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Thursday, 25 April, 2024
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असदुद्दीन ओवैसी ने फूंका यूपी में चुनावी बिगुल, बोले- ‘मेरा मकसद उत्तर प्रदेश में भाजपा को हराना’

2022 में यूपी में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए असदुद्दीन ओवैसी ने मिशन यूपी को लेकर अपना लक्ष्य साफ कर दिया है. उनका मकसद उत्तर प्रदेश में भाजपा को हराना है.

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नई दिल्ली: AIMIM प्रमुख असदुद्दीन ओवैसी तीन दिवसीय दौरे पर उत्तर प्रदेश में हैं. 2022 में होने वाले विधानसभा चुनावों को देखते हुए ओवैसी ने मिशन यूपी को लेकर अपना लक्ष्य साफ कर दिया है. उनका मकसद उत्तर प्रदेश में भाजपा को हराना है.

हालांकि इस दौरान उन्होंने यह भी माना कि यूपी के हालात पहले जैसे नहीं रहे हैं. ओवैसी ने कहा, ‘यूपी में अब हमारा संगठन मजबूत है. हालात पहले से बदल गए हैं. हमारी कोशिश होगी कि उत्तर प्रदेश से AIMIM के विधायक बनें.’

उन्होंने कहा, ‘हम चुनाव लड़ेंगे भी और जीतेंगे भी और इस चुनाव में उत्तर प्रदेश का मुसलमान जीतेगा. ‘

ओवैसी ने कहा, ‘उत्तर प्रदेश में मुसलमानों की हालत बदतर है. इस बार हम 100 सीटों पर चुनाव लड़ने को तैयार हैं. हमने 60 साल से सबको जिताया, अब हम जीतेंगे.’

‘हम चुनाव लड़ रहे हैं तो दूसरी पार्टियों के पेट में दर्द क्यों हो रहा है.’

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मीडिया से बातचीत के दौरान उन्होंने बताया कि उनका मकसद उत्तर प्रदेश में भाजपा को हराना है और इस चुनाव में 100 सीटों पर चुनाव लड़ना है. हालांकि उन्होंने यह भी कहा कि ये सीटें बढ़ भी सकती हैं.

जब इस दौरान मीडिया ने उनसे पूछा कि क्या वे हिंदू को अपनी पार्टी का टिकट देंगे. वो तपाक से बोले, ‘हम उन्हें टिकट क्यों नहीं देंगे वो भी हमारे भाई हैं. ओबीसी भी हमारे भाई हैं, दलित समाज के लोगों को टिकट भी देंगे और वह जीतेंगे .’

ओवैसी ने कहा ‘हम सुहेलदेव भारतीय समाज पार्टी तथा कई अन्य दलों के साथ हैं, हमारे साथ दलित और पिछड़ा वर्ग के लोग हैं . हमारी पार्टी सौ सीटों पर चुनाव लड़ेगी .’

वैसे तो ओवैसी यूपी की सभी क्षेत्रीय और राष्ट्रीय पार्टियों पर बरसते नजर आए लेकिन जब उनसे सपा-बसपा से गठबंधन के सवाल दागे गए तो उन्होंने कहा, ‘पहले सपा-बसपा को हमसे गठबंधन करने के लिए आने दीजिए. हम उनसे बात करने के लिए तैयार हैं. वे पहले बात तो करें.’

रैली से पहले ओवैसी ने संवाददाताओं से कहा, ‘ मुसलमान आपको (सपा और बसपा) को वोट देते रहे, आपको मुख्यमंत्री बनाये और जब हिस्सेदारी की बात होती हैं तो आप बात ही नहीं करते. आप (सपा और बसपा) यह नहीं चाहते कि मुस्लिम समाज से कोई नेता उभर कर सामने आये . ’

उन्होंने कहा कि उत्तर प्रदेश के मुसलमानों के लिए नेतृत्व हिस्सेदारी की बात की जाए तो सांप्रदायिकता बढ़ने का तर्क दिया जाता है. उन्होंने कहा ‘सपा बसपा ने मिलकर चुनाव लड़ा, फिर भी भाजपा जीत गयी . मुसलमानों ने आपको झोली भर भर कर वोट दिया, फिर कहां गया वह वोट, बदले में उन्हें क्या मिला ?’

मीडिया से बातचीत के दौरान ओवैसी ओबीसी गणना से लेकर तालिबान मुद्दे तक पर बात की. अफगानिस्तान को लेकर पूछे गए एक सवाल पर उन्होंने कहा ‘ भारत के आयकर दाताओं के 35 हजार करोड़ रूपये अफगानिस्तान के विकास कार्यों में लगे हैं . अब वहां तालिबान है .अफगानिस्तान में जो तब्दीली आयी है वह भारत के लिये सही नहीं हैं . जो अफगानिस्तान में हो रहा है, उससे पाकिस्तान को ही फायदा होने वाला है, यह समझना होगा .’

