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Saturday, 21 December, 2024
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नवनीत और रवि राणा- महाराष्ट्र के कुख्यात पॉलिटिकल जिमनास्ट, जो रामदेव के शिविर में एक-दूसरे के करीब आए थे

रवि राणा तीन बार के विधायक हैं. उनकी पत्नी और पूर्व मॉडल-अभिनेत्री नवनीत कौर राणा एक सांसद हैं. मातोश्री के बाहर हनुमान चालीसा का पाठ करने का ऐलान किए जाने के बाद उन्हें ‘देशद्रोह’ के आरोप में गिरफ्तार किया गया है.

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मुंबई: एक पूर्व मॉडल और टॉलीवुड अभिनेत्री नवनीत राणा ने 2014 में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (एनसीपी) के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ा और उनके पति रवि राणा ने शरद पवार के नेतृत्व वाली पार्टी समर्थित उम्मीदवार के तौर पर महाराष्ट्र विधानसभा का चुनाव लड़ा.

राज्य में चुनावों के बाद राणा दंपति ने अपनी निष्ठा बदल ली और राज्य तथा केंद्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेतृत्व वाली सरकारों का दामन थाम लिया.

पांच साल बाद 2019 में नवनीत ने फिर लोकसभा चुनाव लड़ा और उनके पति रवि ने एनसीपी के समर्थन से राज्य का चुनाव लड़ा, जो इस बार कांग्रेस के साथ गठबंधन में चुनाव मैदान में थी.

चुनाव बाद इस जोड़े ने एक बार फिर भाजपा का दामन थाम लिया.

इस सबके बीच रवि और नवनीत राणा बाबा रामदेव के उत्साही अनुयायी और करीबी सहयोगी बने रहे, जो कांग्रेस और एनसीपी के कड़े आलोचक हैं.

तमाम तरह के विरोधाभासों के बावजूद अमरावती के राणा दंपति ने 2014 से एक पॉवर कपल के तौर पर अपनी राजनीतिक हैसियत बना रखी है. रवि राणा अभी अमरावती के बडनेरा से तीसरी बार विधायक हैं. उनकी पत्नी नवनीत कौर राणा ने 2019 में न केवल पहली निर्दलीय महिला सांसद के तौर पर अपनी प्रसिद्धि बनाई है, बल्कि उस चुनाव में नरेंद्र मोदी लहर के बावजूद जीत हासिल करने के वाले कुछ गिने-चुने प्रत्याशियों में भी शुमार रही हैं.

पिछले कुछ दिनों से यह दंपति पहले से कहीं अधिक सुर्खियों में छाया है. इन्होंने महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को चुनौती दी कि इस माह के शुरू में वे ठाकरे निवास मातोश्री में उनके साथ हनुमान चालीसा का पाठ करें. इस पर उन्हें न केवल आक्रामक शिवसेना सदस्यों की नाराजगी झेलनी पड़ी बल्कि अंततः देशद्रोह और अन्य आरोपो के तहत मुंबई पुलिस ने उन्हें गिरफ्तार कर लिया.

विदर्भ क्षेत्र, जिसमें अमरावती जिला आता है, के एक वरिष्ठ कांग्रेस नेता ने नाम न छापने की शर्त पर दिप्रिंट को बताया, ‘राणा दंपति राजनीति में बहुत कम अनुभव रखते हैं और उनका प्रभाव सीमित है. उन्होंने हवा के रुख के साथ चलते हुए अपना राजनीतिक करियर बनाया है. वे धनी हैं, और इसलिए उनके पास चुनाव लड़ने और जीतने का साधन है.’


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एक पॉवर कपल

नवनीत कौर राणा, जिनकी उम्र 37 वर्ष हैं, एक पंजाबी परिवार में पैदा हुई थीं और मुंबई में पली-बढ़ी हैं. 2003 में एक कन्नड़ थ्रिलर दर्शन के साथ उन्होंने सिल्वर स्क्रीन पर कदम रखा. नवनीत राणा ने तेलुगु, कन्नड़, तमिल, मलयालम, पंजाबी और हिंदी जैसी भाषाओं में दो दर्जन फिल्मों में अभिनय किया, हालांकि उनमें से अधिकांश टॉलीवुड (तेलुगु फिल्म उद्योग) की थीं.

