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Saturday, 2 November, 2024
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पुलिसकर्मी तक सुरक्षित नहीं, पाकिस्तान से बात करनी ही होगी कोई और रास्ता नहीं-फारूक अब्दुल्ला

नेशनल कांफ्रेंस के अल्पसंख्यक विंग ने शनिवार को तीन प्रस्ताव पारित किए जिनमें घाटी में प्रवासी कश्मीरी पंडितों की वापसी, उनके पुनर्वास और उनके राजनीतिक सशक्तिकरण समेत कई आह्वान किए गए हैं.

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जम्मू: नेशनल कांफ्रेंस के अध्यक्ष फारूक अब्दुल्ला शनिवार को मोदी सरकार पर जमकर बरसे और कहा कि वो दावे करते हैं कि जम्मू और कश्मीर में सब कुछ ठीक चल रहा है लेकिन वहां पुलिसकर्मी तक सुरक्षित तक नहीं हैं तो आम लोग कैसे होंगे?

इस दौरान श्रीनगर में पार्टी मुख्यालय में फारूक अब्दुल्ला और पत्रकारों के बीच तीखी बहस भी हो गई.

एक पत्रकार ने अब्दुल्ला से पूछा कि जम्मू कश्मीर में पुलिस अधिकारी में मारे जा रहे हैं. इस पर फारूक अब्दुल्ला ने कहा कि ऐसा सवाल क्यों पूछ रहे हो? आप मुझसे क्या कहलवाना चाहते हैं, आप को लगता है कि हम खुश हैं कि वो
लोगों को मार रहे हैं. यह दुखद कहानी है. यह सरकार को बताइए, जो कह रही है कि सब कुछ ठीक चल रहा है, सब कुछ ठीक चल रहा है?’ लोग सुरक्षित हैं? पुलिस कर्मी तक सुरक्षित नहीं हैं तो आम लोग कैसे होंगे?’

इस पर एक और पत्रकार ने पूछा कि ‘क्या हम ऐसे हालात में पाकिस्तान से बात कर सकते हैं?’
इस पर फारूक अब्दुल्ला ने भड़कते हुए कहा कि ‘आपको (सरकार) को बात करनी होगी. कोई और रास्ता नहीं है. आप चीन से बात कर सकते हैं. आप इस बारे में क्या कहेंगे? चीन हमारे क्षेत्र पर कब्जा कर रहा है. उसमें वो अपने घरों का निर्माण कर रहा है. क्या भारत सरकार संसद में इस पर चर्चा करने इजाजत देगी? आपको समझ आ रहा है कि चीन क्या कर रहा है?’


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श्रीनगर में पार्टी मुख्यालय में कार्यकर्ताओं को संबोधित करते हुए फारूक अब्दुल्ला नो कहा कि ‘कश्मीर में लोगों को सिर्फ वोट बैंक के रूप में इस्तेमाल किया जाता था, कई वादे किए गए लेकिन एक भी पूरा नहीं किया गया. कश्मीरी पंडितों और कश्मीरी मुसलमानों के बीच समस्याएं पैदा की गईं. जम्मू-कश्मीर में हिंदुओं और मुसलमानों के बीच फैली नफरत से हमारे दुश्मनों को फायदा होगा’

उन्होंने आगे कहा, ‘देश नहीं बचेगा अगर हम, नेता धर्म और राजनीति को एक दूसरे से दूर नहीं रखेंगे. वो महिला अधिकार विधेयक पारित क्यों नहीं करते? उनके पास संसद में 300 सदस्य हैं लेकिन वो नहीं चाहते कि महिलाएं उठें और पुरुषों के बराबर दर्जा हासिल करें.’

कश्मीरी पंडितों की वापसी वाला प्रस्ताव पारित

नेशनल कांफ्रेंस के अल्पसंख्यक विंग ने शनिवार को तीन प्रस्ताव पारित किए जिनमें घाटी में प्रवासी कश्मीरी पंडितों की वापसी, उनके पुनर्वास और उनके राजनीतिक सशक्तिकरण समेत कई आह्वान किए गए हैं.

ये प्रस्ताव फारूक अब्दुल्ला की अध्यक्षता में एक दिवसीय सम्मेलन की शुरुआत में पेश किए गए. इनमें समुदाय के मंदिरों और धार्मिक स्थलों के प्रबंधन के लिए एक विधेयक पारित करने की भी मांग की गई.

ध्वनि मत से पारित ‘राजनीतिक रूप से महत्वपूर्ण’ इन प्रस्तावों को प्रस्तुत करते समय वरिष्ठ नेता अनिल धर ने कहा, ‘प्रवासी कश्मीरी पंडित समुदाय पिछले तीन दशकों से अपनी सम्मानजनक वापसी और पुनर्वास के लिए तरस रहा है. यह बहुत महत्वपूर्ण मुद्दा है.’

उन्होंने कहा कि नेशनल कांफ्रेंस ही एकमात्र पार्टी है जो घाटी में पंडितों की वापसी और पुनर्वास सुनिश्चित कर सकती है.

उन्होंने कहा, ‘अब्दुल्ला को भारत सरकार का मार्गदर्शन करना चाहिए, जो आज तक इस दिशा में कोई प्रगति करने में विफल रही है. हमारे पास रोडमैप है और हम इसे केंद्र के साथ साझा करने के लिए तैयार हैं.’


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