अपने नाटकीय प्रदर्शन के लिए प्रसिद्ध चित्तूर के सांसद नरामल्ली शिवप्रसाद, मोदी को यह बताने के लिए कि वह हिटलर बन गए हैं, हिटलर के भेष में संसद पहुँचे।
नई दिल्लीः यह हर दिन नहीं होता है कि एक सांसद एडॉल्फ हिटलर के रूप में संसद पहुँचे। निचले सदन में अपने नाटकीय प्रदर्शन के लिए प्रसिद्ध, तेलुगू देशम पार्टी (टीडीपी) के सांसद डॉ. नारमल्ली शिवप्रसाद ने संसद के मानसून सत्र के लिए गुरूवार को हिटलर का भेष बनाया।
एक पूर्व अभिनेता के रूप में, शिवप्रसाद केन्द्र सरकार द्वारा आंध्र प्रदेश के साथ बर्ताव से संबंधित मुद्दों का विरोध करने के लिए अक्सर भगवान कृष्ण, सांता क्लॉज, एक ईसाई पुजारी और यहाँ तक कि महात्मा गाँधी आदि के किरदारों में नजर आ चुके हैं। कई साल पहले दिप्रिंट ने शिवप्रसाद के विचित्र पहनावे का जिक्र किया था।
हालांकि, इस बार शिवप्रसाद प्रधानमंत्री को चेतावनी देने वाले पहनावे में सामने आए हैं।
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संसद के बाहर एक न्यूज चैनल से उन्होंने कहा कि उनके पास “मोदी साहब के लिए एक सुझाव” है।
शिवप्रसाद ने कहा कि उन्होंने हिटलर का भेष इसलिए बनाया है क्योंकि वह मोदी को दिखाना चाहते हैं कि मोदी जी आप हिटलर बन गए हैं।
हिटलर की तरह बात करते हुए उन्होंने कहा कि “जर्मनी की सेना का अध्यक्ष बनने के बाद मैं किसी की न सुन सका, किसी से भी सलाह न ले सका, इसीलिए मैं बर्बाद हो गया…आप भी ऐसा ही कर रहे हैं, ऐसे मत बनिए।”
सांसद ने यह भी कहा कि मोदी ने आंध्र प्रदेश को और इसके मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू को राज्य और इसके लोगों से किए गए अपने वादों को न निभाकर धोखा दिया है। हालांकि, अगर “प्रधानमंत्री पश्चाताप करते हैं और सही काम करते हैं” तब तो कुछ उम्मीद है वरना वह “भारत में एक और हिटलर” होंगे।
सोमवार को भी शिवप्रसाद ने जयदेव गल्ला सहित अन्य टीडीपी सांसदों के साथ दोपहर में लोकसभा के सत्र में भाग लिया था। वह भगवान कृष्ण के रूप में थे। पार्टी के सदस्य सीधे अध्यक्ष सुमित्रा महाजन की डेस्क तक पहुँच गए और प्लाकार्ड्स हाथ में लिए हुए आंध्र प्रदेश के लिए एक विशेष राज्य के दर्जे की माँग को दोहराया।
टीडीपी का अपनी माँगों पर लोगों का ध्यान आकर्षित करने के लिए नाटकीय प्रदर्शन करना अपने पसंदीदा अभिनेता-सांसद तक की सीमित नहीं है। सत्र में एक बार सांसदों ने अपने प्लाकार्ड्स हवा में उछाल दिए। जिसके बाद उन्होंने इसे बाहर जाने का एक मुद्दा बना दिया। इसके बाद स्पीकर को 10 मिनट के लिए सत्र को स्थगित करना पड़ा।
शिवप्रसाद का अपनी कला के प्रति समर्पण इतना अधिक है कि 2005 में उन्हें अपनी फिल्म दंगा में खलनायक की भूमिका के लिए सर्वश्रेष्ठ खलनायक के अवार्ड से सम्मानित किया गया था। पेशे से एक चिकित्सक, शिवप्रसाद को पहली बार आंध्र प्रदेश के चित्तूर निर्वाचन क्षेत्र से लोकसभा के लिए चुना गया था। पहले उन्होंने चंद्रबाबू नायडू की अगुवाई वाली राज्य सरकार में मंत्री के रूप में भी कार्य किया है।
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