रवि अमरावती के ही रहने वाले हैं, और उन्होंने 2009 से लगातार तीन बार बडनेरा से विधानसभा चुनाव लड़कर उनमें जीत हासिल की है.

नवनीत और रवि राणा दोनों ही बाबा रामदेव के कट्टर समर्थक रहे हैं और योग गुरु के साथ उनके नजदीकी रिश्ते हैं. यह युगल बाबा रामदेव के योग शिविरों में से एक में ही एक-दूसरे के करीब आया था, और 2011 में उनकी शादी के लिए वैदिक मंत्रों का जाप भी आध्यात्मिक नेता ने ही किया था.

उनकी शादी भी अपने आप में एक कहानी है. नवनीत और रवि राणा बिना किसी तामझाम के सामूहिक विवाह समारोह में शादी के बंधन में बंधे थे, जो अमरावती में आत्महत्या करने वाले किसानों के परिवारों के लिए आयोजित किया गया था. समारोह में कुल 3,200 जोड़ों ने शादी रचाई थी और इसमें महाराष्ट्र के तत्कालीन मुख्यमंत्री पृथ्वीराज चव्हाण, तत्कालीन राज्य उद्योग मंत्री नारायण राणे, अभिनेता विवेक ओबेरॉय और सहारा समूह के अध्यक्ष सुब्रत रॉय सहित तमाम गणमान्य लोग शामिल हुए थे.

यद्यपि राणा दंपति ने हमेशा से अपने राजनीतिक रिश्ते बनाए रखे हैं और कई मौकों पर कांग्रेस और एनसीपी की ओर रुख किया है, लेकिन इन दोनों ही दलों में कुछ लोगों के साथ उनका काफी समय से टकराव भी चलता रहा है.

उदाहरण के तौर पर नवनीत का अक्सर कांग्रेस की यशोमती ठाकुर के साथ टकराव होता रहा है, जो अब अमरावती की संरक्षक मंत्री हैं. पिछले माह अमरावती में एक सार्वजनिक समारोह को संबोधित करते हुए नवनीत राणा ने ठाकुर की आलोचना की और उनकी उम्र का हवाला दिया था. नवनीत ने दावा किया कि यशोमती ठाकुर उससे 10-15 साल बड़ी हैं, और वह चाहे जितनी कोशिश कर लें, ‘उनके चेहरे पर झुर्रियां तो नजर ही आएंगी.’

इस पर ठाकुर ने जवाब दिया कि उनके चेहरे पर पड़े निशान ‘एक किसान की बेटी की असली सुंदरता है.’

इसी तरह, राणा दंपति का संजय खोडके के साथ भी टकराव चलता रहता है, जिन्हें 2014 के लोकसभा चुनाव में राणा के खिलाफ प्रचार करने और नवनीत राणा की आलोचना करके ‘एक महिला की गरिमा को ठेस पहुंचाने’ की वजह से कथित तौर पर पार्टी विरोधी गतिविधियों में शामिल होने को लेकर एनसीपी ने निष्कासित कर दिया था. नवनीत की आलोचना की असली वजह थी, 2009 में खोडके की पत्नी सुलभा को हराकर रवि राणा का विधानसभा चुनाव में जीत हासिल करना.

शिवसेना के साथ जारी विवाद

हनुमान चालीसा को लेकर शिवसेना के साथ राणा दंपति का ताजा विवाद दरअसल सालों से जारी टकराव का हिस्सा है, जो इस दंपति का पार्टी के साथ चलता रहा है.

