर अपने अभियान की शुरूआत की थी. वहीं, बुधवार को ओवैसी की सुल्तानपुर जिले में चुनावी सभा हुई. जहां उन्होंने बाबरी मस्जिद का मुद्दा जम कर उठाया. यही नहीं उन्होंने पीएम मोदी सहित उत्तर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री अखिलेश यादव और मायावती पर भी जमकर हमला बोला.


यह भी पढ़ें: यूपी में योगी आदित्यनाथ क्यों अखिलेश, मायावती, प्रियंका को तवज्जो नहीं देते लेकिन ओवैसी की चुनौती स्वीकार की है


‘नरेंद्र मोदी दो बार प्रधानमंत्री अखिलेश व मायावती की नासमझी से बने’

असदुद्दीन ओवैसी ने बुधवार को आरोप लगाया कि नरेंद्र मोदी दो बार प्रधानमंत्री समाजवादी पार्टी (सपा) प्रमुख अखिलेश (यादव) एवं बहुजन समाज पार्टी (बसपा) प्रमुख मायावती की नासमझी की वजह से बने.

ओवैसी ने उत्तर प्रदेश के अपने दौरे के दूसरे दिन बुधवार को विरोधियों के उन आरोपों को खारिज किया, जिसमें उन्हें राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण राज्य में वोट काटने वाले के रूप में पेश किया गया था.

अयोध्या के रूदौली से आगामी विधानसभा चुनाव के लिए अपनी पार्टी के अभियान की शुरुआत करने के एक दिन बाद ओवैसी सुल्तानपुर जिले के ओदरा गांव में बुधवार को एक जनसभा को संबोधित कर रहे थे.

बाद में ओवैसी ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि ‘आज का मुसलमान जान चुका है कि कई पार्टियां उनके वोट तो लेती हैं लेकिन उनका नेता नहीं बनाती और न ही पार्टी में उनकी कोई इज्जत होती है.’

इससे पहले ओवैसी ने जनसभा में कहा, ‘कहा जाता है़ ओवैसी लड़ेगा तो वोट काट देगा.’

उन्होंने सवाल किया, ‘सुलतानपुर में आप सबने अखिलेश यादव को झोली भर कर वोट दिया तो सूर्या (सूर्यभान सिंह भाजपा विधायक) कैसे जीते? 2019 में लोकसभा के चुनाव में सुलतानपुर से भाजपा कैसे जीती, तब ओवैसी तो चुनाव नहीं लड़ रहा था. क्या अखिलेश यादव ने कहा कि हिंदू ने वोट नहीं किया इसलिए हारे? क्यों मुसलमानों को कहते हैं, मुसलमानों ने वोट नहीं दिया, क्या मुसलमान कैदी हैं?’ ओवैसी ने ये भी कहा कि दो बार भाजपा मुसलमानों के वोटो से नहीं जीती है़.

इस आरोप को खारिज करते हुए कि उत्तर प्रदेश में चुनाव लड़कर ओवैसी भाजपा के प्रतिद्वंद्वियों के वोट खराब करेंगे, हैदराबाद के सांसद ने सवाल किया, ‘जब आप सभी (मुसलमानों) ने अखिलेश यादव की पार्टी को वोट दिया तो पिछले विधानसभा चुनाव में यहां से एक भाजपा उम्मीदवार कैसे जीता? इसी तरह भाजपा ने 2019 में सुल्तानपुर से लोकसभा चुनाव कैसे जीता, जबकि एआईएमआईएम वहां नहीं लड़ी थी?’

समाजवादी पार्टी के अध्यक्ष यादव पर तीखा हमला करते हुए ओवैसी ने सवाल किया, ‘क्या मुसलमान आपके गुलाम हैं?’ उन्होंने कहा, ‘नरेंद्र मोदी अखिलेश और मायावती की ‘नासमझी’ के कारण दो बार प्रधानमंत्री बने.’ हालांकि वह इस बारे में कुछ विस्तार से नहीं बोले.

‘जहां मैं लड़ता हूं वहां भाजपा नहीं जीतती’

ओवैसी ने कहा कि लोकसभा के चुनाव में मजलिस (एआईएमआईएम) तीन सीटों हैदराबाद, औरंगाबाद और किशनगंज से चुनाव लड़ी. उन्होंने कहा, ‘हमने हैदराबाद में भाजपा को हराया, हमें हराने मोदी और अमित शाह आए थे, लेकिन उनकी दाल नहीं गली. औरंगाबाद में 21 साल से शिवसेना सांसद को मजलिस ने हराया. किशनगंज में हम हार जरुर गए लेकिन लाखों वोट मिले.’

