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Monday, 23 December, 2024
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न मुख्यमंत्री और न हीं मंत्रिमंडल, महाराष्ट्र विधानसभा में दशकों की परंपरा तोड़ विधायकों ने ली शपथ

राज्य विधानभवन के प्रभारी सचिव राजेंद्र भागवत ने बताया कि बीते कई दशकों से यह परंपरा चली आ रही है कि सबसे पहले शपथ मुख्यमंत्री लेते हैं और उनके बाद अन्य सदस्यों को शपथ दिलवायी जाती है.

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मुंबई: महाराष्ट्र की 14वीं विधानसभा के सदस्यों का बुधवार को शुरू हुआ शपथ ग्रहण समारोह इस मायने में भिन्न था कि जब सदन का विशेष सत्र आरंभ हुआ तब तक न तो सरकार का गठन हुआ था और न ही मुख्यमंत्री नियुक्त हुए थे.

राज्य विधानभवन के प्रभारी सचिव राजेंद्र भागवत ने बताया कि बीते कई दशकों से यह परंपरा चली आ रही है कि सबसे पहले शपथ मुख्यमंत्री लेते हैं और उनके बाद अन्य सदस्यों को शपथ दिलवायी जाती है.

उन्होंने कहा, ‘इसके तुरंत बाद या फिर उसके बाद के सत्र में शक्ति परीक्षण करवाया जाता है. इस मामले में मुख्यमंत्री ने तो शपथ ली ही नहीं लेकिन सदन के सदस्यों को शपथ ग्रहण करवाई गई.’

भागवत ने कहा, ‘उच्चतम न्यायालय के अंतरिम आदेश के चलते शपथ ग्रहण समारोह करवाना हमारे लिए अनिवार्य हो गया था. सभी सदस्यों के शपथ ग्रहण के बाद विधानसभा बिना प्रमुख और बिना मंत्रिमंडल के ही आरंभ हो जाएगी.’

भागवत ने कहा कि मुख्यमंत्री को शपथ लेने के बाद मंत्रिमंडल का गठन करना होगा.

उन्होंने बताया, ‘अगले पूर्ण सत्र का कार्यक्रम मंत्रिमंडल की पहली बैठक में तय होगा. शक्ति परीक्षण उसी सत्र में होगा.’

महाराष्ट्र में 288 विधायकों को शपथ दिलाने के लिए विधानसभा का विशेष सत्र बुधवार सुबह आरंभ हो गया.

कार्यवाहक अध्यक्ष कालीदास कोलांबकर विधायकों को शपथ दिला रहे हैं.

अजित पवार, छगन भुजबल, अशोक चव्हाण और पृथ्वीराज चव्हाण पहले शपथ लेने वालों में शामिल रहे. सदस्यों को वरिष्ठता क्रम के आधार पर शपथ दिलाई जा रही है.


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राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी ने कोलांबकर को मंगलवार शाम को विधानसभा का कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त किया था.

नव निर्वाचित सदस्य राज्य में चल रहे नाटकीय घटनाक्रमों के कारण विधानसभा चुनाव के नतीजे आने के एक महीने बाद भी शपथ नहीं ले पाए थे.

किसी भी राजनीतिक दल के सरकार न बना पाने के कारण राज्य में 12 नवंबर से 23 नवंबर तक राष्ट्रपति शासन लागू रहा.

उच्चतम न्यायालय ने मंगलवार को कोश्यारी से कार्यवाहक अध्यक्ष नियुक्त करने और यह सुनिश्चित करने को कहा था कि सदन के सभी निर्वाचित सदस्यों को बुधवार शाम पांच बजे तक शपथ दिला दी जाए.

राकांपा नेता अजित पवार के समर्थन से 23 नवंबर को बनी भाजपा के नेतृत्व वाली सरकार मंगलवार दोपहर को तब गिर गयी जब पवार ने उपमुख्यमंत्री पद से इस्तीफा दे दिया और फिर उसके बाद देवेंद्र फडणवीस को भी मुख्यमंत्री पद से इस्तीफा देना पड़ा.

शिवसेना, राकांपा और कांग्रेस के ‘महाविकास अघाड़ी’ ने सोमवार को 162 विधायकों का समर्थन होने का दावा करते हुए राज्यपाल को एक पत्र सौंपा था.

राकांपा ने घोषणा की थी कि शिवसेना प्रमुख उद्धव ठाकरे महाराष्ट्र के अगले मुख्यमंत्री होंगे. वह बृहस्पतिवार शाम को दादर में स्थित शिवाजी पार्क में मुख्यमंत्री पद की शपथ लेंगे. इस स्थान पर उनकी पार्टी हर साल पारंपरिक दशहरा रैली का आयोजन करती है.

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