नई दिल्ली: विपक्ष का कहना है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के सोशल मीडिया अकाउंट्स की प्रोफाइल पिक्चर के रूप में तिरंगे की तस्वीर लगाने की अपील को उनकी पार्टी के विचारक राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) ने ही नहीं सुनी है.
मोदी ने इस सप्ताह सोशल मीडिया यूजर्स से आजादी के 75 वें साल के उपलक्ष्य में अपनी सोशल मीडिया की प्रोफाइल पिक्चर को तिरंगे में बदलने का आग्रह किया था. ‘हर घर तिरंगा’ फहराने के आह्वान किए जाने के बाद से पार्टी के आधिकारिक ट्विटर हैंडल के साथ-साथ कई नेताओं ने अपनी डीपी को तिरंगे की तस्वीर में बदल दिया.
लेकिन आरएसएस ने प्रधानमंत्री के अनुरोध को नहीं माना है – न तो संगठन के आधिकारिक ट्विटर हैंडल और न ही प्रमुख मोहन भागवत और दत्तात्रेय होसबले सहित संघ के कई वरिष्ठ नेताओं ने झंडे वाली डीपी को लगाया है. आरएसएस के फेसबुक पेज पर भी तिरंगे की तस्वीर नहीं लगाई गई है.
एक वरिष्ठ अधिकारी ने कहा, ‘हम किसी के दबाव में कोई फैसला नहीं लेते. अगर हमें अपने आधिकारिक ट्विटर हैंडल की डिस्प्ले पिक बदलनी है तो यह समय आने पर बदली जाएगी.’
हालाकि, उन्होंने बताया कि कुछ नेताओं ने पहले ही अपनी डिस्प्ले तस्वीरें बदल दी हैं. इनमें संयुक्त महासचिव मनमोहन वैद्य, अरुण कुमार और प्रचार प्रमुख सुनील आंबेकर शामिल हैं.
दिप्रिंट से बात करते हुए आंबेकर ने कहा, ‘संघ ने पहले ही आजादी का अमृत महोत्सव अभियान को अपना समर्थन देने की घोषणा कर दी है. साथ ही सभी स्वयंसेवकों से केंद्र और राज्य सरकारों के साथ-साथ अन्य संगठनों द्वारा किए जा रहे कार्यक्रमों का समर्थन करने की अपील की है. किसी को भी इस पर राजनीति नहीं करनी चाहिए और महोत्सव मनाने पर ध्यान देना चाहिए.’
कांग्रेस नेता पवन खेड़ा ने ट्विटर पर आरएसएस और उसके प्रमुख मोहन भागवत की प्रोफाइल फोटो के स्क्रीनशॉट को एक क्रिप्टिक मैसेज के साथ साझा किया, ‘संघ वालों, अब तो तिरंगा को अपना लो’
संघ वालों, अब तो तिरंगे को अपना लो #MyTirangaMyPride https://t.co/mYQPiuAB58 pic.twitter.com/TMVcpfu3eA
— Pawan Khera ?? (@Pawankhera) August 3, 2022
यह भी पढ़ें: LAC पर चीन के 5G रोल आउट के बाद भारतीय सेना भी पहाड़ी इलाकों तक हाई-स्पीड नेटवर्क पहुंचाने में जुटी
‘पीएम का संदेश उनके परिवार तक नहीं पहुंचा’
कांग्रेस के वरिष्ठ नेता और सांसद जयराम रमेश ने कहा, ‘हम हाथ में तिरंगा लिए अपने नेता (जवाहरलाल) नेहरू की डीपी लगा रहे हैं. लेकिन लगता है कि प्रधानमंत्री का संदेश उनके परिवार तक नहीं पहुंचा. जिन्होंने 52 साल तक नागपुर में अपने हेड क्वार्टर में झंडा नहीं फहराया, वे क्या प्रधानमंत्री की बात मानेंगे?’
