नई दिल्ली: संसद के मॉनसून सत्र के दौरान मंगलवार को सदन में महंगाई और जीएसटी के मुद्दे पर कांग्रेस सहित विपक्षी दलों ने खूब हंगामा किया. जिसके बाद राज्यसभा ने अब तक 19 सांसदों को एक हफ्ते के लिए सस्पेंड कर दिया है.
निलंबित सांसदों में सुष्मिता देव, डॉ. शांतनु सेन, डोला सेन, शांता छेत्री, मोहम्मद अब्दुल्ला, एल यादव, एए रहीम, वीवी शिवादासन, नदीमुल हक, अबीर रंजन विस्वास. कानिमोझी, संदोष कुमार, दामोदर राव आदि शामिल हैं.
केंद्रीय मंत्री, राज्यसभा के नेता पीयूष गोयल ने सांसदों के निलंबन पर कहा की हम बातचीत के लिए तैयार हैं. उन्होंने आगे कहा, ‘हम भी सदन में बताना चाहते हैं कि कैसे GST काउंसिल में आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, कम्युनिस्ट पार्टी, DMK, TRS ने मिलकर सर्वसम्मति से जो निर्णय लिए उस पर भी सदन नहीं चलने दे रहे हैं.’
‘विपक्ष चर्चा से भाग रही है क्योंकि वह अपनी जिम्मेदारियों में विफल रही है.’
19 opposition Rajya Sabha MPs suspended for the remaining part of the week for storming well of the House and raising slogans https://t.co/cyLSmWIvd3 pic.twitter.com/wGvlQQLNF5
— ANI (@ANI) July 26, 2022
सांसदों के निलंबन के बाद जिसमें टीएमसी की सांसद सुष्मिता देव भी शामिल हैं ने कहा, ‘ साफ है कि मोदी सरकार के पास महंगाई का जवाब नहीं है. अगर वित्त मंत्री की तबीयत ठीक नहीं है तो पीएम मोदी हमारे सवालों का जवाब दे सकते हैं. संसद में सवाल उठाने के लिए 19 सांसदों को निलंबित करना अनुचित है. हम संसद के अंदर और बाहर विरोध करेंगे.’
सांसदों के निलंबन के बाद कांग्रेस नेता प्रियंका गांधी ने ट्वीट किया, ‘भाजपा की तानाशाही अब खुलकर सामने है. संसद में जरूरी मुद्दों पर चर्चा नहीं कर सकते और सड़क पर जनता की आवाज नहीं उठा सकते. पुलिस और एजेंसियां लगाकर तानाशाह सरकार विपक्ष को दबाना चाहती है. यह सच की लड़ाई है न झुकेंगे, न डरेंगे लड़ेंगे, जीतेंगे.’
विपक्षी सांसदों ने वेल में प्रवेश कर नारेबाजी की. संसद के दोनों ही सदनों में महंगाई और जीएसटी को लेकर विपक्ष ने सदन में हंगामा किया.
इन विपक्षी सांसदों के हंगामें के कारण राज्यसभा की कार्यवाही 20 मिनट के लिए स्थगित की गई थी. कार्यवाही शुरू हुई लेकिन उसके बाद सदन में हंगामा शुरू हो गया जिसके बाद कार्यवाही को कल सुबह 11 बजे तक के लिए स्थगित कर दिया गया.
भाजपा की तानाशाही अब खुलकर सामने है। संसद में जरूरी मुद्दों पर चर्चा नहीं कर सकते और सड़क पर जनता की आवाज नहीं उठा सकते।
पुलिस और एजेंसियां लगाकर तानाशाह सरकार विपक्ष को दबाना चाहती है।
यह सच की लड़ाई है न झुकेंगे, न डरेंगे
लड़ेंगे, जीतेंगे। pic.twitter.com/xk0WGLq0q5— Priyanka Gandhi Vadra (@priyankagandhi) July 26, 2022
बधाई भी शिकायत भी
विपक्षी दलों के नेताओं ने राष्ट्रपति को पत्र लिखकर उन्हें पदभार ग्रहण करने की बधाई भी दी.
इन दलों ने राष्ट्रपति को एक पत्र भी लिखा है जिसमें उन्होंने कहा है कि, ‘बहुत दुर्भाग्यपूर्ण है कि संसद के मानसून सत्र के दौरान दोनों सदनों में गतिरोध बना हुआ है क्योंकि सरकार महंगाई और कई खाद्य वस्तुओं पर जीएसटी लगाने के मुद्दे पर चर्चा कराने के लिए तैयार नहीं है. ऐसे कई उदाहरण हैं कि पहले इस तरह के महत्वपूर्ण मुद्दों पर चर्चा हुई है, लेकिन यह सरकार अड़ियल रुख अपनाए हुए है और चर्चा कराने के लिए तैयार नहीं है.’
उन्होंने कहा, ‘हम आपका ध्यान इस ओर भी खींचना चाहते हैं कि मोदी सरकार, राजनीतिक विरोधियों के खिलाफ प्रतिशोध की सुनियोजित मुहिम के तहत जांच एजेंसियों का दुरुपयोग जारी रखे हुए है और इसे तेज कर दिया है. कानून को भय या पक्षपात के बिना लागू करना चाहिए. लेकिन इसे मनमाने और चुनिंदा ढंग से विपक्ष के प्रमुख नेताओं के खिलाफ बिना किसी उचित कारण के, लागू नहीं किया जा सकता.’
विपक्षी दलों ने राष्ट्रपति से आग्रह किया कि वह इन मामलों में हस्तक्षेप करें.
इस पत्र पर कांग्रेस के मल्लिकार्जुन खड़गे, आम आदमी पार्टी के संजय सिंह, राष्ट्रीय जनता दल के मनोज झा, मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी के एलामारम करीम, समाजवादी पार्टी के रामगोपाल यादव और कुछ अन्य विपक्षी नेताओं के हस्ताक्षर हैं.
कांग्रेस महासचिव जयराम रमेश ने एक वीडियो में इस पत्र का उल्लेख करते हुए कहा, ‘कई विपक्षी पार्टियों की ओर से महामहिम राष्ट्रपति को एक ज्ञापन दिया गया है. सभी विपक्षी दलों की यही मांग है कि महंगाई और खाद्य पदार्थों पर जीएसटी लगाए जाने के बारे में तत्काल चर्चा हो. पहले भी ऐसे मुद्दों पर चर्चा हो चुकी है. सरकार मान नहीं रही है. इसलिए संसद नहीं चल रही है.’
उन्होंने कहा, ‘हमारी मांग है कि कल संसद में महंगाई और जीएसटी पर चर्चा हो.’
गौरतलब है कि, ‘सोमवार को लोकसभा में भी कांग्रेस के 4 सांसदों को पूरे मॉनसून सत्र से निलंबित कर दिया गया हैं.’ लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला के चेतावनी देने क बाद भी विपक्षी सदन में तख्तियां दिखाकर प्रदर्शन करने और आसन की अवमानना करने के मामले में कांग्रेस के चार सदस्यों-मणिकम टैगोर, टी एन प्रतापन, जोतिमणि और राम्या हरिदास को पूरे सत्र से निलंबित कर दिया गया था.
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