उन्होंने दावा किया, ‘जहां मैं लड़ता हूं वहां भाजपा नहीं जीतती. हम चाहते हैं कि आपकी आवाज को विधानसभा व संसद में उठाने वाला आपका नुमाइंदा हो. यह तभी होगा जब हम सब अपने लोगों को चुनकर भेजेंगे.’

मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ पर निशाना साधते हुए उन्होंने कहा,‘केंद्र ने उत्तर प्रदेश में अल्पसंख्यकों के कल्याण के लिए 116 करोड़ रुपये प्रदान किए थे, लेकिन उन्होंने इसमें से केवल 10 करोड़ रुपये खर्च किए हैं.’ उन्होंने चुटकी लेते हुए कहा, ‘मैंने संसद में इस मुद्दे को उठाया था जबकि अखिलेश ने इस मुद्दे पर चुप्पी साध रखी थी.’

बाद में पत्रकारों से बातचीत में ओवैसी ने दावा करते हुए कहा कि ‘आज का मुसलमान जान चुका है, कि कई पार्टियों उनके वोट तो लेती हैं लेकिन उनका नेता नहीं बनाती और न ही पार्टी में उनकी कोई इज्जत होती है. मुसलमानों में अब तब्दीली है, हर समाज का नेता है, उस समाज को फायदा मिल रहा है. तो मुस्लिम भी चाहता है कि चाहे शिक्षा हो या अर्थव्यवस्था हो, उसमें उसकी हिस्सेदारी हो.’

सपा विधायक इरफान सोलंकी द्वारा छत्तीसगढ़ की तर्ज पर उत्तर प्रदेश विधानसभा में नमाज के लिए जगह निश्चित किये जाने की मांग के सवाल पर ओवैसी ने कहा, ‘इन जनाब को उत्तर प्रदेश के मुसलमानों को ये बताना चाहिए कि अखिलेश यादव के दौर में मुजफ्फरनगर का जो कांड हुआ था, 50 हजार मुसलमान अपना घर छोड़कर चले गए थे, कितने मुसलमान वापस गए अब तक? कितनी मस्जिदें वीरान पड़ी हैं, वहां गए अब तक? इनको शर्म नहीं आती इस तरह की बात करते हुए. वो मस्जिदें जो वीरान पड़ी हैं जाइए वहां नमाज पढ़िए. आजादी के बाद, बंटवारे के बाद इतनी बड़ी तादाद में मुसलमान बेघर हुए हैं, उसकी बात नहीं करेंगे.’

ओवैसी ने कहा, ‘मेरी कोशिश है कि उत्तर प्रदेश के चुनाव से पहले जहां-जहां मेरा संगठन मजबूत हो चुका है वहां जाकर अपने लोगों व वहां की जनता से मुलाकात करूं. यह चुनाव की तैयारी है ताकि चुनाव में अच्छा नतीजा आये.’

ओवैसी ने मंगलवार को लखनऊ में 2022 में उत्तर प्रदेश में राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण विधानसभा चुनाव में ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहाद-उल-मुस्लिमीन के 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा की थी . उन्होंने मंगलवार को अयोध्या के रूदौली से अपना अभियान शुरू किया था.

ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी ने मंगलवार को अयोध्या के रूदौली कस्बे की रैली में दावा किया था कि धर्मनिरपेक्षता के नाम पर मुसलमानों को ठगा गया है और उन्होंने जनता से किए गए खोखले वादों को साबित करने के लिए समाजवादी पार्टी प्रमुख अखिलेश यादव के साथ आमने-सामने बहस करने की मांग की थी.

उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ और सपा प्रमुख अखिलेश यादव पर निशाना साधते हुए एआईएमआईएम प्रमुख ने कहा कि धर्मनिरपेक्षता के नाम पर मुसलमानों के साथ विश्वासघात किया गया है. उन्होंने कहा कि जो आज असहाय हैं वे उत्तर प्रदेश के मुसलमान हैं.

मंगलवार को उनकी रैली का स्थान धन्नीपुर से लगभग 20 किमी दूर था, जहां राम जन्मभूमि मामले में उच्चतम न्यायालय के निर्देश के तहत एक मस्जिद बन रही है.

ओवैसी 2022 में होने वाले प्रदेश के विधानसभा चुनाव में 100 सीटों पर चुनाव लड़ने की घोषणा पहले ही कर चुके हैं.


य़ह भी पढ़ें: असदुद्दीन ओवैसी ने फूंका यूपी में चुनावी बिगुल, बोले- ‘मेरा मकसद उत्तर प्रदेश में भाजपा को हराना


 

share & View comments