वर्ष 1929 के लाहौर अधिवेशन में रावी नदी के तट पर झंडा फहराते हुए पंडित नेहरू ने कहा था "एक बार फिर आपको याद रखना है कि अब यह झंडा फहरा दिया गया है। जब तक एक भी हिंदुस्तानी मर्द, औरत, बच्चा जिंदा है, यह तिरंगा झुकना नहीं चाहिए।" देशवासियों ने ऐसा ही किया।#MyTirangaMyPride
— Jairam Ramesh (@Jairam_Ramesh) August 3, 2022
आरएसएस में तिरंगे के बजाए अपने स्वयं के झंडे को फहराने का रिवाज है. उन्होंने सिर्फ अपने मुख्यालय में 15 अगस्त 1947, 26 जनवरी 1950 और आखिरी बार 2002 में तिरंगा फहराया था.
न केवल कांग्रेस नेताओं, बल्कि तेलंगाना राष्ट्र समिति (TRS) ने भी दशकों से भारतीय ध्वज के महत्व की अनदेखी करने के लिए आरएसएस और बीजेपी की खिंचाई की.
टीआरएस के सोशल मीडिया संयोजक और तेलंगाना स्टेट रिन्यूएबल एनर्जी डवलपमेंट कॉर्पोरेशन के अध्यक्ष वाई सतीश रेड्डी ने ट्वीट किया, ‘ 52 वर्षों तक #RSS ने भारतीय ध्वज को स्वीकार नहीं किया और 2002 तक भारतीय ध्वज नहीं फहराया और अब आरएसएस और बीजेपी हमें हर घर तिरंगा, देशभक्ति और राष्ट्रवाद पर व्याख्यान दे रहे हैं! #ShameOnBJP.’
For 52 years #RSS did not accept the Indian Flag, and did not hoist the Indian Flag until 2002.
And now, RSS & BJP is lecturing us on Har Ghar Tiranga, Patriotism & Nationalism! #ShameOnBJP pic.twitter.com/fHdZqLP30y
— YSR (@ysathishreddy) August 2, 2022
दूसरी ओर भाजपा ने ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ कार्यक्रम के तहत स्वतंत्रता सेनानियों को श्रद्धांजलि देने के लिए बुधवार को आयोजित ‘तिरंगा’ बाइक रैली में भाग नहीं लेने के लिए विपक्ष पर निशाना साधा.
रैली दिल्ली के लाल किले से शुरू हुई और इसमें बीजेपी के कई मंत्री और सांसद शामिल हुए.
पार्टी के आईटी सेल के राष्ट्रीय संयोजक अमित मालवीय ने कहा. ‘आज सुबह सांसदों ने ऐतिहासिक लाल किले से तिरंगा बाइक रैली निकाली. उपराष्ट्रपति ने रैली को झंडी दिखाकर रवाना किया लेकिन किसी भी विपक्षी सांसद ने भाग लेने का विकल्प नहीं चुना. क्या यह साफ तौर पर मान लिया गया है कि भाजपा हमारे राष्ट्रीय गौरव का प्रतीक तिरंगे की एकमात्र संरक्षक है?’
मासिक रेडियो प्रोग्राम ‘मन की बात’ में मोदी ने इस बार कहा था कि कि कैसे तिरंगे की पहल विशेष रूप से ‘आजादी का अमृत महोत्सव’ उत्सव को बढ़ा देगी जो भारत की आजादी के 75 वें साल के उपलक्ष्य में मनाया जा रहा है.
मोदी के आह्वान के बाद, केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने रविवार को नागरिकों से 2 से 15 अगस्त के बीच सोशल मीडिया अकाउंट्स पर राष्ट्रीय ध्वज को अपनी प्रोफाइल फोटो के रूप में लगाने के लिए कहा. उन्होंने अपने ट्विटर डिस्प्ले पिक्चर को बदलकर ‘हर घर तिरंगा’ अभियान का समर्थन किया.
राहुल गांधी, प्रियंका गांधी वाड्रा, जयराम रमेश सहित अन्य कांग्रेस नेताओं ने भी अपनी डिस्प्ले तस्वीर बदल दी है- वो तस्वीर जिसमें भारत के पहले प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू राष्ट्रीय ध्वज पकड़े हुए हैं.
(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)
यह भी पढ़ें: बलूचिस्तान में पाकिस्तानी सेना का हेलीकॉप्टर क्रैश, सवार थे कई बड़े अधिकारी