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Tuesday, 25 June, 2024
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लॉकडाउन में लोकसभा क्षेत्र से दूर सांसद कर रहे कोरोना से मुकाबला, कार्ल मार्क्स और रामायण बनी सहारा

कामगारों के अपने गांव जाने की कसमसाहट तो सड़क पर नजर आ चुकी है, लेकिन माननीय नेतागण इसे दिल में दबाएं बैठै हैं. कोई सांसद कार्ल मार्क्स को पढ़ रहा है तो कोई रामायण-महाभारत सीरियल देख मन बहला रहा है.

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नई दिल्ली: अपने घर से दूर कोविड-19 के लॉकडाउन में सिर्फ प्रवासी मजदूर ही नहीं बल्कि नेता भी फंसे हुए हैं. दिल्ली में कामगारों के अपने गांव जाने की कसमसाहट तो सड़क पर नजर आ चुकी है, लेकिन माननीय इसे दिल में दबाएं बैठै हैं. कोई सांसद कार्ल मार्क्स को पढ़ रहा है तो कोई रामायण-महाभारत सीरियल देख मन बहला रहा है. किसी को अमिताभ बच्चन की फिल्में भा रहीं है तो कोई अभी अपनी पढ़ाई पूरी कर रहा है. पर सभी सांसद इस महामारी के दौर में अपने संसदीय क्षेत्र से संपर्क साधे हुए हैं और दूर बैठे जितनी हो सके मदद करने में जुटे हुए हैं.

संसदीय क्षेत्र से वर्चुअल संपर्क

बीजू जनता दल के युवा सांसद और अभिनेता अनुभव मोहंती ने दिप्रिंट से कहा कि इस विपरित परिस्थितयों को देखते हुए हमने एक ‘ मो एप ‘ शुरु किया है. इस एप के माध्यम ‘ मेरे संसदीय क्षेत्र केंद्रपाड़ा ही नहीं बल्कि पूरे ओड़िशा के लोग भी मदद मांग करते है. सुबह लेकर रात मैं खुद इसकी मॉनिटरिंग करता हूं.’

एक फिल्म अभिनेता होने के चलते दूसरे राज्यों फंसे ओडिशावासी भी ‘मुझे फोन कर मदद मांगते है तो इस के एप जरिए हम आसानी से मदद पहुंचा सकते है.’

अनुभव मोहंती बताते है कि एक सेलिब्रिटी और नवीन पटनायक की पार्टी का एक सिपाही होने के नाते ‘मैं घर से बैठकर ही रोज एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म के जरिए लोगों को जागरुक कर रहा हूं.रोज सुबह सबसे पहले क्षेत्र के कलेक्टर और स्वास्थ्य विभाग के अधिकारी से बात करता हूं.उनकों निर्देश देता हूं, इसके बाद दोपहर तक लगातार क्षेत्र के लोगों से ही बातचीत होती रहती है.’

देश में ओडिशा पहला ऐसा राज्य है जहां कोविड 19 के लिए सीएमआरएस फंड से 100 बिस्तरों वाला एक अस्पताल शुरु किया. वो अस्पताल केंद्रपाड़ा संसदीय क्षेत्र में है. राज्य की नवीन पटनायक सरकार ने केंद्रपाड़ा की पंचायत में 40 बेड का कोविड केयर सेंटर शुरु किया है. हर बाजार में सेनेटाइजिंग टनल शुरु किया है. सामाजिक दूरी को ध्यान में रखते हुए जरुरतमंद को खाना भी दिया जा रहा है.

वहीं झारखंड के गोड्डा से वरिष्ठ भाजपा सांसद निशिकांत दुबे ने दिप्रिंट को कहा,’सुबह से लेकर दोपहर तक सारा समय संसदीय क्षेत्र के लोगों से बात करने में ही निकल रहा है. क्षेत्र के लोगों को खाना मुहैया हो साथ ही जरुरतमंद लोगों तक मदद पहुंचे यह मेरा लक्ष्य है.’