उन्होंने कहा, ‘भारत को आज़ाद हुए 70 साल से ज़्यादा हो गए हैं तो OBC समाज की गणना होनी चाहिए. 50 फीसद आबादी को 27 फीसद आरक्षण क्यों देंगे और जो 20 फीसद है उनको 50 फीसद आरक्षण मिल रहा है. जब गणना में SC/ST, हिंदू, गैर हिंदू लिखा जाता है, तो यह भी करना चाहिए.’

अपने तीन दिवसीय दौरे पर यूपी पहुंचे ओवैसी अपनी चुनावी रणभेरी राम की नगरी अयोध्या से बजाएंगे.

ओवैसी आज अध्योध्या जिले के रुदौली में स्थित सूफी संत शेख आलम मखदूम जदा की 18 वीं शताब्दी में बनी दरगाह पर जायेंगे और वहां एक जनसभा करेंगे. आठ एवं नौ सितंबर को वह क्रमश: सुलतानपुर और बाराबंकी में जनसभा करेंगे.’

पिछले दिनों संघ प्रमुख मोहन भागवत के दिए गए बयान जिसमें उन्होंने कहा था कि भारत में हिंदू और मुसलमानों के पूर्वज एक हैं के मीडिया द्वारा पूछे गए सवाल पर ओवैसी ने कहा, ‘हमारा डीएनए टेस्ट करवा लें, हम तैयार हैं. लेकिन आप सभी को भी करना होगा, ये भी नौबत अब आ गई है. ये लोग भारत के संविधान को नहीं मानेंगे, लेकिन डीएनए टेस्ट करवाएंगे.

आरएसएस पर हमला बोलते हुए हैदराबाद सांसद ने कहा, ‘आरएसएस वाले इतिहास में कमजोर होते हैं.’


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संतो ने किया ओवैसी का विरोध

एआईएमआईएम अध्यक्ष असदुद्दीन ओवैसी के अयोध्या जिले के दौरे से पहले संतों ने जिले में लगाए गए पार्टी के पोस्टरों में जनपद के पूर्व नाम फैजाबाद का इस्तेमाल किए जाने पर आपत्ति जताई है और इसे हिंदुत्व विरोधी कदम बताया है.

संतों ने चेतावनी दी है कि अगर पोस्टरों में अयोध्या का जिक्र नहीं किया गया तो जिले में ओवैसी की जनसभा नहीं होने दी जाएगी. ओवैसी सात सितंबर को अयोध्या जिले के रुदौली में सूफी संत शेख आलम मखदूम जदा की दरगाह पर जाएंगे और वहां एक जनसभा करेंगे.

हनुमान गढ़ी मंदिर के महंत राजू दास ने मीडिया से कहा, ‘अयोध्या (जिले) को फैजाबाद नाम से नहीं पुकारना चाहिए. जिले का नया नाम अयोध्या सरकारी रिकॉर्ड में दर्ज है.’

तपस्वी मंदिर के महंत परमहंस दास ने इसे ऑल इंडिया मजलिस-ए-इत्तेहादुल मुस्लिमीन (एआईएमआईएम) का ‘हिंदुत्व विरोधी’ कदम बताया. उन्होंने कहा कि अगर फैजाबाद नाम वाले पोस्टर नहीं हटाए गए तो पार्टी को जिले में जनसभा नहीं करने दी जाएगी.

उत्तर प्रदेश सरकार ने नवंबर 2018 में फैजाबाद मंडल का नाम बदलकर अयोध्या कर दिया था. संतों की आपत्तियों पर एआईएमआईएम के जिलाध्यक्ष शाहनवाज सिद्दीकी ने कहा कि जिले को पहले फैजाबाद कहा जाता था और लोगों को बदलाव की आदत पड़ने में समय लगेगा.

सिद्दीकी ने कहा, ‘पोस्टर में दोनों नामों का उल्लेख है. इससे कोई फर्क नहीं पड़ता कि हम क्या नाम लिखते हैं, यह मुद्दा बनाने का विषय नहीं है.’

बाहुबली व पूर्व सांसद अतीक अहमद की पत्नी शाइस्ता प्रवीन ने ओवैसी के सामने पार्टी की सदस्यता ग्रहण की. कई आपराधिक मामलों में जेल में बंद, इलाहाबाद के फूलपुर के पूर्व सांसद और माफिया अतीक अहमद, जो स्वयं मौजूद नहीं थे लेकिन उन्होंने एक पत्र के माध्यम से पार्टी की सदस्यता ली . उनकी पत्नी शायस्ता परवीन और उनके परिवार के लोग कार्यक्रम में मौजूद थे .

जब उनसे बाहुबली को पार्टी की सदस्यता दिए जाने के बारे में पूछा गया तो उन्होंने सारी पार्टियों के नेताओं पर चल रहे आपराधिक मामलों की पोल खोलनी शुरू कर दी.

माफिया अतीक अहमद को पार्टी में शामिल किये जाने पर ओवैसी ने कहा ‘ उत्तर प्रदेश में भारतीय जनता पार्टी के 37 प्रतिशत विधायकों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं . भाजपा के 116 सासंदों के खिलाफ आपराधिक मामले हैं. ’

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