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Thursday, 21 November, 2024
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मोदी सरकार का अध्यादेश स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों पर हुई सख्त, हो सकती है 7 साल तक की सजा

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, 'स्वास्थ्य कर्मचारियों पर हमले को किसी भी शर्त पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.' उनकी सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार पूरा संरक्षण देने वाला अध्यादेश जारी करेगा.

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नई दिल्ली: देशभर में स्वास्थ्य विभाग की टीम पर हो रहे हमलों के बीच नरेंद्र मोदी सरकार ने बड़ा फैसला लिया है. पीएम मोदी की अगुवाई में बुधवार को हुई कैबिनेट बैठक में एक अध्यादेश पारित किया गया. इसमें अब स्वास्थ्यकर्मियों पर हमला करने वालों के खिलाफ सख्ती से एक्शन लिया जाएगा.

राष्ट्रीय महामारी कानून में बदलाव करके यह अध्यादेश लागू किया जाएगा. इसके तहत डॉक्टरों पर हमला करना गैरजमानती अपराध होगा. इसकी जांच 30 दिनों में पूरी होगी. एक साल में फैसला होगा. इसमें जबकि 3 महीने से 5 साल तक की सजा हो सकती है. इसके अलावा गंभीर केस में 6 माह से 7 साल की सजा का भी प्रावधान रखा गया है. गंभीर मामलों में 50 हजार से 2 लाख तक का जुर्माना भी लगाया जाएगा. इसके अलावा स्वास्थ्यकर्मियों के वाहन और क्लीनिकों पर हमला करने की स्थिति में बाजार मूल्य का दोगुना मुआवजे के रूप में वसूला जाएगा.

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने कहा, ‘स्वास्थ्य कर्मचारियों पर हमले को किसी भी शर्त पर बर्दाश्त नहीं किया जाएगा.’ उनकी सुरक्षा के लिए केंद्र सरकार पूरा संरक्षण देने वाला अध्यादेश जारी करेगा.

केंद्र सरकार पहले ही स्वास्थ्यकर्मचारियों के लिए 50 लाख के इंश्योरेंस का फैसला किया था.

जावड़ेकर ने कहा, ‘देश में कोई भी पहले कोई कोविड अस्पताल नहीं था अब 723 कोविड अस्पताल है. इनमें दो लाख बेड बनकर तैयार हैं. इसमें 24 हजार आईसीयू बेड है, 12190 वेंटिलेटर है. वहीं 25 लाख से अधिक एन 95 मास्क भी हमारे पास हैं.’

प्रकाश जावड़ेकर ने आगे कहा, ‘इसके अलावा ढ़ाई करोड़ एन95 मास्क के आर्डर दिए जा चुके है. केंद्र सरकार की ओर से फर्टिलाइजर के लिए दी जाने वाले सब्सिडी को बढ़ा दिया गया है. इसे बढ़ाकर 22 हजार करोड़ से अधिक किया गया है.’

केंद्रीय मंत्री प्रकाश जावड़ेकर ने आगे कहा, सरकार ने अभी विमानों के संचालनों पर कोई भी निर्णय नहीं लिया है. वक्त आने पर इसका ऐलान ​किया जाएगा.

केंद्रीय मंत्री ने कहा, अब स्वास्थ्य विभाग की प्रेसवार्ता सप्ताह में चार दिन होगी. अन्य दिन प्रेस रिलीज जारी होगी या कैबिनेट की प्रेसवार्ता होगी.

सरकार का फैसला हाल में स्वास्थ्य कर्मियों पर हुए हमलों के मद्देनज़र लिया गया है. इंदौर में मेडिकल कर्मियों को मारने और उनपर थूकने की घटना हुई थी, वहीं मुरादाबाद में जांच के लिए आई डॉक्टरों की टीम पर पत्थर फेंके गए थे. सूरत में एक डॉक्टर के पड़ोसियों ने उनका जीना हराम कर दिया था जबकि दिल्ली और गुजरात ने भी डॉक्टरों को प्रताड़ित किए जाने उन्हें किराये के मकान जहां वह रहते हैं वहां नहीं रहने देने की भी शिकायतें लगातार आ रही थीं जिसके बाद केंद्र सरकार को 123 साल पुराने कानून के बाद अध्यादेश लाने की आवश्यकता पड़ी है.

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