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निशिकांत दुबे कहते हैं कि बातचीत और मदद का सिलसिला अक्सर रात तक खिंच जाता है.’मेरे संसदीक्ष क्षेत्र में अब तक हर कॉलोनी और बाजार में सेनेटाइज़ेशन ड्राइव हो चुकी है.कच्चा और पका राशन के साथ मास्क भी लोगों तक पहुंच रहे हैं. सोशल मीडिया के माध्यम से लोगों से जुड़कर भी उनकी हर जरुरत की चीजों पहुंचाने का प्रयास कर रहा हूं’

दुबे बताते है कि उनके लोकसभा क्षेत्र से करीब 70 हजार से ज्यादा प्रवासी मजदूर अन्य प्रदेशों में है.उनकी मदद में दूसरे दलों के सांसदों से निजी परिचय काम आ रहा है. वे उन लोगों तक मदद पहुंचा पा रहे हैं. इनमें महाराष्ट्र में एनसीपी की सांसद सुप्रीया सुले, शिवसेना के श्रीकांत शिंदे, तमिलनाडू में कनिमोझी, हरियाणा में दीपेंद्र हुड्डा, पंजाब में राज्यपाल वीपी सिंह बदनौर, बंगलौर में भाजपा सांसद शोभा करांदलाजे, दिल्ली में मनोज तिवारी के सहयोग से ‘अपने क्षेत्र के लोग जहां बसे है जहां अटके है उन्हें जरुरत की सामाग्री देने की पूरी कोशिश मैं और मेरी टीम कर रही है.’

इधर, दिल्ली से मध्य प्रदेश के खंडवा की दूरी वरिष्ठ सांसद नंदकुमार सिंह चौहान भी टेक्नोलॉजी की मदद से दूर कर रहे है.लॉकडाउन के कारण दिल्ली में फंसे होने के बावजूद अपने संसदीय क्षेत्र के संपर्क में वे लगातार बने हुए है. चौहान दिप्रिंट से कहते हैं, ‘मैं हर रोज एक वीडियो बनाकर सोशल मीडिया पर अपलोड करता हूं. इसके जरिए ही लोगों से संवाद कर रहा हूं. वहीं रोज सुबह से शाम तक लोगों से फोन के माध्यम से बात करता हूं. इसके बाद पुलिस और प्रशासन को उनकी जानकारी देता हूं ताकि उनकी मदद हो सके.’

इसके अलावा बिहार के छपरा से सांसद भाजपा के राजीव प्रताप रूडी ने दिप्रिंट को बताया, मैं रोज सुबह 11 बजे वीडियो कांफ्रेंस के जरिए क्षेत्र के हर जिले वार कार्यकर्ताओं से पूरा फीडबैक लेता हूं. दो घंटे चलने वाली इस कांफ्रेंस में शहर के कलेक्टर और पुलिस अधिकारियों से भी चर्चा हो जाती है. इसका पूरा मकसद है कि लोगों का स्वास्थ्य का पूरा ध्यान रखा जाए और उन्हे सभी नियमों का पालन करते हुए खाद्य सामग्री मिले सके.’

रूडी आगे कहते हैं,’मेरे निवास पर बीते चार वर्षों से एक कंट्रोल रुम लोगों की सुविधा की बनाया गया है. यह 24 घंटे काम करता है. कोरोना के चलते आज इस कंट्रोल रुप में रोज 500 फोन कॉल लोगों के आते है इसमें कई अन्य प्रांतों के भी होते हैं.’

समय बिताने के अपने अपने तरीके

अपने क्षेत्र के काम के अलावा घर में रहते हुए सांसद मन बहलाने का काम भी कर रहे हैं और इस समय का सदुपयोग भी. कांस्टीट्यूशन क्लब के सदस्य और सचिव के नाते वरिष्ठ सांसद राजीव प्रताप रूडी और उनकी टीम यहां से फूड पैकेट जरुरत मंद लोगों को पहुंचाने का काम कर रही है. रूडी ने बताया,’मैं 24 मार्च से लगा हुआ हूं. इसमे मेरे साथ कई अन्य वरिष्ठ सांसद भी है. जिस सांसद सदस्य के पास सूचना आती है कि दिल्ली में फंसे या रह रहे उनके लोकसभा क्षेत्र के लोगों को भोजन की जरुरत है तो क्लब उनको भी खाने के पैकेट भेज रहा है. रोज 12 से 15 हजार फूड पैकेट के सुबह और शाम पहुंचा रहे है.अभी तक करीब 4 लाख लोगों से ज्यादा को खाना पहुंचा चुके है.’

