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Saturday, 16 November, 2024
होमराजनीति'नीतीश में PM बनने के सभी गुण': कुशवाहा ने कहा- 'उपराष्ट्रपति की उनकी महत्वाकांक्षा' को लेकर झूठ बोल रही है BJP

‘नीतीश में PM बनने के सभी गुण’: कुशवाहा ने कहा- ‘उपराष्ट्रपति की उनकी महत्वाकांक्षा’ को लेकर झूठ बोल रही है BJP

कुशवाहा ने कहा कि बिहार को 'अभी तक पीएम चुनने का मौका नहीं मिला है' लेकिन उन्होंने इस बात से इनकार किया कि नीतीश कुमार ने 2024 में संसद में जाने के लिए राजद के साथ ऐसा कोई समझौता किया है ताकि तेजस्वी यादव सीएम बन सकें.

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नई दिल्ली: जनता दल (यूनाइटेड) अब 2024 में नीतीश कुमार को विपक्ष के प्रधानमंत्री पद के चेहरे के रूप में पेश कर रहा है. पार्टी के वरिष्ठ नेता उपेंद्र कुशवाहा ने कहा कि बिहार के सीएम में देश का नेतृत्व करने के सभी गुण हैं.

जहां कई अटकलों के बीच नीतीश ने अपने पत्ते नहीं खोले हैं. वहीं पूर्व केंद्रीय मंत्री और मौजूदा समय में बिहार के विधान परिषद के सदस्य कुशवाहा ने दिप्रिंट को दिए गए अपने एक इंटरव्यू में मुख्यमंत्री के प्रधानमंत्री पद की संभावनाओं को रेखांकित किया.

उन्होंने कहा, ‘इसमें कोई शक नहीं कि नीतीश कुमार का कद काफी ऊंचा है. उन्हें जनसेवा का लंबा अनुभव है. एक नई शुरुआत हुई है और इसका संदेश पूरे देश में गया है. नीतीश जी का कद राजद (राष्ट्रीय जनता दल) या एनडीए (राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन) के साथ गठबंधन से परे है.’

कुशवाहा ने दिप्रिंट को बताया, ‘बिहार ने देश को अपना पहला राष्ट्रपति राजेंद्र प्रसाद दिया लेकिन राज्य को अभी तक प्रधानमंत्री चुनने का मौका नहीं मिला है. अच्छा होगा कि नीतीश राष्ट्रीय राजनीति में आ जाएं. हालांकि इस योजना पर अभी तक कोई विचार-विमर्श नहीं हुआ है.’

बुधवार को आठवीं बार मुख्यमंत्री पद की शपथ लेने के बाद नीतीश ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर तंज कसते हुए कहा था, ‘वह 2014 में जीते थे लेकिन क्या 2024 में ऐसा होगा’. जद(यू) प्रमुख ने मीडिया के सवालों के जवाब में चुटकी ली थी कि क्या वह प्रधानमंत्री पद का उम्मीदवार बनना चाहते हैं.

नीतीश की तरह कुशवाहा ने भी भाजपा नेता सुशील कुमार मोदी के इस दावे को खारिज कर दिया कि जद(यू) प्रमुख ने एनडीए को इसलिए छोड़ दिया क्योंकि उन्हें उपराष्ट्रपति नहीं बनाया गया था.

जद(यू) संसदीय बोर्ड के अध्यक्ष कुशवाहा ने कहा, ‘यह सरासर झूठ है कि नीतीश उपराष्ट्रपति या राष्ट्रपति पद के लिए इच्छुक थे. हम उनके (भाजपा नेताओं के) गुस्से को समझ सकते हैं क्योंकि वे सत्ता में होने के बजाय धरना (विरोध) कर रहे हैं. उनकी निराशा को समझा जा सकता है.’

इससे पहले दिन नीतीश ने कहा था, ‘यह ‘पूरी तरह से एक फर्जी’ दावा है कि वह उपराष्ट्रपति बनना चाहते हैं. उन्होंने बीजेपी के इस दावे को ‘एक मजाक’ करार दिया था.’

कुशवाहा ने इस बात से भी इनकार किया कि नीतीश कुमार ने 2024 में संसद में जाने के लिए राजद के साथ ऐसा कोई समझौता किया है ताकि तेजस्वी यादव सीएम बन सकें.