मार्च 2014 में एनसीपी के टिकट पर लोकसभा चुनाव लड़ रही नवनीत राणा ने शिवसेना के आनंदराव अडसुल और उनके समर्थकों पर गालियां और धमकी देने का आरोप लगाया था. इस पर अमरावती पुलिस ने अडसुल के खिलाफ मामला दर्ज किया था. तत्कालीन सांसद और शिवसेना के कद्दावर नेता अडसुल ने अपनी सीधी प्रतिद्वंदवी और अभिनेत्री से राजनेता बनी नवनीत राणा को 1.37 लाख मतों के अंतर से हरा दिया था.

उसी समय एक सामाजिक कार्यकर्ता ने नवनीत राणा के जाति प्रमाणपत्र को फर्जी बताते हुए कोर्ट में चुनौती दी. ये मामला जून 2021 तक चला, जब बांबे हाईकोर्ट ने प्रमाणपत्र रद्द कर दिया. और नवनीत को इस केस में महाराष्ट्र कानूनी सेवा प्राधिकरण के समक्ष 2 लाख रुपये का जुर्माना भी भरना पड़ा.

वहीं, 2019 के लोकसभा चुनाव में मोदी लहर के बावजूद नवनीत ने भाजपा-शिवसेना गठबंधन के आधिकारिक उम्मीदवार अडसुल को 36,951 मतों के बड़े अंतर से हराकर शिवसेना को हैरत में डाल दिया. चुनाव आयोग पर्यवेक्षकों की तरफ से घोषित उम्मीदवारों के खर्च के आंकड़ों के मुताबिक, नवनीत राणा ने अपने चुनाव अभियान पर एक बड़ी राशि खर्च की थी. उन्होंने 65 लाख रुपये खर्च किए जबकि शिवसेना ने निर्वाचन क्षेत्र में 49 लाख रुपये खर्च किए.

महाराष्ट्र विधानसभा चुनाव के बाद अक्टूबर 2019 में रवि राणा की शिवसेना के अमरावती जिला प्रमुख दिनेश बूब के साथ मारपीट हो गई. उस समय दोनों नेता एक वृद्धाश्रम में अलग-अलग कार्यक्रमों में हिस्सा ले रहे थे. उनके बीच पहले तो काफी देर जुबानी विवाद चलता रहा लेकिन थोड़ी देर बाद वे मारपीट पर उतर आए. रवि राणा ने आरोप लगाया कि शिवसेना नेता ने उनकी सांसद पत्नी के बारे में बात करते हुए अभद्र भाषा का इस्तेमाल किया.

मार्च 2021 में नवनीत राणा ने लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला को पत्र लिखकर शिवसेना सांसद अरविंद सावंत के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई. इसमें उन्होंने कहा कि सावंत ने अब बर्खास्त किए जा चुके पुलिसकर्मी सचिन वाजे के संबंध में एक मुद्दा उठाने पर उन्हें धमकी दी थी. उनके मुताबिक, सावंत ने कथित तौर पर कहा, ‘तू महाराष्ट्र मैं कैसे घूमती है मैं देखता हूं और तेरेको भी जेल में डालेंगे.’

अमरावती में पार्टी की गतिविधियों में शामिल शिवसेना के एक वरिष्ठ नेता ने नाम न छापने के अनुरोध के साथ दिप्रिंट को बताया कि राणा दंपति की ‘हनुमान चालीसा’ चुनौती कुछ और नहीं एक पब्लिसिटी स्टंट थी, लेकिन पार्टी को इतनी आक्रामक प्रतिक्रिया शायद नहीं देनी चाहिए थी.

उन्होंने कहा, ‘टकराव के बजाये, पार्टी को कहना चाहिए था कि मातोश्री आओ, और हनुमान चालीसा का जाप करो, हम आपको ऐसा करने के लिए एक शांत कमरा उपलब्ध करा देंगे, यह उनके सारे स्टंट की हवा निकाल देता. लेकिन दुर्भाग्यवश हमने राणा दंपति को राष्ट्रीय स्तर पर सुर्खियों में ला दिया.’

(इस खबर को अंग्रेजी में पढ़ने के लिए यहां क्लिक करें)


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