नई दिल्ली: प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने सोमवार को क्रिसमस के मौके पर अपने आधिकारिक आवास पर ईसाई समुदाय के लोगों से संवाद किया और कहा कि केंद्र की भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के नेतृत्व वाली सरकार यह सुनिश्चित कर रही है कि विकास का फायदा हर किसी तक पहुंचे और कोई इससे अछूता ना रहे.
उन्होंने कहा, “ईसाई समुदाय के लोगों तक, विशेषकर गरीबों और वंचितों तक भी आज देश में हो रहे विकास का लाभ पहुंच रहा है.”
प्रधानमंत्री ने मत्स्य पालन मंत्रालय बनाए जाने के अपने कदम को याद करते हुए कहा कि ईसाई समुदाय ने इसकी सार्वजनिक रूप से सराहना की थी और उनका सम्मान भी किया था.
उन्होंने कहा, “क्रिसमस के इस अवसर पर मैं देश के क्रिश्चियन समुदाय के लिए एक बात जरूर कहूंगा. देश के लिए आपके योगदान को भारत गर्व से स्वीकार करता है. ईसाई समुदाय ने स्वतंत्रता आंदोलन में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है.’’
प्रधानमंत्री ने कहा कि इस यात्रा में ईसाई समुदाय के कई विचारक भी शामिल थे जिनमें एक थे स्टीफंस कॉलेज सुशील कुमार रुद्र, जिनके बारे में स्वयं महात्मा गांधी ने बताया था कि असहयोग आंदोलन की प्रेरणा उन्हीं की छत्रछाया में प्राप्त हुई थी.
उन्होंने कहा, ‘‘ईसाई समुदाय ने समाज को दिशा देने में निरंतर महत्वपूर्ण भूमिका निभाई है. समाज सेवा में यह समुदाय बढ़ चढ़कर हिस्सा लेता है. गरीब और वंचितों की सेवा के लिए हमेशा तत्पर रहता है. शिक्षा और स्वास्थ्य के क्षेत्र में आज भी पूरे भारत में ईसाई समुदाय के संस्थान बहुत बड़ा योगदान दे रहे हैं.’’
प्रधानमंत्री ने इस संवाद के दौरान ईसाइयों के साथ अपने पुराने और गर्मजोशी भरे संबंधों को याद किया और कहा कि वे गरीबों और वंचितों की सेवा में हमेशा आगे रहे हैं.
मोदी ने कहा कि ईसा मसीह का जीवन संदेश करुणा और सेवा पर केंद्रित था और उन्होंने एक समावेशी समाज के लिए काम किया जहां न्याय सभी के लिए हो.
प्रधानमंत्री ने कहा कि ये मूल्य उनकी सरकार की विकास यात्रा में ‘मार्गदर्शक’ के रूप में काम कर रहे हैं.
उन्होंने यह भी कहा कि हिंदी दर्शन के स्रोत माने जाने वाले उपनिषदों ने भी बाइबिल की तरह पूर्ण सत्य को साकार करने पर ध्यान केंद्रित किया है.
इससे पहले प्रधानमंत्री ने देशवासियों को क्रिसमस की बधाई दी.
उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, “सभी को क्रिसमस की शुभकामनाएं! मेरी कामना है कि त्योहारों का यह मौसम सभी के लिए खुशी, शांति और समृद्धि लेकर आए.’’
उन्होंने कहा, ‘‘आइए! सद्भाव और करुणा की भावना का जश्न मनाएं जो क्रिसमस का प्रतीक है और एक ऐसी दुनिया की दिशा में काम करें जहां हर कोई खुश और स्वस्थ हो. हम प्रभु मसीह की महान शिक्षाओं को भी याद करते हैं.’’
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