उन्होंने कहा, ‘दोनों पक्षों के बीच ऐसा कोई समझौता नहीं हुआ है. हर राजनीतिक दल का लक्ष्य मुख्यमंत्री का पद पाने का होता है, इसमें कुछ गलत नहीं है. लेकिन नीतीश कुमार अभी मुख्यमंत्री हैं. दोनों पार्टियां बचे हुए कार्यकाल के लिए काम करेंगी.’ वह आगे कहते हैं, ‘आने वाले समय में क्या होगा, कोई नहीं जानता. लेकिन अभी इसकी भविष्यवाणी नहीं की जा सकती है.’


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‘जद(यू) को नुकसान पहुंचाने के लिए चाल’

उन्होंने कहा कि पार्टी गठबंधन सहयोगी को कमजोर करने के लिए भाजपा के कथित मंसूबों से अवगत है. कुशवाहा ने दावा किया कि जद(यू) नेताओं को दलबदल के लिए प्रेरित करने के लिए लगातार प्रयास किए गए थे.

वह बताते हैं, ‘उन्होंने (भाजपा नेताओं ने) आर.सी.पी. सिंह के जरिए कुछ विधायकों से संपर्क किया था लेकिन इन विधायकों ने हमारे नेतृत्व को उनके (भाजपा के) इरादों के बारे में सचेत कर दिया. उन्होंने विधानसभा चुनाव के दौरान जद(यू) की संभावनाओं को नुकसान पहुंचाने के लिए सबसे पहले चिराग (पासवान) का इस्तेमाल किया था.

पूर्व केंद्रीय मंत्री ने दावा किया कि भाजपा की ‘चाल’ एनडीए के सदस्य पासवान के उन निर्वाचन क्षेत्रों में उम्मीदवार उतारने के फैसले से साफ थी, जहां जद(यू) के उम्मीदवार 2020 के बिहार विधानसभा चुनाव में चुनाव लड़ रहे थे.

उन्होंने कहा, ‘यह दिखाता है कि कैसे भाजपा ने जद(यू) को नुकसान पहुंचाने के लिए गंदी चाल का इस्तेमाल किया. इस तथ्य से कोई भी अंजान नहीं है. वे अपने नए प्रयास (आरसीपी सिंह का इस्तेमाल करना) में विफल रहे हैं, इसलिए वे निराधार आरोप लगा रहे हैं.’

कुशवाहा ने भाजपा के इस दावे का भी खंडन किया कि नीतीश आने वाले समय में राजद को खत्म करने का लक्ष्य बना रहे हैं. उनके मुताबिक, उनकी पार्टी में ‘गठबंधन सहयोगियों को धोखा देने की संस्कृति’ नहीं है.

वह बताते हैं, ‘गठबंधन के सहयोगियों को कमजोर करना या सबक सिखाना जद(यू) की प्रकृति में नहीं है… भाजपा ने अपने सहयोगियों को बांटने के लिए गंदी चाल चलने की प्रवृत्ति विकसित की है. उन्होंने महाराष्ट्र में जो किया है, वह सभी जानते हैं. भाजपा के गलत हथकंडे लोकतंत्र के लिए खतरा बनते जा रहे हैं.’

यह पूछे जाने पर कि कथित भ्रष्टाचार के मामलों में तेजस्वी यादव और राजद के अन्य नेताओं के खिलाफ प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) जैसी केंद्रीय एजेंसियों की कार्यवाही को लेकर नीतीश की प्रतिक्रिया क्या होगी, कुशवाहा ने कहा कि जद(यू) प्रमुख ने पहले ही अपनी स्थिति स्पष्ट कर दी थी.

उन्होंने बताया, ‘नीतीश कुमार ने हमेशा कहा है कि कानून अपना काम करेगा. उन्होंने भ्रष्टाचार के खिलाफ हमेशा कड़ा रुख अपनाया है. लेकिन यह भी एक सच्चाई है कि केंद्रीय एजेंसियां केवल विपक्ष शासित राज्यों में ही कार्रवाई करती हैं. वे (ईडी अधिकारी) भ्रष्टाचार के आरोपों का सामना कर रहे भाजपा नेताओं के खिलाफ कार्रवाई नहीं करते हैं.’

कुशवाहा ने आरोप लगाया कि इससे साफ पता चलता है कि राजनीतिक मकसद के साथ बदला लेने की राजनीति कैसे काम कर रही है.

(इस खबर को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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