वही इस मुहिम में बीजेडी सांसद मोहंती भी शामिल है. वे कहते है कि राजीव प्रताप रूडी के नेतृत्व में ‘हम लोग रमजान को देखते हुए कोशिश कर रहे हैं कि लोगों तक रोज शाम को इफ्तार के वक्त उनका मनपंसदीदा भोजन उन तक पहुंच जाए.’

अभिनेता से नेता बने अनुभव मोहंती कहते हैं,’जब दिन में थोड़ा बहुत खाली समय मिलता है तो उसमें मैं भगवत गीता और अच्छी किताबें पढ़ने के अलावा फिल्म की कहानी लिखने पर भी ध्यान दे रहा हूं. कभी-कभी साथी फिल्मकारों से भी बात कर लेता हूं. एक अभिनेता होने के चलते सलमान खान और अमिताभ बच्चन की फिल्में भी देखकर कुछ न कुछ सीखने की भी कोशिश कर रहा हूं.’

सभी सांसदों में राजीव प्रताप रूडी ही एक ट्रेंड और स्किल्ड पायलट है. क्योंकि लॉकडाउन के चलते विमान सेवाएं बंद है इसलिए ‘ कई सारे कोर्स छूट गए थे तो उन्हें भी समय निकालकर पढ़ लेता हूं.’

सांसद निशिकांत दुबे को जो भी खाली वक्त मिलता है तो वो समय परिवार के साथ ही घर पर बिताते हैं. दुबे बताते है,’किताबे पढ़ने का शौक भी है. इस समय में कार्ल मार्क्स की दास कैपिटल किताब पढ़ रहा हूं.’

भाजपा सांसद नंदकुमार सिंह चौहान कहते हैं,’दिन में खाली समय नहीं मिलता लेकिन शाम को समय बिताने के लिए रामायण और महाभारत देख लेता हूं. किताबें पढ़कर अपना समय व्यतीत कर लेता हूं.’

सभी परिवार से साध रहे हैं संपर्क

सांसद और अभिनेता मोहंती कहते है कि जब मेरे सीएम नवीन पटनायक ने लॉकडाउन को सपार्ट किया है तो उसके बाद ‘मैंने घर जाने कोशिश करने के बारे में सोचा ही नहीं.’वे कहते हैं,’लॉकडाउन के दिनों में केंद्रपाड़ा में मेरा डॉग कई दिनों से घर में मायूस है.उसका पूरा ध्यान रखा जा रहा है, लेकिन वो हमे और हम उसे मिस कर रहे है. मेरे माताजी और पिताजी मेरे साथ दिल्ली में है. लेकिन तीनों लोग मेरे भाई की छोटी बेटी को बहुत मिस कर रहे है. पापा को लंबे समय से पान खाने का शौक है. मैं पहले पान नहीं खाने के लिए टोकता था. लेकिन आज महसूस हो रहा है कि कहीं से एक पान लाकर तो उन्हें मैं दे दूं. मैं उनके उतना भी नहीं कर पा रहा हूं. लेकिन मुझे उनकी जिंदगी प्यारी है.’


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दुबे कहना है कि उनका परिवार दिल्ली में ही है लेकिन माता पिता गांव में है. उनसे रोज वीडियों कांफ्रेसिंग के जरिए बात कर वे इस दूरी को कम करने की कोशिश करते हैं.

नंदकुमार चौहान कहते है,’ पीएम मोदी के आव्हान पर लॉकडाउन को सख्ती से पालन करना है इसलिए मैं भी दिल्ली में रह गया. घर परिवार और छोटे बच्चों की याद तो आती है,लेकिन वीडियों कालिंग के जरिए बात कर लेता हूं.’

माननीय सांसदों ने जहां कोरोनावायरस के दौर में अपने संसदीय क्षेत्र को संभाल रखा है. वहीं दूसरी ओर अपनी सेहत, परिवार से संबंध और शौक को पूरा करने में लॉकडाउन का पूरा फायदा उठाने में जुगत लगा ही ली है.

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