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Friday, 22 November, 2024
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उद्धव के खिलाफ टिप्पणी के बाद नारायण राणे गिरफ्तार, समर्थन में आए BJP अध्यक्ष बोले- ‘ना तो हम डरेंगे, ना दबेंगे’

केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे के कथित आपत्तिजनक बयान का बचाव करते हुए भाजपा नेता एवं उनके मंत्रिमंडल सहयोगी रामदास आठवले ने कहा कि मंत्री का इरादा मुख्यमंत्री का अपमान करने का नहीं था.

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मुंबई/नागपुर : महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे को थप्पड़ मारने संबंधी टिप्पणी पर विवाद के बाद केंद्रीय मंत्री नारायण राणे को मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया गया.

एक पुलिस अधिकारी ने बताया कि राणे को रत्नागिरी जिले में पुलिस ने हिरासत में लिया, जहां वह जन आशीर्वाद यात्रा के तहत दौरे पर थे. अधिकारी ने बताया कि हिरासत में लेने के बाद राणे को संगमेश्वर थाना ले जाया गया. ऐसी खबरें आयी हैं कि भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के नेता राणे ने उच्च रक्तचाप और ‘शुगर लेवल’ बढ़ने शिकायत की तथा उनकी जांच के लिए एक डॉक्टर को बुलाया गया.

केंद्रीय मंत्री और भाजपा नेता नारायण राणे ने महाराष्ट्र के सीएम उद्धव ठाकरे के खिलाफ अपनी टिप्पणी को लेकर उनके खिलाफ दर्ज प्राथमिकी को रद्द करने के लिए बॉम्बे हाईकोर्ट का रुख किया है.

नारायण के वकील का कहना है कि अदालत के आधिकारिक घंटे खत्म होने के कारण आज याचिका दायर नहीं की जा सकी. राणे की याचिका पर तत्काल सुनवाई कल होगी.

महाराष्ट्र भाजपा प्रमुख चंद्रकांत पाटिल ने नारायण राणे की गिरफ्तारी का विरोध करते हुए कहा,  ‘मैं नारायण राणे के बयान का समर्थन नहीं करता. लेकिन अगर उन्हें गिरफ्तार किया जाता है या सीएम के खिलाफ टिप्पणी के लिए उनके खिलाफ गिरफ्तारी वारंट जारी किया जाता है, तो वो ये बताएं कि उनके नेताओं के साथ क्या होना चाहिए जो एक संवैधानिक पदाधिकारी और राज्यपाल के खिलाफ लगभग हर दिन टिप्पणी करते हैं.’

वहीं बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जगत प्रकाश नड्डा ने भी नारायण राणे की गिरफ्तारी का विरोध किया है. नड्डा ने ट्वीट कर राणे की गिरफ्तारी को संवैधानिक मूल्यों का हनन बताया है. उन्होंने लिखा,’ महाराष्ट्र सरकार द्वारा केंद्रीय मंत्री नारायण राणे जी की गिरफ़्तारी संवैधानिक मूल्यों का हनन है. इस तरह की कार्यवाही से ना तो हम डरेंगे, ना दबेंगे. भाजपा को जन-आशीर्वाद यात्रा में मिल रहे अपार समर्थन से ये लोग परेशान है. हम लोकतांत्रिक ढंग से लड़ते रहेंगे, यात्रा जारी रहेंगी.

राणे ने दावा किया था कि स्वतंत्रता दिवस के मौके पर अपने संबोधन में ठाकरे यह भूल गए कि देश की आजादी को कितने साल हुए हैं.

राणे ने रायगढ़ जिले में सोमवार को ‘जन आशीर्वाद यात्रा’ के दौरान कहा, ‘यह शर्मनाक है कि मुख्यमंत्री को यह नहीं पता कि आजादी को कितने साल हो गए हैं. भाषण के दौरान वह पीछे मुड़कर इस बारे में पूछते नजर आए थे. अगर मैं वहां होता तो उन्हें एक जोरदार थप्पड़ मारता.’ राणे अपनी इस टिप्पणी के बाद विवादों में घिर गए और शिवसेना के कार्यकर्ताओं ने कई शहरों में विरोध प्रदर्शन किया है.

राणे का इरादा मुख्यमंत्री का अपमान करने का नहीं था, वह अपने बयान पर स्पष्टीकरण देंगे : आठवले

महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे के खिलाफ केन्द्रीय मंत्री नारायण राणे के कथित आपत्तिजनक बयान का बचाव करते हुए भाजपा नेता एवं उनके मंत्रिमंडल सहयोगी रामदास आठवले ने मंगलवार को कहा कि मंत्री का इरादा मुख्यमंत्री का अपमान करने का नहीं था और वह अपने बयान पर स्पष्टीकरण देंगे.

केंद्रीय सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता राज्य मंत्री आठवले ने पत्रकारों से कहा, ‘राणे का मतलब केवल इतना था कि ठाकरे महाराष्ट्र के विकास के लिए कुछ नहीं कर रहे हैं और लोगों की समस्याओं को समझने के लिए वह मुंबई में अपने आवास ‘मातोश्री’ से कभी-कभार ही बाहर निकलते हैं. राणे का मतलब था कि ऐसे मुख्यमंत्री को पद पर बने रहने का अधिकार नहीं है. वह यही कहना चाहते थे.’

‘रिपब्लिकन पार्टी ऑफ इंडिया’ (आरपीआई) के नेता ने कहा, ‘राणे मुख्यमंत्री का अपमान नहीं करना चाहते थे. वह इस मामले पर अपना रुख स्पष्ट करेंगे.’

आठवले ने यह भी कहा कि राणे ने अपना गुस्सा सिर्फ इसलिए निकाला क्योंकि मुख्यमंत्री लोगों की उम्मीदों पर खरे नहीं उतर रहे हैं.

उन्होंने कहा, ‘मुख्यमंत्री को सभी के लिए न्याय सुनिश्चित करना चाहिए. उनसे रोजगार के अवसर पैदा करने की भी उम्मीद थी. लेकिन महाराष्ट्र में इन मोर्चों पर पिछले दो साल में कुछ नहीं हुआ है. राणे के गुस्से का असली कारण महाराष्ट्र में विकास का अभाव था.’


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