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Wednesday, 20 November, 2024
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किसान मुद्दे पर चर्चा को लेकर विपक्ष का राज्यसभा में हंगामा, सरकार के खिलाफ की जमकर नारेबाजी

सदन में हंगामे पर अप्रसन्नता जताते हुए सभापति एम वैंकेया नायडू ने कहा कि यह कोई उचित पद्धति नहीं है और उन्हें चर्चा में भाग लेना चाहिए. लेकिन सदन में हंगामा जारी रहा

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नयी दिल्ली: राज्यसभा में बुधवार को कांग्रेस के नेतृत्व में विपक्षी सदस्यों ने किसानों से जुड़े विभिन्न मुद्दों पर तत्काल चर्चा कराने की मांग करते हुए हंगामा किया जिसके कारण शून्यकाल में कार्यवाही बाधित हुयी और सदन की बैठक दिन के 11 बजकर करीब 15 मिनट से लेकर दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी गयी.

सदन में शून्यकाल शुरू होते ही नेता प्रतिपक्ष मल्लिकार्जुन खडगे ने किसानों से जुड़े मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस दिए जाने का जिक्र किया और कहा कि केंद्र के तीन नए कृषि किसानों के खिलाफ पंजाब, हरियाणा और पश्चिमी उत्तर प्रदेश में किसान आंदोलनरत हैं. उन्होंने कहा कि देश के अन्य हिस्सों में भी किसानों का आंदोलन जारी है, भले ही वह यहां नहीं दिख रहा हो.

सभापति एम वेंकैया नायडू ने कहा कि कांग्रेस सदस्यों दीपेंद्र हुड्डा, प्रताप सिंह बाजवा व राजीव सातव, राजद के मनोज झा और द्रमुक के टी शिवा की ओर से उन्हें किसानों के मुद्दों पर चर्चा के लिए नोटिस 267 के तहत कार्यस्थगन नोटिस मिले हैं. इसके अलावा बसपा के अशोक सिद्धार्थ की ओर से एक नोटिस पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर चर्चा के लिए मिला है.

उन्होंने कहा कि अभी ग्रामीण विकास मंत्रालय सहित कई मंत्रालयों के कामकाज पर चर्चा होनी है और उस दौरान सदस्य किसानों के मुद्दे पर अपनी बात रख सकते हैं.

नियम 267 के तहत सदन का सामान्य कामकाज स्थगित कर किसी अत्यावश्यक मुद्दे पर चर्चा की जाती है.

सभापति ने कहा कि पेट्रोल और डीजल की कीमतों पर चर्चा से संबंधित नोटिस को वह पहले ही खारिज कर चुके हैं. अन्य सदस्यों के नोटिसों का जिक्र करते हुए उन्होंने कहा कि बजट सत्र के पहले चरण में किसानों के मुद्दे पर चर्चा हो चुकी है, इसलिए उन्होंने इन नोटिसों को खारिज कर दिया है.

उन्होंने कहा कि सदन में विभिन्न मंत्रालयों के कामकाज के अलावा विनियोग विधेयक आदि पर भी चर्चा होनी है. इच्छुक सदस्य उन चर्चाओं में अपनी बात रख सकते हैं.

इस दौरान सदन में विपक्षी सदस्यों का हंगामा शुरू हो गया और वे सरकार के खिलाफ नारेबाजी करने लगे.

नायडू ने सदस्यों से शांति बनाए रखने की अपील करते हुए कहा कि शून्य काल में 18 सदस्यों को अपने अपने मुद्दे उठाने हैं.

सदन में हंगामे पर अप्रसन्नता जताते हुए नायडू ने कहा कि यह कोई उचित पद्धति नहीं है और उन्हें चर्चा में भाग लेना चाहिए. लेकिन सदन में हंगामा जारी रहा और उन्होंने 11 बजकर करीब 15 मिनट पर बैठक दोपहर 12 बजे तक के लिए स्थगित कर दी.


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