पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार को मंगलवार को विपक्ष की आलोचना का सामना करना पड़ा जब वह राज्य विधानसभा में लड़कियों की शिक्षा में सुधार और इसे जनसंख्या नियंत्रण से जोड़ने के अपने प्रयासों के बारे में बोलते हुए अभद्र टिप्पणी करते दिखाई दिए.
सरकार द्वारा पेश किए गए सामाजिक-आर्थिक सर्वे पर दो घंटे की बहस का जवाब देते हुए, नीतीश ने कहा, “अगर पढ़ लेगी लड़की, और वो जब शादी होगी लड़का-लड़की में, तो जो पुरुष है, वो तो रोज़ रात को…उसके साथ करता है ना, तो उसमें और पेदा हो जाता है, और लड़की पढ़ लेती है, तो हमको मालूम था, कि वो करेगा ठीक है, लेकिन अंतिम में भीतर मत घुसाओ, उसको बाहर कर दो…और करता तो है…तो उसी में, आप समझ लीजिये, संख्या घट रही है.” बाद में उन्होंने विधान परिषद में भी यही टिप्पणी की.
विधानसभा में मुख्यमंत्री भाजपा विधायक नंद किशोर यादव की उस टिप्पणी पर प्रतिक्रिया दे रहे थे जिसमें उन्होंने कहा था कि बिहार की केवल सात प्रतिशत आबादी ग्रेजुएट है. यादव ने कहा, “इसमें कोई हैरानी नहीं कि जब आप नौकरियों के लिए विज्ञापन देते हैं तो आपको उम्मीदवार नहीं मिलते.”
सदन की कार्यवाही दिनभर के लिए स्थगित होने के बाद भाजपा ने मांग की कि नीतीश महिलाओं से सार्वजनिक माफी मांगें. राष्ट्रीय महिला आयोग (एनसीडब्ल्यू) ने भी उन टिप्पणियों के लिए “तत्काल माफी” की मांग की, जो “न केवल अभद्र हैं बल्कि महिलाओं के अधिकारों और विकल्पों के प्रति बेहद असंवेदनशील भी हैं”.
इस बीच, बिहार के सीएम के डिप्टी तेजस्वी यादव ने टिप्पणी का बचाव करते हुए कहा कि नीतीश “यौन शिक्षा” के बारे में बात कर रहे थे और उनकी टिप्पणी को गलत तरीके से नहीं लिया जाना चाहिए.
दिप्रिंट से बात करते हुए बीजेपी विधायक हरिभूषण ठाकुर ने कहा, “सीएम को विधानसभा के अंदर अपनी टिप्पणी के लिए महिलाओं से सार्वजनिक माफी मांगनी चाहिए. सीएम द्वारा इस्तेमाल की गई ऐसी भाषा अनएक्सपेक्टेड थी, वह अपना मानसिक संतुलन खो रहे हैं. यहां तक कि वह अपने भाषण के दौरान गलत तारीखें भी बता रहे थे. सठिया गए हैं.”
यह पहली बार नहीं है जब नीतीश पर अभद्र टिप्पणी करने का आरोप लगा है. 2020 में एनडीए की एक संयुक्त बैठक के दौरान, उन्होंने अपनी सरकार के कामकाज की आलोचना करने के लिए भाजपा विधायक निक्की हेम्ब्रोम पर अपना आपा खो दिया था. उन्होंने कथित तौर पर टिप्पणी की थी, “बड़ी खूबसूरत लगती हो, कुछ ज्ञान रखो.” हेम्ब्रोम ने भाजपा नेतृत्व से शिकायत की थी, लेकिन पार्टी उस समय नीतीश को खुश रखने के लिए हर संभव प्रयास कर रही थी.
जब बीजेपी नेता 2021 में जनसंख्या वृद्धि को रोकने के लिए जनसंख्या नियंत्रण कानून की मांग कर रहे थे, तो नीतीश ने जोर देकर कहा था कि कानून की कोई ज़रूरत नहीं है और इसका समाधान महिलाओं को शिक्षित करना है. नाम न छापने की शर्त पर एक मंत्री ने कहा, “लेकिन वह उन शब्दों से बच सकते थे जिनका उन्होंने आज इस्तेमाल किया.”
(संपादन : फाल्गुनी शर्मा)
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