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Saturday, 4 May, 2024
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‘पुरानी पेंशन योजना ऐतिहासिक निर्णय’, CM गहलोत बोले- 2030 के तक राज्य को हर क्षेत्र में अग्रणी बनाने का लक्ष्य

सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सीताराम चौधरी ने स्वागत उद्बोधन दिया एवं नवगठित कार्यकारिणी की घोषणा की. इस अवसर पर वरिष्ठ अधिकारी एवं सचिवालय सेवा के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे.

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जयपुर: मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि राज्य सरकार की योजनाएं आज देशभर में चर्चा का विषय हैं. इन्हें धरातल पर उतारने में राजकीय कार्मिकों की अहम भूमिका रही है. उन्होंने कहा कि संवेदनशील, पारदर्शी एवं जवाबदेह सुशासन सुनिश्चित करने तथा आखरी व्यक्ति तक जनकल्याणकारी योजनाओं का लाभ पहुंचाने में कार्मिकों का महत्वपूर्ण योगदान है. उन्होंने कार्मिकों से मिशन-2030 के तहत हर क्षेत्र में राजस्थान को अग्रणी बनाने के लक्ष्य को पूरा करने में सक्रिय भागीदारी निभाने का आह्वान किया.

गहलोत शुक्रवार को शासन सचिवालय के आधुनिकीकरण एवं उन्नयन के अर्न्तगत नॉर्थ ब्लॉक के निर्माण कार्य का शिलान्यास तथा राजस्थान सचिवालय कर्मचारी संघ के शपथ ग्रहण समारोह को संबोधित कर रहे थे. उन्होंने नवगठित कार्यकारिणी के पदाधिकारियों को शपथ दिलाकर उन्हें शुभकामनाएं दीं. इससे पूर्व उन्होंने सचिवालय परिसर में राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की प्रतिमा के समक्ष पुष्प अर्पित किए.

कर्मचारी हित में लिए अनेक फैसले

मुख्यमंत्री ने कहा कि राज्य सरकार की नीति और नीयत हमेशा कर्मचारियों के पक्ष में रही है. कर्मचारियों द्वारा की गई अधिकांश मांगों को पूरा किया गया है. मानवीय दृष्टिकोण से बिना मांगे पुरानी पेंशन योजना लागू की गई. कर्मचारियों के लिए एडवांस सैलेरी की व्यवस्था, पदोन्नति के बेहतर अवसर, वर्ष में 2 बार डीपीसी, एसीपी (Assured Career Progression) की विसंगति को दूर करने जैसे अहम फैसले लिए गए हैं. साथ ही, राजस्थान सरकार स्वास्थ्य योजना (आरजीएचएस) लागू कर कैशलेस उपचार की सुविधा मुहैया कराई जा रही है. गहलोत ने कहा कि कॉन्ट्रेक्चुअल हायरिंग रूल्स बनाकर 1 लाख से अधिक कर्मचारियों को लाभान्वित किया गया है.

पुरानी पेंशन योजना ऐतिहासिक निर्णय, केन्द्र भी करे लागू

गहलोत ने कहा कि राज्य कर्मचारियों के हित में ऐतिहासिक निर्णय लेकर ‘पुरानी पेंशन योजना‘ लागू की गई. सेवानिवृत्ति के बाद कर्मचारियों को सामाजिक सुरक्षा प्रदान की गई है. इससे कर्मचारियों का सम्मान बढ़ा है. उन्होंने कर्मचारी हित में केंद्र सरकार और अन्य राज्यों को भी ओपीएस लागू करने का आग्रह किया.

रूके हुए कार्यों को बढ़ाया आगे

मुख्यमंत्री ने कहा कि हमने सरकार बनने के साथ ही पूर्ववर्ती सरकार की योजनाओं को बंद करने के बजाय सुदृढ़ कर आगे बढ़ाया. पूर्व में रूके जयपुर मेट्रो, बाड़मेर रिफाइनरी के विकास कार्यों को फिर से शुरू किया. केदारनाथ त्रासदी पीड़ितों को सरकारी सेवा में नियुक्ति देने के संवेदनशील निर्णय को फिर लागू किया गया. साथ ही, पूर्वी राजस्थान नहर परियोजना (ईआरसीपी) के लिए 14 हजार करोड़ रुपए स्वीकृत कर इसका कार्य शुरू करवाया जा रहा है.

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मुख्य सचिव उषा शर्मा ने कहा कि सुशासन सुनिश्चित करने में सचिवालय कर्मचारी महत्वपूर्ण कड़ी है. राज्य सरकार की अहम योजनाओं के प्रभावी क्रियान्वयन में कर्मचारियों की विशिष्ट भूमिका है. उन्होंने कहा कि सचिवालय परिसर के आधुनिकीकरण एवं उन्नयन के लिए चरणबद्ध रूप से कार्य कराए जा रहे हैं.

सचिवालय कर्मचारी संघ के अध्यक्ष सीताराम चौधरी ने स्वागत उद्बोधन दिया एवं नवगठित कार्यकारिणी की घोषणा की. इस अवसर पर वरिष्ठ अधिकारी एवं सचिवालय सेवा के अधिकारी एवं कर्मचारी उपस्थित थे.

नवीन भवन एक नजर में

शासन सचिवालय के आधुनिकीकरण एवं उन्नयन के अर्न्तगत नॉर्थ ब्लाक का निर्माण किया जाएगा. लगभग 70 करोड़ रुपए की लागत से नॉर्थ ब्लॉक टावर का निर्माण पूर्व में स्थित रजिस्ट्रार ब्लॉक, लेखाशाखा, सरस पार्लर एवं एस.बी.आई. बैंक भवन के स्थान पर किया जाएगा. इस भवन में 266 कारों की क्षमता की तीन मंजिला बेसमेन्ट पार्किंग, विद्युत वाहनों के लिये चार्जिंग पाईन्ट का प्रावधान किया गया है. भवन में भूकम्परोधी प्रावधानों को सम्मिलित करते हुए पर्यावरण के अनुकूल बनाने के लिए केविटी वाल, गर्मी प्रतिरोधी टाइल्स लगाई जाएगी. यहां सुगम आवाजाही हेतु विशिष्ठ जनों के लिए सुविधाएं, फायर नियंत्रण प्रणाली के साथ ही वर्षा जल को इकट्ठा कर भूजल को रिचार्ज करने जैसे प्रावधानों का समावेश किया गया है.

उल्लेखनीय है कि मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने वर्ष 2022-23 के बजट में सचिवालय के आधुनिकीकरण एवं उन्नयन के लिए लगभग 275.50 करोड़ रुपए के कार्यों की घोषणा की थी. योजना के द्वितीय चरण में डीआईपीआर भवन, ऑडिटोरियम एवं मुख्य सचिव, कार्मिक एवं वित्त विभाग के कार्यालय बनाए जाएंगे.


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